सरकारी खनन कंपनियों के अधीन रॉयल्टी इंस्पेक्टर का पद बहुत ही महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी भरा होता है. रॉयल्टी इंस्पेक्टर का पद अत्यधिक सक्रिय और गाउंड-लेवल मॉनिटरिंग के लिए होता है जो कि सुनिश्चित करता है कि उत्खनन का कार्य बिना किसी बाधा के और बिना किसी गैर-कानूनी गतिविधि के सुचारू रूप से चलता रहे.
वस्तुत: ज्यादातर खनन कंपनियों में रॉयल्टी इंस्पेक्टर का पद होता है जो कि एक्सप्लोरेशन एवं माइनिंग संबंधित कार्यों, लीज-मैनेजमेंट एवं एडमिनिस्ट्रेशन और अन्य संबंधित कार्यों के निपटारे के लिए नियुक्त किया जाता है. यह रॉयल्टी इंस्पेक्टर की ही जिम्मेदारी होती है कि वो खनन कंपनी के खनन क्षेत्र में निकलने वाले मिनरल्स से प्राप्त होने वाले राजस्व संबंधी डॉक्यूमेंट्स को चेक करे. इनके अतिरिक्त भी रॉयल्टी इंस्पेक्टर का पद खनन कंपनी के अलग-अलग कार्योलयों में भी होता है, आइये इन्हें बारी-बारी से देखते हैं:
डिस्ट्रिक्ट ऑफिस में रॉयल्टी इंस्पेक्टर के कार्य
a. लीज का निरीक्षण
b. मिनरल ट्रांसपोर्ट निरीक्षण
c. स्टॉक पंजीकरण निरीक्षण
d. गैर-कानूनी खनन एवं ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ी शिकायतों का निरिक्षण
e. निरीक्षण की रिपोर्ट तैयार करना
f. नोटिस तैयार करना
g. अपील, रिविजन एवं कोर्ट से जुड़े अन्य मामलों पर टिप्पणी करना
फ्लाइंग स्क्वॉड में रॉयल्टी इंस्पेक्टर के कार्य
a. लीज का निरीक्षण
b. रिकॉर्ड निरीक्षण
c. मिनरल ट्रांसपोर्ट निरीक्षण
d. स्टॉक पंजीकरण निरीक्षण
e. गैर-कानूनी खनन एवं ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ी शिकायतों का निरिक्षण
f. निरीक्षण की रिपोर्ट तैयार करना
g. स्टेट लेवल एग्जीक्यूटिव कमेटी के लिए मीटिंग की व्यवस्था करना
h. क्वार्टली रिटर्न, मासिक एवं साप्ताहिक रिपोर्ट बनाना
i. कंट्रोल रूम फॉलो-अप्स
वीडियो: इस सप्ताह के करेंट अफेयर्स
फ्लाइंग स्क्वॉड में रॉयल्टी इंस्पेक्टर के कार्य
a. मुख्य मिनरल्स एवं ब्लॉक संबंधित कार्यों की देख-रेख
b. गैर-महत्वपूर्ण मिनरल्स एवं ब्लॉक संबंधित कार्यों की देख-रेख
c. क्वैरी परमिट / परवाना से जुड़े मामलों की देख-रेख
d. इन्वार्य़मेंटल क्लीयरेंस और माइनिंग प्लान से जुड़े मामलों की देख-रेख
e. निरीक्षण की रिपोर्ट तैयार करना
f. जीआर, नोटिफिकेशंस, सर्क्यूलर्स, हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एवं अन्य क्वासी-ज्यूडिशियल के निर्देशों का पालन एवं नीतियां बनाना
g. डीएमएफ, एनएमईटी एवं ड्राफ्ट से जुड़े नियम
h. एजी ऑडिट एवं पीएसी
i. आइटी से जुड़े मामलों की देख-रेख
j. एलएसक्यू, एलएक्यू एवं आरएसक्यू से जुड़े मामलों की देख-रेख
k. आरटीआइ, वीआइपी, विजलेंस कमीशन, पीजी पोर्टल से जुड़े मामलों की देख-रेख
l. मिनरल वाले क्षेत्र में एनओसी
m. नये जारी परमिट, लीज एवं स्टॉक रजिस्ट्रेशन का वर्चुअल एकाउंट बनाना
n. राज्य एवं केंद्र के इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी नीतियों से जुड़े मामलों की देख-रेख
रॉयल्टी इंस्पेक्टर बनने के लिए आवश्यक शैक्षणिक
रॉयल्टी इंस्पेक्टर बनने के लिए उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से जियोलॉजी या अप्लाईड जियोलॉजी में बीएससी और एमएससी डिग्री उत्तीर्ण होना चाहिए या माइनिंग इंजीनियरिंग में बीई या बीटेक डिग्री प्राप्त होना चाहिए. कहीं-कहीं अनुभव भी मांगा जाता है जो कि किसी माइनिंग खनन कंपनी मिनरल डिपॉजिट संबंधी इन्वेस्टीगेशन और जियोलॉजिकल मैपिंग के क्षेत्र में होना चाहिए.
रॉयल्टी इंस्पेक्टर बनने के लिए आवश्यक आयु सीमा
रॉयल्टी इंस्पेक्टर बनने के लिए उम्मीदवार की आयु न्यूनतम 18 वर्ष होनी चाहिए और अधिकतम 40 वर्ष होनी चाहिए.
रॉयल्टी इंस्पेक्टर बनने की सैलरी
रॉयल्टी इंस्पेक्टर की पद ज्यादातर खनन कंपनियों में होता है जहां कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयूज) के वेतनमान लागू होते हैं. यदि खनन कंपनी केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली है तो वहां केंद्रीय पीएसयूज के स्केल लागू होते हैं और यदि कंपनी केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली है तो वहां राज्य सरकार के स्केल के अनुसार सैलरी दी जाती है. रॉयल्टी इंस्पेक्टर के पद पर छठे वेतन आयोग के अनुरूप पे-बैंड-1 के अनुसार सैलरी दी जाती है. यदि संविदा के आधार पर नियुक्ति हो तो मासिक देय राशि रु.24000/- होती है.
रॉयल्टी इंस्पेक्टर की कहां मिलेगी नौकरी?
खनन कंपनियां सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (पीएसयू) होती हैं और इनके निकलने वाली नौकरियों के बारे में भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले पोर्टल्स या मोबाइल अप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट रहा जा सकता है.
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