लम्बे अर्से से शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे निरंतर परिवर्तन से इस क्षेत्र में सतत विकास हो रहा है और आने वाले समय में भी इसमें कई बदलाव होने की संभावना हैं। प्रौद्योगिकी में विकास ने शिक्षा के चेहरे को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। पाठ्यपुस्तकों से ईबुक्स, पत्रिकाओं से टैबलेट्स और गृहकार्यों से स्कूल असाइनमेंट साइट तक सभी का स्वरुप लगभग बदल सा गया है l इस उद्देश्य परक परिवर्तन ने पुरानी शिक्षा प्रणाली को लगभग समाप्त ही कर दिया है l
आने वाले चार वर्षों में या कहें कि वर्ष 2020 तक हम शिक्षा के बारे में पुनर्विचार करना शुरु कर देंगे।
इसके तहत शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन करते समय छात्रों के माता पिता को भी शामिल किये जाने के लिए रणनीति बनाई जाएगी l इसके अतिरिक्त स्कूलों द्वारा इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से अपने छात्रों से जुड़े रहने और उन्हें सामुदायिक भागीदारी हेतु प्रोत्साहित करने के भी तथ्यों पर काम किया जायेगा l
आगर वर्तमान शिक्षा प्रणाली के बारे में बात किया जाय तो इसमें गतिशीलता का अभाव तो नहीं है लेकिन यह दिनों दिन पुराना होता जा रहा है l बीते दशक में भारत के ज्ञान और सूचना क्षेत्रों में क्रांति आई है l भारत ने सूचना संचार तकनीक उन्मुख राष्ट्रों के समुदाय में विशेष स्थान प्राप्त किया है। लेकिन हम अभी भी औद्योगिक क्रांति के समय फैक्ट्री की नौकरियों के लिए श्रमिकों हेतु डिजाइन किये गए शिक्षा मॉडल का ही इस्तेमाल करते आ रहे हैं l अब वास्तव में समय आ गया है इस व्यवस्था को पूरी तरह से बदलने का l
शिक्षा जगत में आज के परिवर्तन को देखते हुए 2020 की शिक्षा प्रणाली के विषय में अगर आपको जानने का मौका मिले तो अवश्य ही यह जानकारी भविष्य में आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगी l
प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नत और शैक्षिक विकास की गति के वर्तमान रुझानों को देखते हुए Jagranjosh.com 10 दिलचस्प तथ्यों के साथ आपके सामने आया है। वर्ष 2020 में हमें लगभग कुछ ऐसी स्थिति नजर आएगी l
1. हमने डिप्लोमा के बारे में अलग तरीके से सोचना शुरु कर दिया है
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वर्ष 2020 तक पढ़ाई क्लास में न होकर वयाव्हारिक स्तर पर सभी तथ्य छात्रों को सिखाने के दृष्टिकोण से अलग अलग शिक्षकों की टीम के जरिये समूह में या फिर अपने घर में बैठे बैठे नेट के माध्यम से होगी l घंटों तक लेक्चर हॉल में रहने की बजाय छात्र अब सहयोगात्मक स्थान पर काम करेंगे। ऐसी जगहों पर भावी डॉक्टर, वकील, व्यापार जगत के प्रणेता, इंजीनियर, पत्रकार और कलाकार किसी भी समस्या को सुलझाने के अपने अलग– अलग दृष्टिकोण को एकीकृत करना सीखेंगे और मिल कर कुछ नया करेंगे l दुनिया भर के स्कूलों में पहले से चल रहा परिवर्तन अब पूरी तरह से लागू हो चुका होगा । नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन में हमने देखा है कि छात्र हेलवेट पैकर्ड (Hewlett Packard) और ऑटोडेस्क (Autodesk) जैसी कंपनियों के साथ काम कर ग्राहकों की जरूरतों को समझना सीख रहे थे।
2. अनौपचारिक शिक्षा
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शायद सबसे महत्वपूर्ण प्रवृत्ति जो अब हम देख रहे हैं, वह है मुफ्त एवं सस्ती अनौपचारिक शिक्षा की बाढ़, जिसे "व्यक्तिगत शिक्षण" कहना ठीक होगा। शिक्षा अब पेशेवर शिक्षा तक सीमित नहीं रह गयी है। अब शिक्षा वस्तुतः आजीवन सीखने की कला का एक अंग बन गयी है l इसमें शिक्षकों, विद्वानों, वैज्ञानिकों और उनके समर्थकों का संयुक्त प्रयास शामिल होगा l ये अब अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए पावर स्टडी ऑनलाइन प्रोजेक्ट्स और टूल्स का इस्तेमाल करने लगे हैं। जैसे
K12: खान एकेडमी (K12: Khan Academy), पावरमाई लार्निंग (PowerMy Learning), लर्नजिल्लियन (LearnZillion), बिग हिस्ट्री प्रोजेक्ट (Big History Project)
पोस्टसेकः उडेमी (Postsec: Udemy), लिंडा (Lynda), आईट्यून्स यू ( iTunes U), सेलर (Saylor)
3. पेपरबैक्स (Paperbacks)
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सभी प्रकार की पढ़ाई अब डिजिटल माध्यम से हो रही है। किताब भी अब पूरी तरह से डिजिटल हो गए हैं l
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4. केंद्रीय संस्थान
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स्कूलों की बड़ी बड़ी बिल्डिंग अब लर्निग सेंटर में तब्दील हो गए हैं l अब उन स्कूलों में सभी प्रकार की शिक्षा नहीं दी जाती है l इमारतों में हरियाली वाले क्षेत्रों में विस्तार हो गया है l एक साथ कैम्पस में कम उपस्थिति के लिए छात्र और शिक्षकों के कार्यक्रम बदल दिए गए हैं l अधिकांश छात्र प्रयोग और नए अनुभवों के लिए बाहर जा रहे हैं l
5. अभिभावक– शिक्षक सम्बन्ध
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वर्ष 2020 तक अभिभावक– शिक्षक का सम्बन्ध संचार साधनों के कारण बहुत प्रगाढ़ होंगें l स्कूल के संचालन में उनका अहम् रोल होगा l
6. कागज (पेपर)
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स्कूलों ने अपने कागज की खपत को 90% तक कम कर लिया है और मुद्रण उद्योग, कॉपियर उद्योग और कागज उद्योग अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं या समाप्त हो रहे हैं।
7. बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली
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उपस्थिति का ब्यौरा अब बायो स्कैन्स के जरिए रखा जाता है।
8. साक्षरता दर में बढ़ोतरी
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यह खुशी की बात है कि 2020 तक भारत वर्ष की साक्षरता की दर करीब 85 फीसदी हो जाएगी और महिलाओं की सक्षरता दर में काफी सुधार होगा और यह लगभग 80% तक पहुंच जाएगा।
9. उच्च शिक्षा
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विश्वविद्यालयों ने स्नातक स्तर की शिक्षा पर अधिक ध्यान देना शुरु कर दिया है। विश्वविद्यालयों के कम– से– कम 50% विद्यार्थी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। बड़ी संख्या में देश के इंजीनियरिंग कॉलेजों ने अपनी गुणवत्ता में सुधार किया है और भारत को विश्वस्तरीय आईआईटी के करीब ले आए हैं।
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10. शैक्षिक प्रबंधन
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शिक्षा प्रबंधन दिनों दिन और बेहतर और कुशल होता जा रहा है l भविष्य की जरूरतों के प्रति यह प्रभावी, पारदर्शी और संवेदनशील बन गया है। इसने एकल खिड़की (सिंगल विंडो) सेवा सुविधा देना शुरु कर दिया है। प्रबंधन ने अब परियोजना और अनुबंध आधारित कर्मचारियों को नियुक्त करने पर अधिक जोर देना शुरु कर दिया है। सभी प्रशासनिक इकाईयां अब इलेक्ट्रॉनिक रूप से एक दूसरे से जुड़ गयी हैं और इनमें शैक्षिक सूचना प्रबंधन प्रणाली (ईआईएमएस) के गहन तत्व शामिल हैं।
11. विदेशी विश्वविद्यालयों की भागीदारी
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उच्च शिक्षा की जरूरतें अकेले सरकार पूरा नहीं कर सकती। इसलिए इस क्षेत्र में सरकार निजी संस्थान और चुनींदा विदेशी विश्वविद्यालयों की भागीदारी को शामिल करेगी । दुनिया में उच्च शिक्षा में प्रमुख क्रांति हो रही है, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए हमने यथार्थवादी रवैया अपना लिया है।
निष्कर्षः
संक्षेप में हम सिर्फ यही कह सकते हैं कि बीते बीस वर्षों में हम जिस समाज में रह रहे हैं उसे सूचना प्रौद्योगिकी ने पूरी तरह बदल दिया है l जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कंप्यूटर्स और इंटरनेट ने अपनी पैठ बना ली है। सस्ती मोबाइल तकनीकों के आगमन के साथ विश्वसनीय उच्च– गति वाले इंटरनेट तक पहुंच ने सीखने और सिखाने की नई संस्कृति विकसित की है l शिक्षण संबंधी रणनीतियों ने शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया का दरवाजा खोल दिया है l आने वाले दशकों में शिक्षा अधिक विश्वस्तरीय होगी l यह टेक्नोलोजी पर अधिक निर्भर होगी और दुनिया भर में छात्रों के लिए अधिक सुलभ भी होगी ।
"शिक्षा खाली दिमाग को खुले दिमाग में बदल देती है। यह सूचना को व्यावहारिक रूप देती है।" इन्हीं शब्दों के साथ Jagranjosh.com अपनी बात यहीं खत्म करता है।
खुद को शिक्षित करना जारी रखें।
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