त्रिपुरा सरकार द्वारा हाल ही में नॉन टीचिंग स्टाफ के 12 हजार पदों पर की जाने वाली भर्ती के संबंध में एक पेटीशन की सुनवाई को गत मंगलवार सर्वोच्च अदालत ने अगले वर्ष के जनवरी माह तक लंबित कर दिया है जिससे त्रिपुरा की मौजूदा लेफ्ट फ्रंट सरकार की मुसीबत में इजाफा हुआ है. आपको बता दें कि अगले वर्ष के शुरू में त्रिपुरा में अस्सेम्बली इलेक्शन होने वाले हैं.
हाल ही में निर्मित इन 12 हजार नॉन टीचिंग स्टाफ के पदों में अकेडमिक काउंसिलर के 1200 पद, स्टूडेंट काउंसिलर के 3400 पद, स्कूल लाइब्रेरी असिस्टेंट के 1500 पद, होस्टल वार्डन के 300 पद और स्कूल असिस्टेंट के 5600 पद शामिल हैं.
त्रिपुरा के एक बेरोजगार युवक ने सर्वोच्च अदालत में कंटेम्प्ट पेटीशन दायर किया है जिसमें राज्य सरकार पर यह आरोप लगाया गया है कि मौजूदा त्रिपुरा सरकार ने त्रिपुरा की उच्च अदालत द्वारा कुछ विसंगतियों के कारण 10,323 सरकारी टीचर्स की नौकरी 31 दिसंबर को समाप्त करने के फैसले के विरोध में 12 हजार नॉन टीचिंग स्टाफ के पदों पर भर्ती को मंजूरी दी है.
आप को बता दें कि सर्वोच्च अदालत ने भी 29 मार्च को त्रिपुरा उच्च अदालत के 10,323 सरकारी टीचर्स की नौकरी 31 दिसंबर को समाप्त करने के फैसले को सही ठहराया था.
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