दुनिया में सदियों से जल-मार्ग से कारोबार हो रहा है. दुनिया भर की प्राचीन मानव सभ्यतायें नदी-घाटी सभ्यता (जैसेकि सिंधु घाटी की सभ्यता, मेसोपोटामिया की सभ्यता और इजिप्ट की सभ्यता) के नाम से प्रसिद्ध थीं. देश-दुनिया में मर्चेंट नेवी एक रोमांचकारी और साहसिक फील्ड है जिसमें शिपिंग कंपनियों के प्रोफेशनल्स समुद्री जहाजों पर कई तकनीकी और गैर-तकनीकी जॉब्स करते हैं. इंडियन शिपिंग इंडस्ट्री के विभिन्न करियर ऑप्शन्स में आजकल इंडियन यंगस्टर्स काफी इंटरेस्ट ले रहे हैं क्योंकि यह फील्ड समुद्र की लहरों के बीच आपको कई महीनों तक रोमांचक अनुभव प्रदान करने के साथ-साथ पूरी दुनिया में घूमने-फिरने का मौका भी देती है.
हमारे देश में मर्चेंट नेवी भले ही इंडियन नेवी से मिलता-जुलता नाम है, लेकिन यह इंडियन नेवी का हिस्सा नहीं है और न ही मर्चेंट नेवी कोई सैन्य फील्ड है. मर्चेंट नेवी में विभिन्न प्रोफेशनल्स यात्री जहाज, मालवाहक जहाज, कंटेनर या अन्य कई सी/ ओशन वेसल्स के माध्यम से हरेक किस्म के सामान और यात्रियों को एक देश से दूसरे देश तक समुद्री मार्ग से पहुंचाने का काम करते हैं. भारत में इन दिनों सरकारी और प्राइवेट क्षेत्र की कई कंपनियां विभिन्न शिपिंग सर्विसेज दे रही हैं. इसलिए, इंडियन मर्चेंट नेवी में यंग प्रोफेशनल्स के लिए कई करियर ऑप्शन्स उपलब्ध हैं जो इनके सुनहरे भविष्य की नींव रखने के साथ ही कई लाइफ टाइम रोमांचक अनुभव भी देते हैं. आइये आगे पढ़ें यह आर्टिकल:
इंडियन मर्चेंट नेवी ज्वाइन करने के लिए एलिजिबिलिटी शर्तें
हमारे देश में मर्चेंट नेवी के विभिन्न कोर्स करने के लिए स्टूडेंट्स ने किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड से कम से कम 60% मार्क्स के साथ साइंस (फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स) सब्जेक्ट में अपनी 12वीं क्लास पास की हो या फिर, इसके सामान एजुकेशनल क्वालिफिकेशन हासिल की हो. कुछ अन्य एलिजिबिलिटी क्राइटेरियाज़ निम्नलिखित हैं:
- एज लिमिट –न्यूनतम 17 साल – अधिकतम 25 साल
- फिजिकल फिटनेस –आपको अपनी फिजिकल फिटनेस के लिए किसी मेडिकल डॉक्टर से सर्टिफिकेट लेना होगा.
- विज़न –दोनों आंखें 6/6 (कलर ब्लाइंड कैंडिडेट्स एलिजिबल नहीं हैं.) इसी तरह, बीटेक – मरीन इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स और/ या एप्लिकेंट्स को विज़न से संबंधित एलिजिबिलिटी में कुछ छूट दी गई है. आप मर्चेंट नेवी में अप्लाई करने से पहले इस बारे में समुचित सोर्स या अधिकृत वेबसाइट से जानकारी जरुर हासिल कर लें.
- नागरिकता -कैंडिडेट्स भारत के नागरिक हों.
- मेरिटल स्टेटस -मेल-फीमेल कैंडिडेट्स सिंगल अर्थात अविवाहित हों.
- एडमिशन –एंट्रेंस टेस्ट और स्क्रीनिंग टेस्ट के बाद रिटन एग्जाम पास करना होता है. इसके बाद कैंडिडेट्स का इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट होता है.
- शिप-ट्रेनिंग कोर्स – मर्चेंट नेवी में जॉब ज्वाइन करने से पहले कैंडिडेट्स को एक शॉर्ट-टर्म शिप-ट्रेनिंग कोर्स पूरा करना होता है. इस कोर्स में कैंडिडेट्स को समुद्री यात्रा के बेसिक सिक्यूरिटी टिप्स सिखाये जाते हैं.
इंडियन मर्चेंट नेवी और शिपिंग के प्रमुख एकेडमिक कोर्सेज
हमारे देश में मर्चेंट नेवी की विभिन्न फ़ील्ड्स में अपना करियर शुरू करने के लिए स्टूडेंट्स को निम्नलिखित एजुकेशनल कोर्सेज में से अपने लिए सूटेबल कोर्स सफलतापूर्वक पूरा करना होगा:
डिप्लोमा लेवल के कोर्सेज और अवधि
- डिप्लोमा – मरीन इंजीनियरिंग (3 साल)
- डिप्लोमा – नेवल आर्किटेक्चर एंड ऑफशोर इंजीनियरिंग (3 साल)
- डिप्लोमा – मरीन इंजीनियरिंग (1 साल)
- डिप्लोमा – नॉटिकल साइंस – (1 साल)
- डिप्लोमा – लोजिस्टिक्स एंड शिपिंग (1 साल)
ग्रेजुएशन लेवल के डिग्री कोर्सेज अवधि
- बीएससी – मरीन साइंस (3 साल)
- बीएससी – मरीन कैटरिंग
- बीएससी – शिप बिल्डिंग एंड रिपेयर्स (3 साल)
- बीटेक/ बीई – मरीन इंजीनियरिंग (4 साल)
- बीई – मरीन/ सिविल/ मैकेनिकल/ पेट्रोलियम/ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स/ हार्बर एंड ओशन/ नेवल आर्किटेक्चर एंड ऑफ-शोर इंजीनियरिंग कोर्सेज (4 साल)
- इलेक्ट्रो टेक्निकल ऑफिसर कोर्स (ग्रेजुएशन के बाद 17 सप्ताह का स्पेशल कोर्स)
पोस्टग्रेजुएशन लेवल के डिग्री कोर्सेज और अवधि
- एमएससी – शिपिंग ट्रेड एंड फाइनेंस (1 साल)
- एमएससी – इंटरनेशनल शिपिंग एंड लोजिस्टिक्स (1 साल)
- एमटेक – मरीन इंजीनियरिंग (2 साल)
- एमबीए – शिपिंग एंड लोजिस्टिक्स (2 साल)
- एमबीए – पोर्ट एंड शिपिंग मैनेजमेंट (2 साल)
- एमबीए – इंटरनेशनल ट्रांसपोर्टेशन एंड लोजिस्टिक्स मैनेजमेंट (2 साल)
इंडियन नेवी: टॉप इंडियन एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स
- मरीन इंजीनियरिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, मुंबई/ कोलकाता
- इंडियन मेरीटाइम यूनिवर्सिटी, चेन्नई/ विशाखापट्नम/ कोच्चि
- लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज ऑफ़ एडवांस मरीन टाइम स्टडीज़ एंड रिसर्च, मुंबई
- सीवी रमण कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, भुबनेश्वर
- बालाजी सीमैन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, चेन्नई
- स्कूल ऑफ़ सीमैनशिप एंड नॉटिकल टेक्नोलॉजी, तमिलनाडु
- कोयंबटूर मरीन कॉलेज, कोयंबटूर
- मरीन ट्रेनिंग एकेडेमी, दमन
- इंस्टीट्यूट ऑफ़ मरीन स्टडीज़, गोवा
- कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट, कोलकाता
इंडियन मर्चेंट नेवी में रैंक-आर्डर
डेक डिपार्टमेंट
- चीफ ऑफिसर/ मेट
- सेकंड ऑफिसर/ मेट
- थर्ड ऑफिसर/ मेट
- डेक कैडेट्स
डेक रेटिंग (नॉन-ऑफिसर्स)
- बोसन (हेड – रेटिंग स्टाफ)
- वेल्डर/ फिटर
- एबल बॉडीड सीमैन (एबी)
- ऑर्डिनरी सीमैन (ओएस)
- ट्रेनी (ओएस)
इंजन डिपार्टमेंट
- चीफ इंजीनियर
- सेकंड इंजीनियर/ फर्स्ट असिस्टेंट इंजीनियर
- फोर्थ इंजीनियर/ थर्ड असिस्टेंट इंजीनियर
- फिफ्थ इंजीनियर/ इंजन कैडेट
- इलेक्ट्रिकल ऑफिसर
इंजन रूम रेटिंग
- फिटर
- मोटरमैन
- वाइपर
- ट्रेनी फिटर/ ट्रेनी वाइपर
कैटरिंग डिपार्टमेंट
- चीफ कुक
- ट्रेनी कुक
- स्टुअर्ड
इंडियन मर्चेंट नेवी में जॉब प्रॉस्पेक्ट्स
बेशक, दुनिया के सभी देशों का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मुख्य रूप से मर्चेंट नेवी पर टिका है. दुनिया भर के देशों में सामान और लोगों की आवा-जाही इन्हीं समुद्री जहाजों से होती है. आजकल हरेक देश में शिपिंग कंपनियों का काफी बड़ा नेटवर्क बन चुका है, जिनमें कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए मर्चेंट नेवी के प्रोफेशनल्स की मांग लगातार बढ़ती ही जा रही है. आप देश-विदेश की विभिन्न बड़ी शिपिंग कंपनियों में नेविगेशन ऑफिसर, इलेक्ट्रिकल ऑफिसर, मरीन इंजीनियर और रेडियो ऑफिसर जैसी टेक्निकल जॉब्स ज्वाइन करने के साथ ही अपनी क्वालिफिकेशन और जॉब इंटरेस्ट के मुताबिक स्टुअर्ट, डाइवर, लाइट कीपर, नॉटिकल सर्वेयर जैसे अन्य प्रोफेशनल्स भी बन सकते हैं. इसी तरह, डेक डिपार्टमेंट में ‘रेटिंग’ के तौर पर ऐसा स्टॉफ होता है जो विभिन्न कार्यों में अपना सहयोग देता है.
इंडियन मर्चेंट नेवी में चुनौतीपूर्ण जॉब से मिलेंगे रोमांचक अनुभव भी
हमारे देश में मर्चेंट नेवी में आपको काफी अच्छा सैलरी पैकेज और रोमांचक अनुभव तो मिलते ही हैं लेकिन इसके साथ ही मर्चेंट नेवी की सभी जॉब्स में रूटीन बेस पर चुनौतियां भी बहुत आती रहती हैं. इन पेशेवरों को महीनों समुद्र के बीच अपने घर-परिवार और दोस्तों-रिश्तेदारों से दूर रहना पड़ता है. इसलिए मर्चेंट नेवी में कोई पेशा ज्वाइन करने के लिए आपके पास काफी धैर्य होना चाहिए. अक्सर इन पेशेवरों को समुद्री यात्रा के सिलसिले में अलग-अलग देशों में आना-जाना पड़ता है. इसलिए हर देश के माहौल, खानपान, मौसम के बदलाव और विभिन्न लैंग्वेजेज से खुद को एडजस्ट करना इन पेशेवरों के लिए काफी जरुरी होता है. दरअसल, जो लोग साहसिक काम में दिलचस्पी रखते हों और देश-विदेश में घूमने-फिरने के शौकीन हों, उनके लिए यह एक सूटेबल करियर ऑप्शन है.
इंडियन शिपिंग लाइन के अन्य प्रमुख करियर ऑप्शन्स
- मरीन इंजीनियर
- डेक ऑफिसर
- डेक कैडेट
- स्टुअर्ड
- मरीन कुक
- जनरल क्रू
- पोर्ट कैप्टेन
- चीफ इंजीनियर
- एसोसिएट डायरेक्टर
- मैनेजर – पोर्ट लोजिस्टिक्स
- डॉक्यूमेंटेशन एग्जीक्यूटिव
इंडियन मर्चेंट नेवी: टॉप रिक्रूटर्स
- शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड
- नॉर्दन मरीन मैनेजमेंट (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड
- विल्हेल्मसेन शिप मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
- कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड
- ट्रासपोर्ट कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (TCIL)
- अदानी पोर्ट्स एंड स्पिकल इकनोमिक जोन लिमिटेड
- एस्सार शिपिंग लिमिटेड
- गुजरात पीपावाव पोर्ट लिमिटेड
- ग्रेट ईस्टर्न शिपिंग कंपनी लिमिटेड
- AGS फोर विंड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
इंडियन मर्चेंट नेवी में मिलने वाला सैलरी पैकेज
हमारे देश में शुरू में मर्चेंट नेवी पर्सनल्स को एवरेज रु. 50 हजार – 80 हजार रुपये तक मासिक सैलरी मिलती है. भारत में किसी डेक कैडेट को एवरेज 20 – 30 हजार रूपये मासिक और किसी डेक ऑफिसर को लगभग 1.5 लाख रूपये तक मासिक सैलरी मिलती है. वहीं, सर्विस डिपार्टमेंट से जुड़े प्रोफेशनल्स को शुरू में एवरेज 25 से 30 हजार रुपये तक सैलरी मिल जाती है. इसके अलावा, अब क्योंकि इन पेशेवरों की जॉब शिप में 24x7 के लिए होती है इसलिए, इन पेशेवरों को फ्री एकोमोडेशन, फ्री फ़ूड, फैमिली मेंबर्स के लिए आने-जाने की फ्री फैसिलिटी, बोनस, हॉलिडे ट्रेवल, पेड लीव्स और अन्य वार्षिक लाभ भी मिलते हैं. आसान शब्दों में, जब ये पेशेवर किसी शिप में अपनी ड्यूटी देते हैं तो इनकी पूरी इनकम बच जाती है.
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