Success Story: एक पुरानी कहावत है कि मंजिलें उन्हीं को मिलती है, जिन्हें धूप में भी छांव की जगह मंजिलों की तलाश रहती है। देश में हर साल लाखों युवा सिविल सेवाओं की तैयारी करते हैं। हालांकि, सफलता केवल उन्हीं छात्रों के हिस्से में आती है, जो गंभीर होकर परीक्षा की तैयारी करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कठिनाईयां होती हैं, जो समय-समय पर उसका हौंसला तोड़ती हैं। हालांकि, यदि मन में मंजिल तक पहुंचने का ठान लिया है, तो आपको आपकी मंजिल तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता है। यह सच कर दिखाया है उत्तर प्रदेश के रहने वाले अरविंद सोनकर ने, जिन्होंने फल का ठेला लगाकर अपना परिवार का खर्च चलाया। परिवार में पिता को लकवा को मार गया था। वहीं, मां को कैंसर हुआ और कुछ समय बाद उनका निधन हो गया। हालांकि, अरविंद ने हार नहीं मानी और अपनी तैयारी को जारी रखा। अंत में उन्होंने 86 रैंक के साथ इस परीक्षा को पास कर लिया है, जिसके बाद अब वह DSP बनेंगे।
अरविंद सोनकर का परिचय
अरविंद सोनकर मूलरूप से उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अपने जिले से ही पूरी की। इसके बाद स्नातक की पढ़ाई के लिए वह प्रयागराज चले गए। यहां इलाहबाद विश्वविद्यालय से उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
पिता लगाते थे फल का ठेला
परिवार में पिता गोरख सोनकर फल का ठेला लगाते थे। इससे परिवार का खर्च चलता था। हालांकि, कुछ समय बाद अरविंद के पिता को लकवा मार गया था, जिससे परिवार में आर्थिक संकट बढ़ गया था। उनके परिवार में पांच बहन और दो भाई हैं।
अरविंद ने बेचे फल
अरविंद ग्रेजुएशन के बाद सिविल सेवा की तैयारी करने के लिए दिल्ली चले गए थे। हालांकि, कोरोना महामारी में उन्हें वापस लौटना पड़ा। पिता को लकवा हो गया था। ऐसे में उन्होंने कुछ समय फल के ठेले पर फल बेचे। इस दौरान वह अपनी पढ़ाई भी कर रहे थे।
मां का कैंसर से हो गया था निधन
अरविंद की मां को कैंसर हो गया था। ऐसे में कुछ समय बाद उनकी मां का निधन हो गया। परिवार में पिता व भाई-बहनों की जिम्मेदारी उन पर थी। हालांकि, उनके मामा ने उनके परिवार की जिम्मेदारी ली।
पढ़ने पर दिया जोर
मामा द्वारा परिवार की जिम्मेदारी संभालने के बाद अरविंद को पढ़ने का मौका मिल गया था। ऐसे में उन्होंने दिन- रात एक कर सिविल सेवाओं की तैयारी की। वह इससे पहले भी यह परीक्षा दे चुके थे, हालांकि वह अपने पहले प्रयास में सफल नहीं हो सके थे।
86 रैंक के साथ बने DSP
अरविंद सोनकर ने पीसीएस सिविल सेवाओं के लिए फिर से प्रयास किया और इस बार 2022 की परीक्षा में उन्होंने 86 रैंक के साथ इस परीक्षा को पास किया है, जिसके बाद वह DSP बनने जा रहे हैं।
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