शिक्षक दिवस : गुरु को सम्मानित करने की भारतीय परम्परा

Apr 26, 2019, 15:04 IST

भारतीत संस्कृति में कहते हैं – “गुरु गोविन्द दोउ खड़े काके लागू पायं,बलिहारी गुरु आपनो जो गोविन्द दियो बताय” अर्थात गुरु का दर्जा भगवान से भी बड़ा है क्योंकि भगवान की प्राप्ति का मार्ग गुरु ही तो बताता है.

Teachers Day: Express Your Gratitude towards your Gurus
Teachers Day: Express Your Gratitude towards your Gurus

भारतीत संस्कृति में कहते हैं – “गुरु गोविन्द दोउ खड़े काके लागू पायं,बलिहारी गुरु आपनो जो गोविन्द दियो बताय” अर्थात गुरु का दर्जा भगवान से भी बड़ा है क्योंकि भगवान की प्राप्ति का मार्ग गुरु ही तो बताता है. जीवन से जुड़े हर निर्णय को प्रासंगिक रूप से सही ढंग से लेने की विधा जीवन में अगर कोई सिखाता है तो वह है प्रथम गुरु मां और द्वितीय गुरु शिक्षक.
एक विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक ही वह व्यक्ति है जो अपने ज्ञान, धैर्य, प्यार और देख-भाल से उसके पूरे जीवन को एक मजबूत और सही आकार देता है. लेकिन  जिंदगी में बहुत दूर निकल जाने के बाद हमें इन बातों का ख्याल आता है तथा इसके महत्व का एहसास होता है. यदि आपके जीवन में भी एक सार्थक राह दिखाने में किसी शिक्षक ने आपकी मदद की है, तो 5 सितंबर को इस शिक्षक दिवस पर उनसे संपर्क कीजिए और अपने अंतरतम से उन्हें धन्यवाद दीजिये.

पिछले वर्ष मुझे दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में एक प्रेरणादायक वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया. वार्ता का विषय ‘अनुशासन और सफलता’ था. इस दौरान एक बात ने मेरे दिल को बहुत प्रभावित किया. बात यह थी कि वार्ता समाप्त होने पर एक छात्र मुझे निजी तौर पर धन्यवाद देने के लिए आया. वह बोला, ‘सर, हम शिक्षकों का बहुत मखौल उड़ाते हैं, जबकि वे हमें केवल अच्छी बातें सिखाते हैं. जिंदगी में आगे जाकर ही हमें उन बातों के महत्व का एहसास होता है. मैं उन बारीक परख और नजरिए के लिए आभारी हूं जो आपने हमें बताए हैं और आशा है मैं आपके मार्गदर्शन के अनुरूप आचरण कर पाऊंगा.’ उसकी इस बात ने धन्यवाद और आभार की शक्ति के बारे में मेरे मन के अंदर अनवरत विचारों का एक सिलसिला शुरू कर दिया.मुझे भी अपने स्कूल और कॉलेज के दिन और रिश्ते याद आने लगे, जो मैंने अपने कुछ शिक्षकों के साथ बनाए थे. उन दिनों हमारे पास मोबाइल और सोशल मीडिया नहीं होता था. इसलिए मैं अपने अधिकतर शिक्षकों के साथ संपर्क गंवा बैठा. लेकिन फिर भी मैं शिक्षकों और उनके जीवन के अनुभवों का हमेशा ऋणी रहा हूं, जिन्होंने मेरे जीवन को बेहतर बनाने के लिए मार्गदर्शन दिया है. प्रति वर्ष 5 सितंबर को मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में आइए अपने सभी शिक्षकों, परामर्शदाताओं, गुरुजनों और माता-पिता का धन्यवाद करें, जिनके आशीर्वाद से हमने बहुत कुछ सीखा है:

सतत अभ्यास करने की सलाह

शिक्षक का जीवन तैयारी के चारों ओर बसा होता है. वे आपको पढ़ाएंगे, आपको सिखाएंगे, आपसे अभ्यास करवाएंगे, आपसे प्रश्न पूछेंगे और यथासंभव सर्वश्रेष्ठ तरीके से विषयवस्तु को सीखने में आपकी मदद करने के लिए आपसे उलट प्रश्न भी पूछेंगे, ताकि विफलता की संभावना को कम से कम किया जा सके. इसी तरह, आप जितना अधिक तैयारी करेंगे, जितना अधिक रिहर्सल करेंगे और अपनी चुनिंदा कला पर महारत हासिल करेंगे, सफलता की ओर आपके अग्रसर होने की संभावना भी उतनी ही अधिक होती चली जाएगी.

असफलता  एक महान शिक्षक

कोई भी सर्वगुण-संपन्न जिंदगी नहीं जी पाता है. याद रखिये असफलता जिंदगी के हमारे सफर में कोई बाधा नहीं है.ये हमारी नियति को निर्धारित करने में सबसे बड़ी सीख देती हैं।. कहा भी जाता है कि असफलताएं ही सफलता की जननी है.इसलिए अगली बार, जब किसी समस्या या चुनौती से आपका सामना हो, तब निराश मत होइये. उसे सहर्ष गले लगाइये और आप विश्वास नहीं करेंगे कि वह किस तरह से आपके लिए सफलता की राह प्रशस्त करेगी.

दंड देने के पीछे कामयाब बनाने की भावना

स्कूल के शुरुआती दिनों में जब हमारे शिक्षक हमें दंड देते थे, तो शायद हमारा दिल टूट जाया करता था, हमें बहुत दुःख होता थालेकिन फिर भी हमें यह याद रखने की जरूरत है कि हमें दिया गया वह दंड एक वांछित आचरण या परिणाम के लिए था, न कि हमारे लिए. स्कूल के दिनों में मेरी एक अध्यापिका ने मुझे डांट लगाई और बड़े गुस्से से बोलीं कि मैं अंग्रेजी में एक वाक्य तक कभी नहीं बोल सकता हूं. यह बात मुझे इतनी चुभी कि मैंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और एक जनवक्ता बनने का फैसला किया.आज भी मैं उस बेहद कड़वी बात का आभारी हूं जो उन्होंने मुझे बोली थी.

जीवन की सच्ची राह  तलाशने  में  मदद

एक अच्छा शिक्षक अपने विद्यार्थियों की शक्तियों और कमजोरियों को जानता है. इसलिए वह आपको ऐसे प्रश्न नहीं देगा जिन्हें हल करने में आप समर्थ नहीं हैं. कमोबेश यही चक्र हमारे जीवन के रूपों में दिखता है. जैसे जीवन की राह में यदि आपके सामने कोई कठिन प्रश्न आता है, तो आपके पास केवल दो संभावनाएं होंगी या तो आप उसे हल करने का एक रास्ता खोजेंगे या फिर एक ऐसा रास्ता खोजेंगे जो कामयाब नहीं है। इन दोनों स्थितियों में आप उन संभावनाओं को खोज रहे हैं जो आपके अंदर गहराई में निहित हैं और इसलिए आप ऊंचा उठकर अपनी सच्ची संभावना तक पहुंच पाएंगे।
वस्तुतः शिक्षक के सन्देश पगडण्डी की तरह काम करते हैं. उसके सहारे हम जीवन पथ की हर पगडंडियों को धीरे धीरे टेकते हुए बड़ी आसानी से सफलता पूर्वक जीवन का आनंद लेते हुए निरंतर आगे बढ़ सकते हैं.

Jagran Josh
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Education Desk

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