Get UP Board class 10th mathematics notes on fifth unit chapter-8; Circle Part-I. Here we are providing each and every notes in a very simple and systematic way. Many students find mathematics intimidating and they feel that here are lots of thing to be memorised. However mathematics is not difficult if one take care to understand the concepts well. Topics which are covered in this article is given below :
1. परिभाषा: वृत्त (Circle): वृत्त एक समतल में स्थित उन बिन्दुओं का समुच्चय (Set) होता है जो समतल में दिये गये एक स्थिर बिन्दु से दी हुई नियत दूरी पर होते हैं।

स्थिर बिन्दु को वृत्त का केन्द्र (Centre) और इस केन्द्र से वृत्त के प्रत्येक बिन्दु की नियत दूरी को वृत्त की त्रिज्या (Radius) कहते हैं|
केन्द्र O और त्रिज्या r वाले वृत्त को C(O, r) से प्रकट किया जाता है। (आकृति देखिए)
नोट : (i) वृत्त की परिभाषा एक बिन्दुपथ के रूप में भी दी जा सकती है।
परिभाषा : यदि एक समतल में कोई बिन्दु इस तरह गतिमान होता है कि समतल में दिये गये एक बिन्दु से उसकी दुरी सदा नियत रहती हो, तो इस बिन्दू के पथ को वृत्त कहते हैं।
(ii) समुच्चय संकेतन में वृत्त को इस प्रकार लिखा जाता है :
C(O, r) = {X : OX = r}
(iii) एक वृत्त को सभी त्रिज्याएँ समान होती हैं। आकृति में,
OX = OY = OZ = r.
2. वृत्त का अन्त: और बाह्य भाग (Interior and Exterior of a Circle) : बिन्दु P को, जहाँ OP < r, वृत्त का अन्त: बिन्दु कहते हैं । वृत के अन्त : भाग की I1 से वाति हैं। सांकेतिक रूप में,
I1 = {P : OP < r}
बिन्दु Q को, जहाँ OQ > r, वृत्त का बाह्य बिन्दु कहते है। वृत्त के बाह्य भाग को I2 से दर्शाते हैं । सांकेतिक रूप में

I2 = {Q : OQ > r},
3. गोल चक्रिका (Circular Disc) : वृत्त C (O, r) के अंत: भाग और वृत्त पर स्थित बिन्दुओं के समुच्चय को केन्द्र O और त्रिज्या r वाली एक गोल चक्रिका (Circular disc) कहते है। (आकृति देखिए)

4. संकेन्द्रीय वृत्त (Concentric Circles) : एक ही केन्द्र वाले दो या दो से अधिक वृत्तों को संकेन्दीय वृत्त कहते है। (आकृति देखिए) –

5. वृत्त का चाप (Arc of a Circle) : यदि P, Q वृत्त C(O, r) पर कोई दो बिन्दु हों, तो वृत्त दो भागो में बट जाता है जिसमें प्रत्येंक भाग को वृत्त का चाप कहते हैं। छोटे भाग को लघु चाप (Minor arc) और बड़े भाग को दीर्घ चाप (Major arc) कहा जाता है। आकृति में लघु चाप तथा दीर्घ चाप है । चाप को प्राय: से दर्शाते हैं।

UP Board Class 10 Mathematics Notes On Statistics (Chapter Fifth), Part-II
6. दक्षिणवर्त दिशा और वामावर्त दिशा (Clockwise direction and Counter clockwise or anti-clockwise direction) : जिस दिशा में घडी की मिनट की सूई घूमती है उसे दक्षिणावर्त दिशा कहते हैं और इसकी उलटी दिशा को वामावर्त दिशा कहते है। आकृति में, P से Q तक की दिशा वामावर्त दिशा तथा Q से P तक की दिशा दक्षिणावर्त दिशा है।

7. वृत्त को जीवा (Chord of Circle) : वृत्त के दो बिन्दुओं को मिलाने वाले रेखाखण्ड को वृत्त की जीवा कहते हैं । (आकृति देखिए) आकृति में वृत्त पर स्थित प्रदत दो बिन्दुओं P तथा Q से खींची गई रेखा जीवा PQ है।

8. वृत्त का व्यास (Diameter of a Circle) : वृत्त के केन्द्र से होकर जाने वाली जीवा को वृत्त का व्यास कहते हैं। आकृति मे, RS वृत्त का एक व्यास है। यदि d वृत्त C(O, r) ही का व्यास हो, तो
d = 2r, (आकृति देखिए)
नोट : (i) एक वृत्त के अनेक व्यास हो सकते हैं।
(ii) वृत्त के सभी व्यास लम्बाई में बराबर होते हैं।
(iii) वृत्त का व्यास उस वृत्त की सबसे लम्बी जीवा होती है।
(iv) वृत का व्यास वृत्त की त्रिज्या का दुगुना होता है।
UP Board Class 10 Notes For Trigonometry (Chapter Sixth), Part-III
9. अर्द्धवृत्त (Semi-circle) : वृत्त का व्यास उसे दो बराबर चापों से विभाजित करता है। इन दो चापों में से प्रत्येक को अर्द्धवृत्त कहते हैं । आकृति में और अर्द्धवृत्त हैं।

10. वृत्तखण्ड (Segment of a Circle) : वृत्त की जीवा वृत्ताकार चक्रिका को दो भागों में विभाजित करती है। इन दो भागों में से प्रत्येक भाग को वृत्तखण्ड कहते हैं। छोटे भाग को लघु वृत्तखण्ड (Minor Segment) और बड़े भाग की दीर्घ वृत्तखण्ड (Major Segment) कहते हैं। इन खण्डों में से प्रत्येक खण्ड की दूसरे खण्ड का एकान्तर खण्ड (Alternate Segment) कहते हैं। (आकृति देखिए)

UP Board Class 10 Mathematics Notes On Statistics (Chapter Fifth), Part-III
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