बहुत समय से प्रतीक्षित UPPCS की परीक्षा का आयोजन 28 अक्टूबर 2018 को निर्धारित किया गया है। इस परीक्षा में कई उम्मीदवार शामिल होने जा रहे हैं और ये सभी छात्र पूरे समर्पण के साथ इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। चूंकि परीक्षा के लिए ज्यादा समय नहीं बचा है. अत: परीक्षा का अनुभव पाने के लिए छात्रों को पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों के माध्यम से जाना चाहिए।
UPPCS 2018 परीक्षा में नकारात्मक अंकन
पहली बार, UPPCS की प्रीलिम्स परीक्षा में नकारात्मक अंकन का प्रावधान किया गया हैं। परीक्षा में प्रश्नों की संख्या 150 होगी और उम्मीदवारों को इसके लिए 2 घंटे की समय सीमा दी जायेगी। परीक्षा में दो शिफ्ट्स होंगी। जनरल स्टडीज पेपर-I को पहली शिफ्ट में आयोजित किया जाएगा जबकि जनरल स्टडीज पेपर-II को दूसरी शिफ्ट में आयोजित किया जाएगा। जनरल स्टडीज पेपर-II प्रकृति में क्वालीफाइंग प्रकार का होगा और इसके स्कोर को मेरिट के लिए वैध नहीं माना जाएगा।
UPPCS 2018 परीक्षा में कट-ऑफ अंक कम हो सकते हैं?
इस परीक्षा का कट-ऑफ पिछले वर्षों में अधिक था लेकिन इस साल नकारात्मक अंकन की शुरुआत के कारण कट-ऑफ कम होने की उम्मीद है। चूंकि नकारात्मक अंकन की शुरूआत से परीक्षा को उत्तीर्ण करना मुश्किल हो गया हैं. इसलिए छात्रों को ऐसी योजना बनाने की ज़रूरत है जो उन्हें बेहतर स्कोर करने में मदद करें। इसके लिए छात्रों को उपलब्ध सभी पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों का विश्लेषण करने की आवश्यकता है।
पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों का विश्लेषण
पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्र आगामी परीक्षा की दर्पण-छवियां होती हैं। परीक्षा में कुछ बदलाव अवश्य हो सकते हैं, लेकिन पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्र हमेशा परीक्षा की कठिनाई के स्तर को जानने के लिए एक गाइड की तरह होती हैं कि किन विषयों से अधिक प्रश्न पूछे जाते हैं और यह समग्र रूप से इस परीक्षा की बेहतर तैयारी करने में मदद करता है। इसके अलावा, पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों का विश्लेषण करना काफी सहायक होता है क्योंकि कई बार प्रश्नों को परीक्षा में दोहराया भी जाता हैं। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि उम्मीदवारों को पिछले प्रश्न-पत्रों के विश्लेषण के माध्यम से हमेशा जाना चाहिए। इस लेख के माध्यम से, हम पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों का विश्लेषण करेंगे-
UPPCS परीक्षा के पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों का विश्लेषण
जनरल स्टडीज पेपर I
जब हम वास्तविक परीक्षा से पहले थोडा भी अभ्यास करते हैं तो परीक्षा में प्रदर्शन करना काफी आसान हो जाता है। ऐसा ही पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों के विश्लेषण के साथ भी है। आप इसके अनुसार योजना बना सकते है कि क्या पढ़ना है? और मुख्य रूप से किस विषय पर ध्यान देना चाहिए। जनरल स्टडीज पेपर-I में पूछे जाने वाले पिछले वर्ष के प्रश्नों का विषयानुसार विश्लेषण नीचे दिया गया है-
भारत का इतिहास: यह सर्वविदित है कि भारत का इतिहास व्यापक रूप से साहित्य, प्राचीन संरचनाओं और विदेशी पर्यटकों द्वारा दिए गए विवरण से प्राप्त किया जा सकता है। इतिहास के दृष्टिकोण से ये सभी महत्वपूर्ण विषय हैं। प्रश्नों को कई विषयों से इस परीक्षा में पूछा जाता हैं।
प्राचीन इतिहास से, परीक्षा में पूछे गये टॉपिक्स निम्नलिखित हैं-
- पूर्व ऐतिहासिक पाषाण युग
- प्रोटो-मानवों द्वारा तैयार किए गए टूल्स
- सबसे पुरानी बस्तियां और प्रमुख सभ्यतायें
- पालीओलिथिक, मेसोलिथिक और नियोलिथिक अवधि
- शहरी सभ्यता और सिंधु घाटी की सभ्यता
- प्राचीन सिंधु नदी की घाटी के निवासी
- धातु विज्ञान और हस्तशिल्प
- आर्यों का आगमन
मध्यकालीन इतिहास से, परीक्षा में पूछे गये टॉपिक्स निम्नलिखित हैं-
- चालुक्य, पल्लव, पांडिया, राष्ट्रकूट, और मुगल साम्राज्य का इतिहास
- 9वीं शताब्दी में नालंदा विश्वविद्यालय और विक्रमाशिला विश्वविद्यालय
- मुस्लिमो का बंगाल पर आक्रमण और सेन साम्राज्य का पतन
- स्वतंत्र राजपूत राज्य और इससे संबंधित इतिहास
- राष्ट्रकूट और इनका शिक्षा में योगदान, साहित्य और धार्मिक सहिष्णुता
- चोल राजवंश, इसके शासकों और इसका अंत
आधुनिक इतिहास से, परीक्षा में पूछे गये टॉपिक्स निम्नलिखित हैं-
- वास्को दा गामा का भारत में आगमन
- भारतीय राजाओं के आंतरिक संघर्ष और यूरोपीय व्यापारियों की स्थापना
- ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन
- प्लासी और बक्सर की लड़ाई
- 1857 का विद्रोह और भारत पर इसका प्रभाव
- विद्रोह के कारण
- विद्रोह के दौरान भारत की आर्थिक स्थितियां
- विद्रोह के दौरान भारतीय सैनिकों के राज्य
- विद्रोह और इसकी विफलताओं के कारण
साहित्य से, उम्मीदवारों को निम्नलिखित टॉपिक्स को पढ़ना चाहिए:
- जातक
- पितक (विनय पिटक, सुट्टा पिटाका और अभिदम पिटाका)
- बौद्ध साहित्य से अंगुतर निकया (16 महाजनपतियों की जानकारी)
- कालपा सूत्र (जैन का प्रारंभिक इतिहास)
- 24 जैन तीर्थंकर
- जैन के बाद महावीर के सिद्धांत और संप्रदायों के संहिता
- संगम साहित्य
इसके अलावा, शिलालेखों और सिक्को का भी अध्ययन करना चाहिए। छात्र विभिन्न वास्तुकला के विकास के इतिहास के माध्यम से भी जा सकते हैं। हेरोदोटस, अल-बिरूनी, अरिस्टोबुलस, फैक्सियन जैसे विदेशी यात्रियों को भी पढ़ा जा सकता है।
भारत का स्वतंत्रता संग्राम: परीक्षा के दृष्टिकोण से, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सेगमेंट से निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषय हैं:
- भारत का नागरिक विद्रोह और जनजातीय विद्रोह: इसमें 20 वीं शताब्दी के दौरान किसान आंदोलनों को भी शामिल करना चाहिए.
- 1857 के बाद विद्रोह
- सामाजिक-धार्मिक सुधार
- राष्ट्रवाद का उदय
- भारत का मजदूर वर्ग और राष्ट्रीय आंदोलन
- वामपंथ का विकास और वृद्धि
- भारतीय रियासतों में स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रवादी नीति का निर्माण
- कांग्रेस का गठन
- मोर्ले-मिंटो के सुधार
- बंगाल विभाजन
- जलियावाला हत्याकांड
परीक्षा में इन विषयों से प्रश्न पूछे गए हैं। छात्रों को इन सभी विषयों को बहुत सावधानी से पढ़ना चाहिए।
भारत व दुनिया का भूगोल और जनसांख्यिकी: भारत और दुनिया के भूगोल का अध्ययन एक महत्वपूर्ण खंड है। भारतीय भूगोल में, उम्मीदवारों को निम्नलिखित टॉपिक्स को पढ़ना चाहिए:
- फिजियो-ग्राफिक डिवीजन (पहाड़, सादा, प्लेटू)
- जल निकासी व्यवस्था (हिमालय और प्रायद्वीप)
- जलवायु और इसके पैटर्न
- वनस्पति (उष्णकटिबंधीय, मार्शि, जेरोफीटिक)
- प्राकृतिक संसाधन (मिट्टी, पानी, खनिजों, जंगलों)
- प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक क्षेत्रों से संबंधित आर्थिक गतिविधियां
- जनसांख्यिकी
- भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में गरीबी और भूख
- भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में निरक्षरता और बेरोजगारी
विश्व भूगोल से, उम्मीदवारों को निम्नलिखित टॉपिक्स को पढ़ना चाहिए:
- दुनिया के शहरों के अक्षांश और देशांतर
- महाद्वीप, उनके क्षेत्र और बहाव
- प्लेट-टेक्टोनिक्स का सिद्धांत
- दुनिया के ध्रुवीय क्षेत्र और हिमखंड
- दुनिया की मुख्य झीलों, द्वीपों और नदियों
- दुनिया की उच्चतम चोटियाँ और झरने
- भूकंप, ज्वालामुखीय विस्फोट और प्रमुख ज्वालामुखी
- ज्वालामुखी और ज्वालामुखीय विस्फोट के प्रकार
- दुनिया के मुख्य रेगिस्तान
पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों में निम्न टॉपिक्स से सवाल पूछे गए हैं -
भारतीय राजनीति: भारतीय राजनीति से, कुछ टॉपिक्स को अवश्य पढ़ना चाहिए. भारतीय टॉपिक्स से निम्न टॉपिक्स को पूछा जाता हैं-
- संविधान, मौलिक अधिकार और नागरिक के कर्तव्यों का ज्ञान
- राज्य नीति के निर्देश सिद्धांत
- महत्वपूर्ण संशोधन और संविधान के महत्वपूर्ण लेख
- संवैधानिक निकायों के सदस्यों की नियुक्ति और हटाने की प्रक्रिया
- केंद्र और राज्यों का संबंध
- केंद्रीय / राज्य और समवर्ती सूचियों के प्रमुख विषय
- महत्वपूर्ण गैर-संवैधानिक निकाय
- महत्वपूर्ण समितियां और उनके सुझाव
इन विषयों से परीक्षा में प्रश्नों को पूछा जाता हैं। छात्रों को इन विषयों की अच्छी समझ होनी चाहिए।
पर्यावरण और पारिस्थितिकी: इस खंड से, पिछले वर्ष की परीक्षाओं में भी प्रश्नों को पूछा गया हैं। परीक्षा के प्रमुख विषय हैं-
- पारिस्थितिकी की अवधारणा
- पर्यावरण परिवर्तन जैसे मौसम परिवर्तन, मौसम इत्यादि
- जैव विविधता और इसके व्यवधानों के कारण
- वनस्पतियों और जीवों का संरक्षण
- प्रदूषण और इसके प्रभाव
- जैव-क्षेत्र और बायोम
भारत की अर्थव्यवस्था: अर्थव्यवस्था से, पिछले वर्षों की परीक्षा में पूछे गए टॉपिक्स निम्नलिखित हैं:
- तरक्की और विकास
- वित्तीय नीतियाँ
- ग्रीन सूचकांक
- गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम
- शहरी और ग्रामीण गरीबों की समस्याएं
- वित्तीय समावेशन
- PMJDY, APY, PMJJBY, PMSBY आदि जैसी सरकारी योजनाएं
- मानव विकास सूची
- कर और व्यय
- बजट की प्रक्रिया
- NABARD, RRB जैसे निकाय
- बीमा और कौशल विकास परिषद
- NITI आयोग और इसके कार्य
- मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट
- काला धन और इसके प्रभाव
इन विषयों को मुख्य रूप से परीक्षा में पाया गया है। छात्रों को इन सभी विषयों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करना चाहिए।
विज्ञान व प्रौद्योगिकी: विज्ञान और प्रौद्योगिकी में, पिछले वर्ष की परीक्षाओं के प्रश्न माध्यमिक विद्यालय के पाठ्यक्रम के स्तर के थे। इस सेगमेंट में प्रश्नों की संख्या हमेशा अधिक होती है। इसलिए, छात्रों को इन विषयों के लिए NCERT की किताबों का अध्ययन करना चाहिए जिससे परीक्षा में अधिक प्रश्नों को पूछा जाता हैं। प्रश्न सामान्य भौतिकी, इसके नियमों और सिद्धांतों पर आधारित होंगे। रसायन विज्ञान से, प्रश्न शब्दावली, प्रतिक्रियाओं और अन्य संबंधित सिद्धांतों पर आधारित होते हैं। जीवविज्ञान से, प्रश्न सेल, इसकी संरचना और कार्यप्रणाली आदि से संबंधित होंगे। अत: पूरे सिलेबस के माध्यम से जाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर एक अच्छी किताब पढ़ें।
यूपी राज्य से सम्बंधित विशिष्ट प्रश्न: राज्य जी०के० से परीक्षा में कई सवाल पूछे जाते है हालांकि 2017 में ऐसा नहीं था। परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण विषय निम्नलिखित हैं:
- राज्य की विशेषताएं
- इतिहास और ऐतिहासिक महत्व
- जनसंख्या और लिंग अनुपात
- विभिन्न विभाग के मौजूदा अधिकारी
- क्षेत्र और जनसांख्यिकी
- साक्षरता दर और संबंधित कार्यक्रम
- राज्य प्रतीक
- राजनीतिक सीमाएं
- प्रमुख फसलें और उपज
- उद्योग और सेवाएं
- महत्व और संबंधित तथ्यों के स्थान
- शासन
- नृत्य और भाषा आदि
- राज्य में हालिया घटनाक्रम
कर्रेंट अफेयर्स: इस सेगमेंट से प्रश्न हमेशा पिछले वर्ष की परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों के अनुसार ही पूछे जाते हैं। परीक्षा में पूछे जाने वाले टॉपिक्स निम्न हैं:
- नयी परियोजनाएं
- नए समझौते और नियुक्तियां
- पुरस्कार और मान्यता प्राप्तकर्ता (राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय)
- रक्षा के क्षेत्र में नवीनतम विकास
- अंतर्राष्ट्रीय विकास
- नई किताबें और उनके लेखक
- वर्तमान के विभिन्न सांविधिक निकाय
- संगठन और अध्यक्ष
- खेल आदि में नवीनतम विकास
क्रम संख्या |
टॉपिक का नाम |
UPPCS 2010 |
UPPCS 2011 |
UPPCS 2012 |
UPPCS 2013 |
UPPCS 2014 |
UPPCS 2015 |
UPPCS 2016 |
UPPCS 2017 |
1 |
भारत का इतिहास |
19 |
13 |
14 |
11 |
8 |
11 |
12 |
13 |
2 |
भारत का स्वतंत्रता संग्राम |
18 |
13 |
20 |
14 |
22 |
9 |
10 |
9 |
3 |
भारत और विश्व का भूगोल |
21 |
14 |
21 |
17 |
13 |
25 |
21 |
24 |
4 |
भारत की जनसांख्यिकी |
3 |
3 |
6 |
5 |
4 |
3 |
4 |
4 |
5 |
भारतीय राजनीति |
10 |
5 |
11 |
15 |
19 |
23 |
21 |
20 |
6 |
पर्यावरण और पारिस्थितिकी |
3 |
8 |
18 |
16 |
15 |
15 |
8 |
14 |
7 |
भारत की अर्थव्यवस्था |
15 |
13 |
14 |
14 |
11 |
13 |
20 |
14 |
8 |
विज्ञान व प्रौद्योगिकी |
21 |
29 |
21 |
12 |
14 |
27 |
24 |
25 |
9 |
राज्य से सम्बंधित विशिष्ट प्रश्न |
11 |
11 |
9 |
5 |
6 |
2 |
6 |
1 |
10 |
सामयिकी |
15 |
22 |
5 |
26 |
36 |
16 |
21 |
24 |
11 |
खेल और पुरस्कार |
11 |
18 |
9 |
13 |
1 |
2 |
1 |
1 |
12 |
विविध |
3 |
1 |
2 |
2 |
1 |
4 |
2 |
1 |
जनरल स्टडीज पेपर II
यह प्रश्न-पत्र प्रकृति में क्वालीफाइंग प्रकार का होगा। इस पेपर में केवल 33% अंक सुरक्षित करने की जरूरत है। जनरल स्टडीज पेपर-II के पिछले साल के प्रश्नों का विश्लेषण नीचे दिया गया है:
क्रम संख्या |
टॉपिक का नाम |
UPPCS 2012 |
UPPCS 2013 |
UPPCS 2014 |
UPPCS 2015 |
UPPCS 2016 |
1 |
कॉम्प्रिहेंशन |
15 |
15 |
9 |
10 |
10 |
2 |
संचार और इंटरपर्सनल स्किल |
12 |
12 |
16 |
14 |
13 |
3 |
रीजनिंग |
8 |
10 |
9 |
14 |
14 |
4 |
डिसिशन मेकिंग |
3 |
8 |
8 |
3 |
9 |
5 |
लॉजिकल इंटेलिजेंस |
11 |
20 |
13 |
15 |
14 |
6 |
सामान्य गणित |
30 |
13 |
12 |
19 |
15 |
7 |
सामान्य अंग्रेजी |
9 |
10 |
21 |
10 |
10 |
8 |
सामान्य हिंदी |
12 |
12 |
12 |
15 |
15 |
उपर्युक्त विश्लेषण आगामी परीक्षा में उम्मीदवारों को लाभ प्रदान करेगा। इस विश्लेषण के अनुसार, आप अपनी तैयारी की योजना बना सकते हैं। अत: परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण विषयों का चयन करना उम्मीदवारों के लिए आसान होगा। यह भी हो सकता है कि कुछ प्रश्न उन्हें परीक्षा में मिल भी जाएँ।
शुभकामनाएं!
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