केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में मदद करने के लिए 'सुपर 30' की तर्ज पर 'महिला सुपर 30'नाम से एक विशेष प्रशिक्षण पहल का प्रस्ताव रखा है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से इस संबंध में एक योजना बनाने के लिए कहा है। उत्तराखंड के मसूरी में स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) की फैकल्टी के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस इंटरेक्शन के दौरान प्रस्ताव को सामने रखा गया था।
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केंद्रीय बाल एवं महिला विकास मंत्री स्मृति ईरानी से की योजना बनाने की बात
बातचीत के दौरान श्रीमती ईरानी और मंत्रालय के अन्य अधिकारियों को LBSNAA में राष्ट्रीय लिंग केंद्र की गतिविधियों और महिलाओं और बाल मुद्दों पर आगे सहयोग की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी गई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार "जितेंद्र सिंह ने महिला और बाल विकास मंत्री से 'महिला सुपर 30' समूह की तर्ज पर एक योजना तैयार करने की अपील की ताकि उन्हें केंद्रित तरीके से सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जा सके।"
पटना के आनंद कुमार के सुपर-30 ट्रेनिंग प्रोग्राम की तर्ज पर होगा ये प्रशिक्षण
सुपर 30 एक प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो पटना के विद्वान आनंद कुमार द्वारा चलाया जाता है। कार्यक्रम के भाग के रूप में, वह हर साल IIT-JEE प्रवेश परीक्षा के लिए 30 योग्य, आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को प्रशिक्षित करता है।
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पिछले कुछ सालों में UPSC सिविल सेवा में महिलाओं की बढ़ती सहभागिता का भी उल्लेख किया
वीडियो बातचीत के दौरान श्री सिंह ने कहा कि महिलाएं सिविल सेवा परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं और पिछले कुछ वर्षों से वे टॉपर्स में शामिल हैं। महिला उम्मीदवारों ने लगातार तीन साल तक परीक्षा में टॉप किया - 2014 में, यह दिल्ली से इरा सिंघल, 2015 में टीना डाबी और 2016 में कर्नाटक की नंदिनी थी। श्री सिंह ने कहा कि महिला टॉपर्स और महिला पास-आउट ने भी सिविल सेवा परीक्षाओं की को अखिल भारतीय बनाने में योगदान दिया है। कुछ साल पहले तक सफल सिविल सेवाओं के उम्मीदवारों की सूची कुछ राज्यों तक ही सीमित थी जबकि पिछले कुछ सालों में यह प्रचलन बदला है।
उन्होंने कहा की मसूरी अकेडमी में जबकि लगभग 20 से 23 प्रतिशत प्रोबेशनर महिला उम्मीदवार हैं, महिलाएं वहां फैकल्टी के महत्वपूर्ण हिस्सों का गठन करती हैं।
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श्री सिंह ने जरूरतमंद बच्चों के लिए कक्षाएं संचालित करने सहित फैकल्टी सदस्यों द्वारा की गई सामाजिक गतिविधियों का भी स्वागत किया। कोरोना महामारी के दौरान भी इन वर्गों को बाधित नहीं किया गया था और ऑनलाइन आयोजित किया गया था जिसकी सराहना केंद्रीय मंत्री ने अपनी बातचीत में भी की।
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