Positive India: कभी पिता के साथ बेचते थे चाय, फिर कड़ी मेहनत से UPSC क्लियर कर बनें IRS अफसर - जानें हिमांशु गुप्ता की कहानी

Jun 25, 2020, 14:09 IST

IRS हिमांशु गुप्ता एक छोटे कस्बे में रहते थे परन्तु उनके सपने बचपन से ही बड़े थे। कमज़ोर आर्थिक स्थिति और परिवार की ज़िम्मेदारियों से कभी उनका हौसला नहीं टूटा और सपने को पूरा करने की चाह उन्हें UPSC परीक्षा तक ले आयी जहाँ उन्होंने 304वीं रैंक हासिल कर अपना सपना पूरा किया। 

Positive India: कभी पिता के साथ बेचते थे चाय, फिर कड़ी मेहनत से UPSC क्लियर कर बनें IRS अफसर - जानें हिमांशु गुप्ता की कहानी
Positive India: कभी पिता के साथ बेचते थे चाय, फिर कड़ी मेहनत से UPSC क्लियर कर बनें IRS अफसर - जानें हिमांशु गुप्ता की कहानी

"कोई फर्क नहीं पड़ता की आप छोटे गाँव, शहर या कस्बे से हैं या आपकी आर्थिक स्थिति कमज़ोर है। अगर आपके सपने बड़े हैं तो आप ज़िन्दगी में कहीं भी पहुँच सकते हैं। " यह कहना है UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2018 में 304वीं रैंक हासिल करने वाले हिमांशु गुप्ता का। जीवन में हर कठिन परिस्थिति को पार करते हुए हिमांशु ने वह सफलता हासिल की जिसकी कामना देश का हर नौजवान करता है। केवल अपनी मेहनत और सपने को पाने की ललक ने ही उन्हें आज ये मुकाम हासिल कराया है। आइये जानते हैं IRS हिमांशु गुप्ता के संघर्ष के सफर के बारे में।  

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UP के एक छोटे से कस्बे के रहने वाले हैं हिमांशु 

हिमांशु के बरेली जिले के सिरोली कस्बे के रहने वाले हैं। बचपन से ही उनका जीवन कठिनाइयों भरा रहा। उनके पिता पहले दिहाड़ी मजदूर का काम करते थे, जिसके बाद उन्होंने चाय का ठेला लगाना शुरू किया। हिमांशु भी स्कूल के बाद इस काम में अपने पिता की मदद करते थे। हिमांशु ने बचपन से ही बुनियादी ज़रूरतों के लिए भी कड़ा संघर्ष किया है। इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनका स्कूल घर से 35 किलोमीटर दूर था और वह हर रोज़ 70 किलोमीटर का सफर तय करते थे। 

 चाय बेचते हुए ही देखा जीवन में कुछ बड़ा करने का सपना 

हिमांशु ने बताया कि जब वो चाय की दुकान पर लोगों को चाय बाटते थे तब उन्हें कई तरह के लोगों से बात करने का मौका मिलता था। कुछ ऐसे लोग भी आते थे जिन्हें पैसे गिनना भी नहीं आता था। तब उन्होंने शिक्षा के महत्व को समझा और जीवन में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बनने का निर्णय लिया। वह ये बात जानते  थे कि उस कस्बे में रह कर वह जीवन में आगे नहीं बढ़ पाएंगे इसलिए उन्होंने 12वीं की पढ़ाई ख़तम होने के बाद बड़े शहर में जा कर पढ़ने का फैसला किया। 

दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से की ग्रेजुएशन 

12वीं में अच्छे अंक आने की वजह से हिमांशु को दिल्ली विश्विद्यालय के प्रसिद्ध हिन्दू कॉलेज में दाखिला मिल गया। परन्तु आर्थिक हालात कमज़ोर होने की वह से उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अपनी फीस और रहने का खर्च निकालने के लिए हिमांशु ने कॉलेज के साथ साथ कुछ बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया और साथ ही कुछ पेड ब्लोग्स लिख कर खर्चे के पैसे जुटाए। 

तीन बार किया UGC-NET क्वालीफाई 

ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी होने के बाद हिमांशु ने आगे की पढ़ाई के लिए कई एंट्रेंस एग्जाम दिया जिसमें उन्होंने MA, MBA और MSc के सभी प्रवेश परीक्षाओं को पास किया। यही नहीं उन्होंने GATE की परीक्षा में भी सिंगल डिजिट रैंक हासिल की। परन्तु विज्ञान में रूचि होने कारण उन्होंने MSc को चुना। अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के साथ साथ हिमांशु ने तीन बार UGC-NET की परीक्षा पास की और अपने कॉलेज में टॉप भी किया।  

विदेश में P.hd. करने के ऑफर को ठुकरा कर की UPSC की तैयारी 

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद हिमांशु को विदेश में करने के कई ऑफर मिले। हालांकि वह अपने माता  देश के लिए कुछ अच्छा करना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा देने का फैसला किया। परन्तु किताबों और रहने के खर्चे के लिए उन्हें पैसो की ज़रूरत थी। इसलिए उन्होंने JRF स्कॉलर के तौर पर Mphil प्रोग्राम में दाखिला लिया जहा से  वाले पैसो से उनका गुज़ारा चलने लगा। 

बिना कोचिंग का सहारा लिए की UPSC  सिविल सेवा 2018 परीक्षा क्लियर 

हिमांशु गुप्ता ने जब अपना पहला एटेम्पट  दिया तो वह प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर पाए थे। इस असफलता से वह काफी आहत हुए परन्तु उन्होंने हार नहीं मानी। इसी बीच बतौर रिसर्च स्कॉलर वह एक लैब में रिसर्च भी करने लगे। उन्होंने सुबह और रात का समय UPSC की तैयारी के लिए निर्धारित किया और दिन में यह रिसर्च के लिए लैब जाते थे। परन्तु लक्ष्य को पाने के लिए हिमांशु ने कभी कोई समझौता नहीं किया और निरंतर मेहनत करते रहे। 2018 में बेहतर तैयारी के साथ उन्होंने एक बार फिर UPSC की परीक्षा दी और 304वी रैंक हासिल कर अपना बचपन का सपना पूरा किया। 

हिमांशु गुप्ता ने अपने जीवन में आयी हर चुनौती का सामना केवल मेहनत और आत्म विश्वास से किया। हर परिस्थिति में मुस्कुराने वाले हिमांशु ने एक लम्बे संघर्ष के दौर को पार कर यह मुकाम हासिल किया है। उनका जज़्बा और सकारत्मक सोच देश के हर व्यक्ति के लिए एक प्रेरणा है। 

Sakshi Saroha is an academic content writer 3+ years of experience in the writing and editing industry. She is skilled in affiliate writing, copywriting, writing for blogs, website content, technical content and PR writing. She posesses trong media and communication professional graduated from University of Delhi.
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