अगर पारंपरिक तरीके से समझने की कोशिश की जाय तो इसका सीधा सीधा सम्बन्ध किसी भी भाषा की लिखने, पढ़ने तथा समझने से है. अब जहाँ तक डिजिटल लिट्रेसी का सवाल है तो इसका मतलब है कि तकनीक और इंटरनेट के माध्यम से चीजों को पढ़ना,लिखना और समझना. हाँ इसमें कागज एवं कलम के स्थान पर कंप्यूटर स्क्रीन तथा माउस और की पैड का इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ साथ इस माध्यम से आप एक वीडियो बना सकते हैं, अपनी आवाज में कोई सन्देश अपलोड कर सकते हैं. आप एक ब्लॉग लिख कर लोगों को प्रभावित कर सकते हैं तथा लोगों की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं. शहरी युवा अपना अधिकांश समय इंटरनेट पर व्यतीत करते हैं. इसलिए शिक्षकों द्वारा इसको शिक्षा के मुख्य साधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इंटरनेट के लाभ से प्रभावित होकर शिक्षकों ने शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट के इस्तेमाल पर बहुत जोर दिया तथा इस वजह से इस क्षेत्र में क्रांति भी आई. सबसे अच्छी बात यह है कि शिक्षक घर बैठे छात्र की समस्याओं को जान सकते हैं तथा उसका समाधान बता सकते हैं. उधर दूसरी तरफ छात्र भी बिना किसी परेशानी के घर में बैठे बैठे ही अपना सारा सिलेबस कवर करने में सक्षम होते हैं. लेकिन इसके लिए सबसे जरुरी है डिजिटल लिट्रेसी.
अतः आज के युग में छात्र अपने समय का सही सदुपयोग करें इसके लिए उन्हें उनको इंटरनेट के महत्व का एहसास कराना होगा. वे चाहे तो छात्रों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी खोल सकते है जहां वे एक लॉगिन आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके हर पुस्तक तक अपनी पहुँच बना सकते हैं.वास्तविक पुस्तकालयों के विपरीत इस ऑनलाइन लाइब्रेरी में स्थान और समय का प्रतिबंध नहीं होता है तथा इसे छात्र किसी भी सूचना की जानकारी जब चाहे कर सकते हैं. अब इसके लिए इंटरनेट पर सर्च कैसे करना है इसकी सम्पूर्ण जानकारी छात्रों को दिया जाना चाहिए. इसके लिए उचित की वर्ड की जानकारी बहुत जरुरी है.
एक युवा व्यक्ति के जीवन का एक अन्य प्रमुख हिस्सा सोशल मीडिया है. लगभग हर दिन कुछ न कुछ समय वह इंटरनेट पर व्यतीत करता ही करता है. इसलिए छात्रों को यह बताया जाना चाहिए कि
वे फेसबुक पर किसी और की गतिविधियों को देखने के बजाय प्रासंगिक जानकारी लेने में अधिक समय बिताएं.यह लगभग सभी सामाजिक मीडिया साईट के लिए सही है. आप अपनी इच्छा के अनुसार समुचित जानकारी हासिल कर सकते हैं.
डिजिटल साक्षरता की भूमिका और प्रकृति पर चर्चा करने के बाद, अब हम लोगों के डिजिटल अधिकारों और जिम्मेदारियों को जानने की कोशिश करते है
डिजिटल अधिकारों को बड़े पैमाने पर निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार
एकान्तता का अधिकार
निजी कार्यों के लिए क्रेडिट का अधिकार
डिजिटल एक्सेस का अधिकार
हमारी पहचान का अधिकार
लोगों की डिजिटल जिम्मेदारियां हैं:
धमकी, उत्पीड़न, या पहचान की चोरी की रिपोर्ट करने का उत्तरदायित्व
संसाधनों और शोध के लिए उपयोग किए जाने वाले कार्यों का उल्लेख करने का उत्तरदायित्व
कानूनी तौर पर संगीत, वीडियो और अन्य सामग्री डाउनलोड करने की जिम्मेदारी
हैकर्स से डेटा / सूचना को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी
यह महत्वपूर्ण है कि एक छात्र इसे जानता है और इन दोनों को पूरी तरह से समझता है.
अपने अधिकारों का आनंद लेते समय, यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी जिम्मेदारियों के बारे में भी न भूलें जो उनके साथ जुड़े हुए हैं. इंटरनेट पर चैटिंग करते समय आम तौर पर लोग अनौपचारिक लेखन को महत्व देते हैं लेकिन तथ्यों की विश्वसनीयता और प्रमाणिकता को बनाये रखने का प्रयास करना चाहिए.
इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के बीच एक अन्य आम बात यह है कि वे अवैध तरीके से फाइलों को डाउनलोड करते हैं. इसमें पायरेटेड फिल्में आदि भी शामिल हैं, जो आधिकारिक प्लेटफॉर्म पर निर्माताओं द्वारा अपलोड नहीं किए जाते हैं. इस तरह की गतिविधियों के कारण सामग्री के उत्पादक को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इस लिए इस सन्दर्भ में भी अपनी सामजिक दायित्व को समझने की जिम्मेदारी है.
निष्कर्ष
ये डिजिटल साक्षरता, अधिकार और जिम्मेदारियों के बारे में कुछ मूलभूत जानकारियां हैं जिससे सभी कॉलेज के छात्रों से परिचित होना चाहिए.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation