बैंक ऑफ बड़ौदा ने वर्ष 2018-19 के लिए हाल ही में प्रोबेशनरी ऑफिसर की भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित किए है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने 2017-18 में भी प्रोबेशनरी ऑफिसर की भर्ती बड़ौदा मनिपाल स्कूल ऑफ बैंकिंग पीजी डिप्लोमा प्रोग्राम के माध्यम से की थी तथा IBPS PO 7(CWE PO/MT-VII ) के माध्यम से एक भी भर्ती नहीं की थी। इस बार भी यह उम्मीद की जा रही है कि बैंक ऑफ बड़ौदा IBPS PO 8 (CWE PO/MT-VIII ) के माध्यम से भर्ती नहीं करेगा।
कई उम्मीदवार इस बात को लेकर दुविधा में है कि बैंक सिर्फ मनिपाल स्कूल ऑफ बैंकिंग के जरिए ही भर्ती क्यों कर रहा है, IBPS PO के जरिए क्यों नहीं।
इस लेख में हम इसकी वजह जानने की कोशिश करेंगें लेकिन एक बात तो स्पष्ट है आजकल विभिन्न कमर्शियल बैंक मणिपाल ग्लोबल स्कूल ऑफ बैंकिंग (Manipal Global School of Banking) या एनआईआईटी स्कूल ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस (NIIT School of Banking and Finance) या किसी अन्य प्राइवेट इंस्टिट्यूट द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बैंकिंग ऐंड फाइनेंस (पीजीडीबीएफ-PGDBF) प्रोग्राम के माध्यम से बैंकों में प्रोबिश्नरी ऑफिसर्स की भर्ती कर रहे हैं। दूसरी ओर, IBPS द्वारा प्रोबिश्नरी ऑफिसर्स भर्ती प्रक्रिया में साल-दर-साल रिक्त पदों की संख्या घटती जा रही है।
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बैंक ऑफ बड़ौदाः मनिपाल क्यों और IBPS क्यों नहीं?
बैंक ऑफ बड़ौदा ने बड़ौदा मनिपाल स्कूल ऑफ बैंकिंग पीजी डिप्लोमा प्रोग्राम 2018-19 के माध्यम से 600 प्रोबेशनरी ऑफिसर्स की भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया है। यहाँ हम इस ट्रेंड के पीछे के कारणों को जानने का प्रयास करेंगे–
चयन प्रक्रिया अधिक कठिन है
मनिपाल स्कूल ऑफ बैंकिंग के जरिए चयन प्रक्रिया अधिक कठिन है। इसमें लिखित परीक्षा पास करने के बाद आपको साक्षात्कार के साथ समूह चर्चा अर्थात् ग्रुप डिस्कशन में भी शामिल होना होता है। सफल और प्रभावी बैंकर बनने के लिए उम्मीदवार का कम्युनिकेशन स्किल बहुत अच्छा होना चाहिए और ग्रुप डिस्कशन के माध्यम से उम्मीदावरों के इस कौशल की बहुत अच्छे से जांच हो जाती है। IBPS PO भर्ती परीक्षा में ग्रुप डिस्कशन का राउंड नहीं होता है।
उम्मीदवारों का उचित प्रशिक्षण
बड़ौदा मनिपाल स्कूल ऑफ बैंकिंग प्रोग्राम के जरिए चुने जाने पर शाखा में नियुक्त किए जाने से पहले आपको एक वर्ष के प्रशिक्षण अवधि में रहना होता है। प्रशिक्षण में कक्षा प्रशिक्षण के साथ– साथ अभ्यर्थियों को बैंक की अलग– अलग शाखाओं में भी प्रशिक्षित किया जाता है। इसलिए, प्रशिक्षण पूरा होने पर बैंक को एक प्रशिक्षित अधिकारी मिलता है। यह बात सत्य है कि किसी काम के लिए प्रशिक्षित व्यक्ति उस कार्य को ज्यादा अच्छी तरीके से कर सकता है। पीजीडीबीएफ प्रोग्राम में दिया जाने वाला प्रशिक्षण उम्मीदवारों को बैंक में शामिल होने के बाद बैंक को बेहतर ढंग से सेवा देने में उनकी मदद करेगा।
अट्रिशन रेट कम
एम्प्लोयी रिटेंशन पिछले कुछ समय से बैंकों के लिए एक महत्वपूर्ण समस्या बनी हुई है। इन दिनों यह बैंकिंग क्षेत्र के लिए चैलेंज है। इस प्रोग्राम के माध्यम से बैंक में शामिल होने के बाद आपको एक बॉन्ड भरना होता है और इसकी वजह से नौकरी के पांच वर्ष पूरे होने से पहले आप बैंक नहीं छोड़ सकते। यदि आपने बैंक छोड़ने का फैसला किया तो आपको मुआवजे के तौर पर बैंक को मोटी रकम देनी होगी। यह सुनिश्चित करता है कि बैंक द्वारा दिए गए कठोर प्रशिक्षण के बाद अधिकारी बैंक को अपनी सेवाएं दे। अतः इस प्रोग्राम के माध्यम से भर्ती हुए उम्मीदवारों में अट्रिशन रेट कम होता है।
वहीँ पिछले कुछ वर्षो में IBPS के माध्यम से भर्ती हुए उम्मीदवारों में अट्रिशन रेट ज्यादा पाया गया है।
बैंक शिक्षा ऋण उपलब्ध कराता है
हां, बड़ौदा मनिपाल स्कूल ऑफ बैंकिंग में प्रशिक्षण अवधि के दौरान कोर्स फीस भरने के लिए आपको बैंक से शिक्षा ऋण (Education Loan) मिल सकेगा। छात्र शिक्षा ऋण का लाभ उठाकर कोर्स की फीस भर सकते हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा कोर्स के लिए 8% ब्याज की रियायती दर पर शिक्षा ऋण प्रदान करता है।
जो यह भी सुनिश्चित करता है कि बैंक बिना अधिक परेशानी और स्पष्ट रूप से बेहद कम जोखिम के साथ अपने क्रेडिट पोर्टफोलियो को भी बढ़ा सकता है।
बैंक के लिए आय का स्रोत
यह प्रोग्राम बैंक के लिए आय का एक स्रोत भी क्योंकि इस कोर्स के लिए बैंक उम्मीदवारों से फीस तो लेता ही है औऱ साथ में शिक्षा ऋण के माध्यम से अपने क्रेडिट पोर्टफोलियो का विस्तार भी करता है। अतः यह बैंक द्वारा ज्यादा कुछ किए बिना अच्छी आमदनी का एक स्रोत भी बनाता है।
बैंक को एक बेहतर बैंकर मिलता है
आप अपने विभिन्न विपक्षों के लिए कार्यक्रम की आलोचना कर सकते हैं लेकिन आपको यह समझने की आवश्यकता है कि यह प्रशिक्षण आपको इसलिए दिया जाता है ताकि आप एक बेहतर बैंकर बन सके और बैंक ज्वाइन करने के बाद अच्छी तरह से ग्राहकों की सेवा कर सकें। इसलिए, यदि आपका दीर्घकालिक लक्ष्य बैंकिंग में रहना है, तो यह प्रोग्राम आपके लिए बहुत उपयोगी है।
बड़ौदा मनिपाल स्कूल ऑफ बैंकिंग पीजी प्रोग्राम का उद्देश्य एक फ्रेशर को प्रभावशाली बैंकर के तौर पर प्रशिक्षित करना है। यदि आप इसकी तुलना IBPS PO भर्ती प्रक्रिया से करेंगे, तो निश्चित रूप से आरंभिक वर्षों में आप अधिक नुकसान में रहेंगे लेकिन एकेडमी में जो प्रशिक्षण आपको मिलेगा वह बतौर बैंकर आपके करिअर में भविष्य की चुनौतियों के लिए आपको तैयार कर देगा। यही वजह है कि हाल के वर्षों में बैंकों ने भर्ती के इस मोड को तेजी से अपनाया है। आवदेन करने की अंतिम तारीख 2 जुलाई है, जल्दी करें और अपना सर्वश्रेष्ठ दें।
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