जब इंजीनियरिंग ग्रेजुएट या पीएचडी होल्डर युवा, ग्रुप डी या प्यून या अन्य ऐसे ही किसी पद के लिए न केवल आवेदन करेंगे अपितु मौका मिलने पर जॉब ज्वाइन भी करेंगे तो यह स्पष्ट है कि युवा किसी भी रूप में आज भी सरकारी नौकरी की ओर आकर्षित है. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि प्राइवेट सेक्टर में मोटी तनख्वाह, ग्रोथ की तेज संभावनाएं, आराम दायक व उच्च जीवन शैली के अलावा अन्य सुविधाओं से युक्त होने के बाद भी युवाओं का आकर्षण सरकारी नौकरी की ओर क्यों है?
युवाओं का सरकारी नौकरी की ओर आकर्षण नौकरी में स्थायित्व, सुरक्षा का एहसास, तनाव रहित नौकरी, अपेक्षाकृत कम वर्क प्रेसर इसके कारण है. सरकारी नौकरी को युवा तनाव मुक्त और शान्ति, प्रतिष्ठा और सुरक्षा के मामलों से जोडकर भी देखते हैं. इन दिनों बहुत से ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट युवा प्राइवेट सेक्टर में काम करने की बजाय विभिन्न सरकारी नौकरियों का चयन करते हैं. सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि इससे कोई भी विशेष क्षेत्र या व्यवसाय वंचित नहीं है, हर क्षेत्र के उम्मीदवार किसी न किसी स्तर पर सरकारी नौकरियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
यहाँ हम कुछ ऐसे तथ्यों या कारकों की चर्चा करेंगे, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि आखिर क्यों और कैसे प्राइवेट जॉब्स पर सरकारी नौकरी युवाओं की तरजीह बनी हुई है. जिसके कारण ही युवाओं का रुझान सरकारी नौकरी की ओर बना हुआ है.
सुरक्षित नौकरी /स्थिरता का एहसास:
सरकारी नौकरी की सबसे बड़ी खूबी यह है कि सरकारी नौकरी अर्थव्यवस्था के उतार चढाव से अक्सर प्रभावित होती नहीं. सरकारी नौकरी में यह सम्भावना भी बहुत कम रहती है कि कोई भी कर्मचारी कभी भी अपनी नौकरी खो सकता है. ज्यादातर मामलों में, जब तक व्यक्ति सेवानिवृत्त होने के योग्य नहीं हो जाता है तब तक नौकरी बरक़रार रहती है. सरकारी कर्मचारी पूरे कार्यकाल के दौरान निर्बाध रूप से कार्य के बदले एक निश्चित आय प्राप्त करते रहते हैं और नौकरी का कार्यकाल में असुरक्षा की गुजाइश ही नहीं रहती, और जब असुरक्षा ही संभावना प्राय: समाप्त हो जाती है तो कर्मचारी तनाव मुक्त रहकर स्वस्थ दिमांग से कार्य कर पाता है.
यही कुछ ऐसे कारण हैं जिससे प्राइवेट जॉब्स पर सरकारी नौकरी युवाओं की तरजीह बनी हुई है. निजी नौकरियों की तुलना में सरकारी नौकरियां अधिक सुरक्षित हैं. सरकरी नौकरी में जब किसी उम्मीदवार को द्वारा नियुक्त किया जाता है, तो काम की प्रकृति और सरकारी नियमों के अनुसार 58-65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति दी जाती है, बशर्ते कर्मचारी की ओर से किसी प्रकार का झोल न किया गया हो. जबकि, निजी नौकरी के मामले में, नौकरी की सुरक्षा नहीं है, कर्मचारी को काम पर रखने वाले लोग व्यवसाय में जब तक फायदा अर्जित करते हैं तब तक आपकी नौकरी बरकरार रहेगी. इसके अलावा अन्य बहुत से ऐसे कारण हैं कि प्राइवेट जॉब्स में नौकरी जाने का भय हमेशा सताता रहता है. इसी कारण युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पहली पसंद बनी हुई है.
कोई भी निजी कंपनी आपको किए गए मासिक भुगतान से अधिक लाभ कमाने की स्थिति में ही आपको जॉब पर रखेगी. जब तक कर्मचारी, कम्पनी की आशाओं पर खरा उतरेगा तब तक तो नौकरी सुरक्षित है परन्तु जैसे ही निजी क्षेत्र की कम्पनी को यह एहसास हुआ कि आप कम्पनी के मानदंडों में लाभ के नहीं रहे या फिर आपसे कम मेहनताने पर कोई अन्य व्यक्ति इसी काम को कर सकता है तो फिर आपके साथ समस्याओं का अम्बार कम्पनी की तरफ से खड़ा किया जाता रहेगा. अंतत: या तो आपको कंपनी नौकरी से निकाल सकती है या फिर आप खुद ही छोड़ने को मजबूर होंगे. वहीँ दूसरी तरफ सरकारी नौकरी में वेतन और नौकरी की सुरक्षा आपके प्रदर्शन पर निर्भर नहीं करती.
अवकाश कोई समस्या नहीं:
शायद सरकारी क्षेत्र में काम करने की सर्वोत्तम सुविधाएं यह है कि छुट्टियों पर जाने के लिए आपको बहस नहीं करना पड़ता है क्योंकि आपके पास प्रति वर्ष तयशुदा छुट्टियाँ रहती है जिसका आप लाभ लेने के हकदार हैं इतना ही नहीं इसके साथ ही साथ सभी सरकारी घोषित छुट्टियां भी आपको प्रदान की जाएंगी. वहीँ कुछ निजी कंपनियां अपने कर्मचारियों से दशहरा जैसे त्योहारों पर भी काम लेती हैं. जो स्पष्ट रूप से बहुत परेशान करने वाली होती है.
मेडिकल जैसी अन्य सुविधाएँ:
आवास, चिकित्सा, ट्रांसपोर्ट,
वेतनमान:
सरकारी नौकरी दो दशक पूर्व वेतन के मामले में प्राइवेट नौकरी से बहुत पीछे था, जिसके कारण युवाओं का आकर्षण सरकारी नौकरी से ज्यादा प्राइवेट जॉब्स की तरफ था. परन्तु छठे एवं अब सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू हो जाने के बाद सरकारी नौकरी के वेतनमान में बहुत बढ़ोतरी हो गयी है. अब युवा सरकारी नौकरी में केवल सुरक्षा और काम का अनुकूल वातावरण ही नही पाते अपितु अब उन्हें इस अर्थवादी दुनियां में एक प्रतिष्ठित जीवन जीने के लिए जरुरी पैसे भी प्राप्त होते हैं.
पेंशन और अन्य लाभ:
सरकारी कर्मचारियों को हमारे देश की सरकार से काफी आकर्षक और साथ ही जीवन भर लाभ प्राप्त करने के लिए जाना जाता है. सरकारी कर्मियों को जीवनभर स्वास्थ्य देखभाल, पेंशन, आवास सुविधाओं के साथ साथ भविष्य निधि भी प्रदान की जाती हैं.
काम का कम दवाब:
हम सभी जानते हैं कि निजी नौकरियों की तुलना में सरकारी नौकरियों में कम से कम काम का बोझ होता है, साथ ही साथ बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं. एक सरकारी कर्मचारी जानता है कि वह कौन सा दिन काम करने जा रहा है और कितने समय तक, इसलिए अधिक आराम से और संतोषजनक जीवन शैली जी सकता है.
कुल मिलाकर युवाओं का सरकारी नौकरी के प्रति आकर्षण होना स्वाभाविक है. सरकारी नौकरी में उन सभी सुविधाओं का उपभोग .. कर पता है जिनकी सामाजिक जीवन में आवश्यकता होती है, सरकारी नौकरी एक तरफ जहाँ सुरक्षा का एहसास देती है वहीँ एक तरह की आजादी भी. सरकारी बैंकों या सरकारी संस्थानों में युवा अपना भविष्य सुरक्षित समझते हैं.
देखें तो मनुष्य का स्वभाव सुरक्षा, स्थिरता भरे वातावरण में जीने का होता है. और सरकारी नौकरी प्राइवेट नौकरी के वनिस्पत मनुष्य के स्वभाव के ज्यादा अनुकूल होता है. यही स्वभाव उम्मीदवारों को सरकारी नौकरी की तरफ आकर्षित करता है.
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