आईएएस मुख्य परीक्षा 2013: भारतीय शासन-तंत्र के लिए उत्तर-लेखन के टिप्स

Jagranjosh.com आईएएस मुख्य परीक्षा की तैयारी में संलग्न उम्मीदवारों हेतु भारतीय शासन-तंत्र के लिए उत्तर-लेखन के टिप्स उपलब्ध करा रहा है.

Nov 16, 2013, 15:12 IST

आईएएस मुख्य परीक्षा 2 दिसंबर 2013 को शुरू होगी और परीक्षा की योजना अब प्रकाशित हो गई है. भारत का एक विशिष्ट संघीय ढाँचा है, जो विभिन्न देशों की राजनीतिक संस्थाओं का सम्मिश्रण है.
अब बदले हुए सिलेबस और पैटर्न के साथ भारतीय शासन-तंत्र का एक अलग पेपर है और वह विशेष फोकस की माँग करता है. अभ्यर्थी से अपने देश के संघीय ढाँचे के बारे में जानने की अपेक्षा की जाती है और उसे उन विशिष्ट स्थितियों की जानकारी होनी चाहिए, जिनके अंतर्गत संविधान काम करता है. अभ्यर्थी को हमारे राष्ट्र-निर्माताओं द्वारा ऐसे राजनीतिक ढाँचे को अपनाने के पीछे के दर्शन और पृष्ठभूमि की जानकारी होनी चाहिए. उसे संविधान के विभिन्न उपबंधों और उनके पीछे के दर्शनों को कंठस्थ कर लेना चाहिए.

संघीय ढाँचे, संघ और राज्य तथा न्यायिक प्रणाली के बीच एक जटिल अंत:क्रिया (इंटरएक्शन) और अन्योन्यक्रिया (इंटरप्ले) है, जिसे अभ्यर्थियों को हमारे देश के संघीय ढाँचे को ध्यान में रखते हुए स्पष्ट रूप से समझना होगा. उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के महत्त्वपूर्ण प्रेक्षणों (ऑब्जरवेशंस) को पढ़ना चाहिए, जिससे उनकी भारत के संविधान की संकल्पनात्मक समझ बढ़ सके. ऐसे विभिन्न मामलों में केशवानंद भारती केस, गोलकनाथ केस, मेनका गांधी केस आदि शामिल हैं.         

चूँकि पेपर का पैटर्न विकसित हो रहा है, अभ्यर्थियों के ज्ञान के क्षैतिज विस्तार और टॉपिक की समझ की लंबवत् सीमा संतुलित अनुपात में होनी अपेक्षित है. वर्षभर अनेक राजनीतिक घटनाएँ घटती रहती हैं और अभ्यर्थियों को वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य और संसद में लंबित विधेयकों पर एक गहरी निगाह रखनी होगी.

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अभ्यर्थियों को हाल में पारित अधिनियमों और संसद में लंबित अधिनियमों की जानकारी रखनी चाहिए. उन्हें विशुद्ध अधिनियमों अर्थात मूल संविधान और डी.डी. बसु द्वारा लिखित 'भारत का संविधान', एम. लक्ष्मीकांत द्वारा लिखित 'भारतीय शासन-तंत्र' और पी.एम. बक्शी द्वारा लिखित 'भारत का संविधान' जैसी पुस्तकें पढ़नी चाहिए.       

नीचे आईएएस मुख्य परीक्षा में उत्तर-लेखन के लिए कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं :

• सबसे पहली और प्रमुख बात है प्रश्न को ध्यानपूर्वक पढ़ना, ताकि अभ्यर्थी प्रश्न की वास्तविक माँग को समझ सके.
• एक महत्त्वपूर्ण बात यह है कि प्रश्न की शब्द-सीमा को ध्यान में रखते हुए उत्तर तैयार करना चाहिए. शब्द-सीमा का सदैव पालन करें, ताकि समय का बेहतर प्रबंधन किया जा सके.  
• उत्तर लिखते हुए अभ्यर्थी को संविधान के आधारभूत अध्यादेश का खंडन नहीं करना चाहिए.  
• वर्तमान स्थितियों पर काबू पाने के लिए सुझाव देते समय हमारे देश के संघीय ढाँचे का सदैव सम्मान करना चाहिए.  
• अभ्यर्थियों को उन मुद्दों पर फोकस करना चाहिए, जो कि संसदीय ढाँचे के सच्चे संघीय स्वरूप के अपवाद हैं, जैसे कि एकीकृत न्यायपालिका, एकल नागरिकता, अखिलभारतीय सेवा और अन्य संस्थाएँ.
• उत्तर में उपयुक्त महत्त्वपूर्ण शब्द इस्तेमाल करने चाहिए, ताकि वे इनविजिलेटर को वास्तविक अर्थ संप्रेषित कर सकें.
• उत्तर कालक्रमानुसार तैयार करना चाहिए, ताकि आपके उत्तर में टॉपिक या राजनीतिक संस्थाओं का वास्तविक विकास प्रतिबिंबित हो सके.

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