आउटलाइन योर कॅरियर

Nov 11, 2011, 15:58 IST

आपने अपने जीवन में कई काम न चाहते हुए भी किए होंगे, इसके पीछे आप कई बार परिस्थितियों या नियति जैसे तर्कों भी देते होंगे, लेकिन याद रखिए जिंदगी का खाका खींचने में यही मामूली दिखने वाले चीजें कारगार भूमिका निभाती हैं

आपने अपने जीवन में कई काम न चाहते हुए भी किए होंगे, इसके पीछे आप कई बार परिस्थितियों या नियति जैसे तर्कों भी देते होंगे, लेकिन याद रखिए जिंदगी का खाका खींचने में यही मामूली दिखने वाले चीजें कारगार भूमिका निभाती हैं। महान उद्यमी व एप्पल के सह संस्थापक दिवगंत स्टीव जॉब्स के ये शब्द आज युवाओं की रगों में ऊर्जा घोल रहे हैं। उनके ही शब्दों में कई बार बिंदु को बिंदु से मिलाने वाली रेखाओं को खींच आप बहुत जल्द नए आकार की उम्मीद करने लग जाते हैं, पर जान लीजिए यहां लगने वाला समय ही जिंदगी की खूबसूरत डिजाइन की गांरटी है। बहुत मुमकिन है कि शुरुआती दौर में ये आडी तिरछी, बेराह रेखाएं आपको हतोत्साहित करें, लेकिन धैर्य व लगातर मेहनत के बल पर आप न केवल बिंदुओं के इस जाल से उबर पाएंगे बल्कि कामयाबी की डिजाइन भी रच सकेंगे।

वेल स्टार्ट हाफ डन

वैसे इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने की पहली व आवश्यक शर्त आपकी अपनी क्रि एटिव सोच होती है, लेकिन इसके आगे का दूसरा कदम प्रोफेशनल कोर्स होते है। डिजाइनिंग में कॅरियर बनाने के लिए कुछ स्तरीय एग्जाम्स के जरिए आप एनआईडी, एनआईएफटी और सीईपीटी और आईआईटी में प्रवेश ले अपने क्रिएटिव कॅरियर को आगाज दे सकते हैं।

कोर्स और योग्यता

डिजाइनिंग कोर्सेज आमतौर पर अंडरग्रेजुएट लेवल के होते हैं , जिनमें 10+2 के बाद एडमिशन लिया जा सकता है। इस क्षेत्र में देश के प्रमुख संस्थानों में निफ्ट व एनआइडी का नाम सबसे ऊपर है। इन संस्थानों में अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट से संबंधित कोर्स उपलब्ध हैं। अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए बारहवीं पास व पोस्टग्रेजुएट कोर्स के लिए बैचलर डिग्री जरूरी है। वर्क एक्सपीरिएंस वाले कैंडिडेट को प्राथमिकता दी जाती है, वहीं आईआईटी में एडमिशन के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जामिनेशन फॉर डिजाइन (सीईईडी) होता है।

तैयारी के मंत्र

दरअसल देश के टॉप डिजाइनिंग इंस्टीट्यूट्स की परीक्षा अन्य परीक्षाओं से काफी अलग होता है। इसमें स्टूडेंट्स रटकर सफल नहीं हो सकता है। इसमें कामयाब होने के लिए मौलिकता की सख्त दरकार होती है। देश के ज्यादातर डिजाइनिंग संस्थान कैंडिडेट्स की डिजाइनिंग प्रोॅसेस की समझ, आइडिया व प्रॉब्लम सॉल्विंग कैपिसिटी परखते हैं। ऐसे में परीक्षा में बेहतर करने के लिए जरूरी है कि आप जो भी बनाएं, उसे तर्क सहित समझानें की भी क्षमता रखें। इसके अलावा जीके, जीएस, इंग्लिश, एप्टीट्यूड आदि की अच्छी समझ भी इस परीक्षा में कामयाबी के लिए उतनी ही जरूरी है।

सोच की सटीक परख

सिचुएशन टेस्ट इन परीक्षाओं को क्वालीफाई करने की महत्वपूर्ण कडी माना जाता है जहां अमूमन कैंडिडेट्स के सामने रोजमर्रा की जिंदगी से जुडी कोई सिचुएशन रखी जाती है और उसके बारे में कैंडिडेट्स का नजरिया, कल्पनाशक्ति, अभिव्यक्ति को जानने की कोशिश की जाती हैं। खुद इस फील्ड से जुडे लोग बताते हैं कि सिचुएशन टेस्ट, इस क्षेत्र के टॉप एग्जाम क्वालीफाई करने की राह में एक बडी चुनौती है।

बंच ऑफस्किल्स

डिजाइनिंग कॅरियर में आगे बढने के लिए योग्यता से भी ज्यादा जरूरी है आपकी स्किल्स, क्योंकि यह फील्ड पूरी तरह क्रिएटिविटी से जुडा है। यहां कामयाबी की उम्मीद तब तक न करें, जब तक कि अपनी स्किल्स के बल पर क्रिएटिव प्रोडक्शन नहीं करते। यहां कुछ स्किल्स इस प्रकार हैं।

प्रेजेंटेशन स्किल्स : बढाए आपकी प्रेजेंस

आप जो कुछ भी डिजाइन करते हैं, उसका टारगेट गु्रप तक बेहतर प्रस्तुति जरूरी है। इस काम में आपकी प्रेजेंटेशन स्किल्स कारगर होंगी।

कम्यूनिकेशन : कामयाबी का कनेक्शन

इस क्षेत्र में बेहतर संचार कौशल, कामयाबी की पहली शर्त है। आप जो कुछ डिजाइन कर रहे हैं, वो किस खास वर्ग के लिए है, उन्हें आपके प्रोडेक्ट की ओर क्यों आना चाहिए आदि के लिए उन्हें प‌र्स्यू करना आवश्यक है। लेकिन यह सब तभी होगा , जब आप बेहतर संचार कौशल में निपुण होंगे।

इंटरप्रेन्योर स्किल्स : अपनी उडान

विशेषज्ञ मानते हैं कि एक डिजाइनर में मार्केटिंग मैनेजर, प्रोडेक्ट मैनेजर के गुण भी होने चाहिए। आज देखा भी जा रहा है कि डिजाइनिंग कॅरियर के जरिए बडी संख्या में युवा स्वरोजगार की राह पकड चुके हैं। क्योंकि कॉमर्शियल, इंटरपे्रन्योरियल स्किल्स का कोई आल्टरनेटिव नहीं है।

टीम स्प्रिट : कामयाबी देखेगी राह

इस फील्ड में आप किसी ऑर्गनाइजेशन से जुडे हों या खुद का काम कर रहे हों, टीम भावना के बगैर सफलता थोडा मुश्किल ही है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने साथ, अपने नीचे काम करने वालों के साथ बेहतर कोऑर्डिनेशन रखें, उनकी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करें।

कंप्यूटर स्किल्स : आसान हुई डगर

आज आप अपनी डिजाइन सैंपल नेट के जरिए दुनिया में कहीं भी भेज सकते हैं, कुछ खास वेबसाइट पर उन्हें अपलोड कर सकते हैं। पर इसके लिए आपको बेसिक कंप्यूटर नॉलेज के साथ सीएडी, थ्री डी मैक्स, फ्लैश, फोटोशॉप जैसे डिजाइन टूल्स से वाकिफ होना अनिवार्य होगा।

प्रश्न : परखो तब मानो

एनआईडी और निफ्ट में प्रवेश के लिए दो चरणों की परीक्षा पास करनी होती है। डिजाइन से संबंधित परीक्षाओं में प्राय: विजुअल परसेप्शन एबिलिटी, ड्राइंग स्किल, लॉजिकल रीजनिंग, कम्युनिकेशन स्किल आदि से संबधित प्रश्न पूछे जाते हैं। वहीं निफ्ट प्रवेश परीक्षा में जनरल एबिलिटी में इंग्लिश कॉम्प्रिहेंशन, एनालिटिकल एबिलिटी, कम्युनिकेशन एबिलिटी के साथ विज्ञान, गणित के सवाल पूछे जाते हैं। करेंट अफेयर्स में देश-विदेश के ताजा हाल, फेमस पर्सनैलिटीज और साल भर की मुख्य घटनाओं पर फोकस किया जाता है। दूसरे चरण में अभ्यर्थी की क्रिएटिविटी स्किल्स के लिए सिचुएशन टेस्ट होता है।

डिजाइनिंग स्किल है महत्वपूर्ण

डिजाइनिंग में क्रिएटिविटी महत्वपूर्ण है। अगर आप आईआईटी से डिजाइन में पीजी करना चाहते हैं, तो आपको लिखित परीक्षा और इंटरव्यू देना होगा। इस परीक्षा के माध्यम से डिजाइनिंग एप्टीट्यूड और एकेडमिक इंटरेस्ट की परख की जाती है। अगर आपके पास मौलिक सोच है और अपनी सोच को डिजाइन के माध्यम से कहने में सफल होते हैं, तो इस परीक्षा में सफलता के चांसेज बढ जाते हैं। बेहतर होगा कि आप परीक्षा में अपनी नई सोच को खुले मन से तवज्जो दें, क्योंकि यदि आपने 30 प्रतिशत भी क्रिएटिव वर्क किया है, तो माना जाता है कि आप में डिजाइनिंग स्किल है।

डॉ. बिशाख भत्रचार्या, हेड ऑफ डिपार्टमेंट, डिजाइन प्रोग्राम,आईआईटी, कानपुर

लीक से हटकर सोच जरूरी


लोग हमेशा कुछ न कुछ नया और अलग चाहते हैं। डिजाइनर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अब जरा सोचिए भारत के पहले स्वेदश निर्मित फायटर एयरक्राफ्ट तेजस और नैनो कार बगैर प्रीप्लांड डिजाइनिंग के संभव थे? सफल डिजाइनर आप तभी बन सकते हैं, जब आप में सृजनात्मक सोच, कुछ नया करने का हुनर, करेंट अफेयर्स का ज्ञान, बेहतर प्लानिंग और लीक से हटकर काम करने का जुनून हो। इस तरह के गुण इसलिए जरूरी हैं कि ये लोग वस्तुओं व उत्पादों की डिजाइन तय करते हैं। सफल डिजाइनर भविष्य को ध्यान में रखकर बेहतर डिजाइन बनाते हैं। डिजाइनिंग की परीक्षा में इन्हीं सब गुणों को परखा जाता है। अगर आप में इस तरह के गुण हैं, तो परीक्षा में सफलता निश्चित है। एनआईडी में डिजाइनिंग से संबंधित कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। इनमें से आप अपनी पसंद के कॅरियर चुन सकते हैं। डिजाइनर की मांग सभी क्षेत्रों में है। बेहतर टैलेंट है, तो आप टॉप कंपनियों में मैनेजमेंट लेवल तक पहुंच सकते हैं। नई डिजाइन से खुद के साथ-साथ कंपनियों के लिए भी खास बन सकते हैं।

प्रद्युम्न व्यास डायरेक्टर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद

टॉप ब्रेकथू्र सेक्टर्स

फुटवियर डिजाइनिंग

आज लोग फैशन को लेकर काफी कान्शियस हो चुके हैं। कपडों से लेकर, चश्में, ज्वैलरी तक नए-नए डिजाइन उन्हें लुभा रहे हैं। यही वजह है कि हर रोज नए-नए डिजाइन के फुटवियर मार्केट में आ रहे हैं। दरअसल पिछले कुछ सालों में इस क्षेत्र में तेज ग्रोथ दर्ज की गई है। वहीं साल दर साल देश के फुटवियर एक्सपोर्ट में भी बढोत्तरी हो रही है।

कम्युनिकेशन डिजाइनिंग

मीडिया में इनकी काफी मांग है, क्योंकि ये अपनी लेखनी, संवाद कौशल व ग्राफिक्स के माध्यम से लोगों को अपनी बात आसानी से कहने में कामयाब होते हैं। यदि आप क्रिएटिविटी की दुनिया में कुछ नया करना चाहते हैं, तो यह क्षेत्र आपके लिए बेहतर है। विज्ञापन एजेंसियां, इलेस्ट्रेशन मेकिंग, फिल्म प्रोडक्शन, वेबपेज डिजाइनिंग में इस फील्ड के टैलेंटेड लोगों के पास काम की कमी नहीं हैं।

सिरैमिक , ग्लास डिजाइनिंग

सिरैमिक टेक्नोलॉजिस्ट नई तकनीक की सहायता से नॉन-मैटेलिक और इनऑर्गेनिक मैटेरियल्स का इस्तेमाल करते हुए उपयोगी और बेहद आकर्षक प्रोडक्ट तैयार करने में माहिर होते हैं। इन दिनों कंज्यूमर गुड्स से जुडे कई ऐसे उद्योग हैं, जो पूरी तरह से सिरैमिक मैटेरियल पर ही निर्भर हैं, आने वाले सालों में इसमें और बढोत्तरी के संकेत हैं। सिरैमिक के बढते इस्तेमाल के बीच आप चाहें तो ब्रिक्स, सीमेंट, टाइल्स, ग्लास इंडस्ट्री के साथ इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री में भी अपनी जगह पुख्ता कर सकते हैं।

फैशन डिजाइनिंग

आज फैशन कॅरियर के लिहाज से एक बडी इंडस्ट्री बन चुकी है। सरकार ने भी इस इंडस्ट्री को प्रमोट करने के लिए फैशन एंड डिजाइन प्रमोशन काउंसिल (एफडीपीसी) का गठन किया है। जो उभरते फैशन डिजाइनरों व कॉलेज पास आउट छात्रों को प्रमोट करती है। यही नहीं इस क्षेत्र में तरुण तहिलियानी, रितु बेरी, रितु कु मार, मनीष मल्होत्रा जैसे डिजाइनरों के अपने फैशन हाउसेज भी हैं, जो अमूमन फैशन इंस्टीट्यूट से पास आउट टैलेंटेड छात्रों को अवसर देते हैं।

ज्वैलरी डिजाइन

बदलते ट्रेंड्स के बीच ज्वैलरी डिजाइनिंग, कॅरियर का बढिया ऑप्शन बन चुका है। फिक्की के एक अनुमान के मुताबिक 2015 तक देश की ज्वैलरी, जेम्स का निर्यात 37 बिलियन डॉलर हो जाएगा। ऐसे में यदि आप बेहतर प्रशिक्षण ले इस फील्ड में जाने की इच्छा रखते हैं तो इस राह में तरक्की के अच्छे अवसर हैं।

ऑटोमोबाइल डिजाइन

इकोनॉमी सेक्टर में देश की तेज चाल का फायदा ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी मिला है। जिस तरह से आज विदेशी कंपनियां भारत में निवेश कर रही हैं, उससे भारत ऑटोमोबाइल सेक्टर का ग्लोबल हब बनने की ओर है। नैनो को सफलता के बाद से तो भारतीय ऑटो डिजाइनर्स को वैश्विक पहचान मिली है। इन सबके चलते माना जा रहा है कि आने वाले समय में भारतीय ऑटोमोबाइल इंजीनियरों की मांग देश-विदेश में बढेगी।

देश ही नहीं विदेश में भी है डिमांड

लुधियाना की फैशन डिजाइनर गेती खान किदवई (गेती के बनाए वस्त्र यूके, यूएसए, दुबई, श्रीलंका एक्सपोर्ट होते हैं) कहती हैं कि फैशन के प्रति लोगों का रवैया निरंतर बदल रहा है। फिल्मों और टीवी चैनलों की लोकप्रयिता के कारण अच्छे फैशन के लिए उनकी चाहत बढ रही है। ऐसे ही फैशन कँाशियस लोगों की बदौलत फैशन डिजाइनिंग का फ्यूचर देश ही नहीं विदेश में काफी उज्ज्वल है। भारतीय पोशाकों के विदेशी और एनआरआईज बहुत दीवाने हैं। डिजाइनिंग का क्षेत्र रचनात्मकता से जुडा है और यहां अच्छे रचनाकारों की जरूरत हमेशा रहेगी। लुधियाना स्थित स्पोर्टकिंग इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, निटवियर डिजाइनिंग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट निर्भय कुमार के अनुसार, निटवियर डिजाइनिंग में वुलेन्स की फैब्रिक डिजाइनिंग तथा गार्मेंट डिजाइनिंग के क्षेत्र में काफी स्कोप है। होजरी इंडस्ट्री की विभिन्न यूनिट्स में तो निटवियर डिजाइनरों को जॉब मिलते ही हैं, साथ ही इसकी मार्किटिंग के लिए भी इन्हें वरीयता मिलती है। इसके अलावा मात्र डेढ से दो लाख रुपये की लागत से कोई निटवियर डिजाइनर अपनी छोटी यूनिट सेट करके अपना कारोबार भी शुरू कर सकता है। जालंधर की जानी-मानी इंटीरियर डिजाइनर अल्पना बांसल के अनुसार देशभर में बडे-बडे मॉल और मल्टीप्लेक्स बन रहे हैं। हर क्षेत्र में विकास के साथ लोगों का टेस्ट बेहतर हो रहा है। वे सुंदर व सजीले घरों में रहना चाहते हैं। खूबसूरत व वेलप्लान्ड घर उन्हें रियल फीलिंग देते हैं। आज केवल घरों के लिए ही नहीं बल्कि शोरूम्स, मॉल्स, आफिसेज बनाने से पहले इंटीरियर डिजाइनरों की राय लेना लोगों के लिए अनिवार्य सा हो गया है।

जेआरसी टीम

Jagran Josh
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Education Desk

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