पादपों, छोटे जंतुओं एवं जीवाणुओं की सहायता से वस्तुओं के उत्पादन की प्रक्रिया बायोटेक्नोलॉजी कहलाती है। दवाओं व टीकों के निर्माण, कृषि, उद्योग, ग्रीन तकनीक, ऊर्जा हर जगह बायोटेक्नोलॉजी ने क्रांति लाने का काम किया है। मानव स्वास्थ्य व पर्यावरण संरक्षण में भूमिका के चलते इसका महत्व और भी बढा है। अगर आप इस क्षेत्र में कॅरियर बनाना चाहते हैं तो हाल ही में बायोटेक्नोलॉजी में पीजी करने वाले स्टूडेंट्स के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। यह परीक्षा जेएनयू करा रहा है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद आपको देश की प्रमुख संस्थानों में बायोटेक में पीजी करने का सुनहरा अवसर मिलता है। अधिक जानकारी के लिए आप जेएनयू की वेबसाइट न्ल्ल4.ंङ्घ.्रल्ल देख सकते हैं।
आवश्यक योग्यता
यदि आपने फिजिकल, बायोलॉजिकल, एग्रीकल्चरल, वेटेरिनरी, फार्मा, फिशरीज आदि में से किसी एक विषय से ग्रेजुएशन उत्तीर्ण हैं तो आप इस परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
किस तरह की परीक्षा
बायोटेक में एडमिशन के लिए तीन घंटे की एक वस्तुनिष्ठ परीक्षा होगी, जिसके दो पार्ट होंगे। पार्ट ए के प्रश्नों का स्तर बारहवीं और पार्ट बी के प्रश्नों का स्टैंडर्ड ग्रेजुएशन होगा। पार्ट ए में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स और बायो से कुल 60 प्रश्न होंगे, जबकि पार्ट बी में इन विषयों के अलावा बायोटेक, माइक्रोबायोलॉजी, जेनेटिक आदि विषयों से संबंधित प्रश्न होंगे। पार्ट ए के लिए कुल 60 अंक तथा बी के लिए 180 अंक निर्धारित है।
क्यों बढ रहा है महत्व
अब तक बायोटेक्नोलॉजी न केवल मानव समुदाय एवं पर्यावरण के लिए लाभकारी सिद्घ हुई है, बल्कि एंजाइम, हार्मोन एंटीबायोटिक्स, विटामिन एवं टीके आदि के निर्माण के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण तथा नए ईधन आदि का उत्पादन संभव कर दिखाया है। बायोटेक्नोलॉजी की मानव स्वास्थ्य रक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका है। जैव उर्वरक, बायो डिजीज कंट्रोल, समुद्री एवं जल कृषि प्रौद्योगिकी, मानव जीनोम परियोजना, एग्रीकल्चर बायोटेक्नोलॉजी, बायो इंफॉर्मेशन साइंस, क्लोनिंग, मेडिकल बायोटेक्नोलॉजी, एनीमल बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र इसकी भूमिका को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। कहने का आशय यह है कि बायोटेक्नोलॉजी का प्रयोग सभी क्षेत्रों में होने लगा है, जिस कारण विशेषज्ञों की मांग बढ गई है। आज भारत केवल बायोटेक प्रॉडक्ट्स के लिए ही पसंदीदा स्पॉट नहीं है, बल्कि फॉर्मास्युटिकल, डाइग्नोसिस, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, ड्रग डिस्कवरी, बायोइन्फॉर्मेटिक, क्लिनिकल ट्रायल्स आदि के लिए भी हॉट डेस्टिनेशन के रूप में देखा जा रहा है। अन्य क्षेत्रों की तरह भारत इस क्षेत्र में भी अगुआ बनने की राह पर है।
कैसे करें तैयारी
किसी भी परीक्षा की तैयारी तभी बेहतर हो सकती है, जब आप पूछे जानेवाले प्रश्नों के स्टैंडर्ड से वाकिफ होंगे। यह जानने का सबसे आसान तरीका यह है कि आप इस परीक्षा में पूछे जानेवाले पूर्व के प्रश्नों को देख लें। उसके बाद प्रामाणिक पुस्तकों का चयन कर लें और परीक्षा से दस दिन पहले तक के लिए एक योजना बना लें कि किस विषय की कैसे तैयारी करनी है। इस तरह की योजना से आपको काफी मदद मिल सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, हर स्टूडेंट्स की क्षमता और कमजोरी अलग-अलग होती है। इस कारण आप अपने अनुसार ही तैयारी की योजना बनाएं तो आपके लिए बेहतर हो सकता है।
कंबाइंड बायोटेक्नोलॉजी इंट्रेंस एग्जामिनेशन |
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ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 23 मार्च परीक्षा की तिथि : 21 मई, 2013 वेबसाइट: jnu.ac.in |
विजय झा
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