टॉप कोर्सेज एवं टॉप कॉलेजेज

Jun 12, 2013, 16:16 IST

साइंस सब्जेक्ट्स आज से नहीं बल्कि सालों से स्टूडेंट्स के फेवरेट च्वाइस रहे हैं...

साइंस

साइंस सब्जेक्ट्स आज से नहीं बल्कि सालों से स्टूडेंट्स के फेवरेट च्वाइस रहे हैं। लेकिन आज के दौर की जरुरतों में इसके स्वरूप में फर्क आ चुका है। सही मायने में इसी फर्क ने साइंस को विविधतापूर्ण करियर बनाया है। साइंस को मुख्यतया प्योर व अप्लाइड दो हिस्सों में बांटा गया है। अमूमन इसकी मैथ्स और बायोलॉजी कैटेगरी स्टूडें्स में पॉपुलर हैं। जानें ऐसे ही कुछ इमर्जिग साइंस करियर्स के बारे में..

पेट्रोलियम एनर्जी

आज इस इंडस्ट्री में काम करने लायक युवाओं की कमी है। ऐसे में आप इस फील्ड में जा रहे हैं, तो कल के लिहाज से यह निर्णय सही है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी की रिपोर्ट भी कहती है कि आज देश में 80 फीसदी तेल स्रोतों का उत्खनन नहीं हो पाया है। सरकारी आकडों के मुताबिक रोजाना तकरीबन 4.5 मिलियन बिलियन बैरल तेल प्रॉसेस किया जाता है, जो अपने मानकों से कम है। आंकडे बताते हैं कि पेट्रोलियम फील्ड में आज करने को बहुत कुछ है। इस फील्ड में प्रोफेशनल्स, साइंटिफिक व टेक्निकल, पेट्रोलियम रिफाइनिंग सेक्शन में अपॉ‌र्च्युनिटी पा सकते हैं।

स्किल्स: टफ वर्किंग शेड्यूल में भी वर्क करने की क्षमता, फील्ड वर्क में मास्टरी, बढिया कम्युनिकेशन स्किल्स।

संस्थान: देश में कई संस्थान इस फील्ड में कोर्स चलाते हैं तो आईएसएम, ओएनजीसी, आईओसी जैसे संस्थान भी इस विषय में शोध अध्ययन को प्रमुखता देते हैं। देहरादून स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम स्टडी इस क्षेत्र में तकनीकी कोर्स कराती है।

फ्यूचर: पेट्रो. एनर्जी इंजीनियरिंग सेक्टर का हॉट करियर बन रहा है। अगर इस फील्ड में रुचि है, तो देश ही नहीं, विदेश में भी करियर बना सकते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल

अगर आपने हायर सेकेंडरी पीसीएम सब्जेक्ट्स से की है, तो इससे संबंधित बीई या बीटेक कोर्स कर सकते हैं।

स्किल्स : नए उत्पाद की जानकारी, मार्केट रिसर्च में रुचि और लोगों की जरूरतों को समझने की क्षमता।

फ्यूचर : 2012-15 में इस सेक्टर की ग्रोथ 17.5 फीसदी अनुमानित है। एसोचेम के अनुसार 2015 तक इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट का मार्केट 55 हजार करोड रुपये के ऊपर हो सकता है।

संस्थान

-आईआईटी

-बीआईटी, रांची

-बिट्स, पिलानी

-कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे

-आईटी, बीएचयू, बनारस

-मोतीलाल नेहरू एनआईटी, इलाहाबाद

सिंथेटिक केमिस्ट्री

सिंथेटिक केमिस्ट्री में बायोलॉजी व केमिस्ट्री दोनों का यूज होता है। पीजी में इसेअलग सब्जेक्ट के तौर पर पढाते हैं।

स्किल्स: मार्केट और नए ट्रेंड की समझ, आगे बढकर वर्क करने की एबिलिटी।

फ्यूचर: टेक्सटाइल इंडस्ट्री, रेडीमेंड गारमेंट्स के बढते बाजार के बीच इसमें अच्छा वर्किग स्कोप है। आने वाले समय में यह हॉट करियर बन सकता है।

एनवॉयरनमेंट साइंस

बढते प्रदूषण के बीच एनवॉयरनमेंट साइंस में नए रास्ते निकले हैं। इसमें एनवॉयरनमेंट साइंस, मैनेजमेंट, लॉ, इंजीनियरिंग, एमएससी इन क्लाइमेट चेंज पॉपुलर कोर्सेज हैं।

स्किल्स : एनवॉयरनमेंट में रुचि, कुछ नया करने की ललक और धैर्य जरूरी है।

फ्यूचर : पूरी दुनिया में पर्यावरण को लेकर सरकारें चिंतित हैं और वे ऐसी टेक्नोलॉजी के विकास में लगी हैं, जो इकोफ्रेंडली होने के साथ जेब पर भी हल्की रहें। इस कारण आने वाले समय में युवा प्रोफेशनल्स की मांग बढेगी।

संस्थान

-जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, दिल्ली

-दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली

-कलकत्ता यूनिवर्सिटी, कोलकाता

-बाबासाहब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी, लखनऊ

-टेरी स्कूल ऑफ एडवांस स्टडी, दिल्ली

कॉमर्स एंड फाइनेंस

देश की इकोनॉमी को मजबूती देने में कॉमर्स व फाइनेंस सेक्टर का अहम रोल है। इकोनॉमी के ताजा परिदृश्य में ऐसे युवाओं की सख्त दरकार है, जो अपनी प्रोफेशनल क्षमताओं से इस परिदृश्य को और बेहतर कर सकें। लिहाजा इन दिनों बतौर सब्जेक्ट कॉमर्स खासी लोकप्रियता पा रहा है।

इस फील्ड के टॉप कोर्स हैं..

सीएस, आईसीडब्ल्यूए

अगर आपकी रुचि सीए में नहीं है और आप कॉमर्स से रिलेटेड कोर्स करना चाहते हैं, तो आपके लिए सीएस और आईसीडब्ल्यूए बेहतर ऑप्शन है। सीएस जहां कानून के जानकार होते हैं, तो वहीं कॉस्ट अकाउंटेंट, कॉस्ट से रिलेटेड सभी कार्यो के विशेषज्ञ होते हैं।

स्किल्स : फाइनेंस व मैनेजमेंट की समझ, लॉ की जानकारी और कॉस्टिंग का नॉलेज होना जरूरी है।

फ्यूचर : इन दिनों मल्टीनेशनल कंपनियों के आगमन ने युवाओं को नए अवसर दिए हैं। वैसे भी अकाउंटिंग, फाइनेंस मैनेजमेंट जैसे काम तो हर छोटी-बडी कंपनी में होते हैं, लिहाजा यहां आपके लिए आने वाले सालों में भी अवसर कम नहीं होने वाले। द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटिंग इन इंडिया और सीएस इंस्टीट्यूट में करेस्पॉन्डेंस से कोर्स करके करियर को न्यू शेप दे सकते हैं।

सीए में स्कोप

किसी भी ऑर्गेनाइजेशन में सीए फाइनेंशियल रिपोर्टिग टेक्सेशन, ऑडिटिंग, कॉर्पोरेट फाइनेंस जैसे काम अंजाम देते हैं।

एलिजिबिलिटी एंड स्किल्स: इस एग्जाम में 12वीं या ग्रेजुएशन के बाद इंट्री ले सकते हैं। ग्रेजुएट लेवल पर कॉमर्स की नॉलेज, अकाउंट्स में पकड और टैक्सेशन की नॉलेज जरूरी है। फ्यूचर : सभी कंपनियों में सीए की नियुक्ति होती है। टैक्स से संबंधित कार्यो में इनकी महत्ता काफी है।

जिस तरह से इंडस्ट्री और लोगों की इनकम बढी है, उसे देखकर कहा जा सकता है कि इसमें जॉब्स काफी बढेंगी। सीए इंस्टीट्यूट में पत्राचार माध्यम से कोर्स कर सकते हैं।

मॉर्गेज ब्रोकर

जब आप होम लोन लेने जाते हैं, तो मॉर्गेज ब्रोकर आपको बेस्ट होम लोन डील कराने में मदद करता है। इनके पास बैंक से लेकर फाइनेंसिंग इंस्टीट्यशन के बैंक लोन व उनके इंट्रेस्ट रेट आदि की जानकारी होती है।

स्किल्स : इस फील्ड में आपकी तरक्की आपके काम के साथ पर्सनैलिटी पर भी निर्भर करती है। बढिया कम्यूनिकेशन, इंग्लिश की अच्छी नॉलेज, लोगों के साथ अच्छा रेपो जैसी चीजें आपको ऊंचाइयां दे सकती हैं।

फ्यूचर : इस फील्ड में कॉमर्स सब्जेक्ट की गहन जानकारी रखने वाले अनुभवी लोगों की आवश्यकता है। देश की आर्थिक नीति निर्धारण में इन्हें मेन थिंक टैंक का दर्जा दिया जाता है। कंट्री की इकोनॉमी ग्रोथ को देखते हुए अभी आने वाले कई सालों तक इस फील्ड में जॉब की कोई कमी नहीं होने वाली है। ये लोग रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन, कंसल्िटग फ‌र्म्स, इंट्रेस्ट ग्रुप्स, गवर्नमेंट एजेंसियों के लिए काम करते हैं।

एक्चुरियल साइंस

इंश्योरेंस व फाइनेंस की दुनिया में मौजूदा रिस्क फैक्टर्स का विश्लेषण करने का काम एक्चुरियल एक्सपर्ट का है। ये अपनी मैथमेटिकल व स्टेटिकल प्रतिभा से अपने क्लाइंट या कंपनी को रिस्क एसेस करने में मदद करते हैं।

स्किल्स: एनालिटिकल स्किल्स, चीजों को कई एंगिल्स से समझने व समझाने की क्वालिटी, मैथमेटिकल पॉवर के साथ नेचुरल प्रॉब्लम साल्िवग स्किल।

फ्यूचर : वित्तीय प्रबंधन में आई जागरूकता को देखते इन प्रोफेशनल्स के लिए वक्त बढिया है। अगर रुचि है तो करियर बेहतर है।

टॉप कॉमर्स कॉलेज

-श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, नई दिल्ली

-सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता

-लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वूमेन, नई दिल्ली

-लोयला कॉलेज, चेन्नई

-हंसराज कॉलेज, नई दिल्ली

-क्राइस्ट कॉलेज, बंगलुरू

-हिंदू कॉलेज, नई दिल्ली

मेडिकल


मेडिकल में जब करियर बनाने की बात करते हैं, तो एमबीबीएस कोर्स का नाम सबसे पहले आता है। लेकिन मेडिकल फील्ड में एमबीबीएस कोई लॉस्ट कोर्स नहीं है। कई ऐसे कोर्स हैं, जहां बेहतर करियर की गारंटी तो है ही साथ ही मार्केट की रिक्वॉयरमेंट के मुताबिक हैं। बायोटेक्नोलॉजी, बायोमेडिकल के अलावा कई ऐसे कोर्स हैं, जिसे करने के बाद नौकरी के कई ऑप्शंस हैं। आने वाले समय में इस तरह के कोर्स की काफी डिमांड बढेगी।

न्यूरोसाइंस

मेडिकल साइंस के स्टूडेंट्स के लिए न्यूरोसाइंस एक नया, पर बेहतरीन रास्ता है। इस फील्ड में नर्वस सिस्टम पर शोध व अध्ययन किया जाता है। आज यह क्षेत्र फंक्शन, इवोल्यूशनरी हिस्ट्री, डेवलपमेंट, जेनेटिक्स, बायोकेमिस्ट्री, साइकोलॉजी, फार्माकोलॉजी, कंप्यूटेशनल न्यूरोसांइस तक विस्तृत हो चुका है।

स्किल्स: पेशेंस और मेडिकल टैलेंट, लंबी-लंबी शिफ्ट के साथ एडजस्टमेंट।

फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट्स : न्यूरोसांइस के क्षेत्र में स्किल्ड युवाओं की रिक्वॉयरमेंट बढी है। यहां आपके पास हॉस्पिटल्स, रिसर्च से जुडी कंपनियां, सरकारी संस्थानों, फार्मास्यूटिकल्स कंपनियों में काम के बढिया मौके हैं। इनकी मांग आनेवाले दिनों में सबसे अधिक रहने वाली है। अगर आपकी रुचि इस क्षेत्र में है, तो आपको काम करने के अवसर आने वाले दिनों में काफी मिलेंगे। भारत में जिस तरह विशेषज्ञों की कमी है, इसे देखकर भविष्य का जॉब कहना कहीं से भी अतिशयोक्ति नहीं होगा।

संस्थान

-इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमेन बिहेवियर एंड एलाइड साइंस, नई दिल्ली

-इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजूकेशन एंड रिसर्च, कोलकाता

-इंदिरा गांधी इंस्टीट्यट ऑफ मेडिकल साइंस

-गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज, गुवाहाटी

-आ‌र्म्स फोर्स मेडिकल कॉलेज, पुणे

-जीवाजी यूनिवर्सिटी, ग्वालियर

फॉर्मेसी

गुजरे जमाने में मलेरिया चिकेनपॉक्स जैसी जानलेवा समझी जाने वाली बीमारियां आज मामूली हैं। इसके पीछे प्रभावशाली एंटी-बायोटिक्स दवाओं की खोज है। ये खोज फॉर्मेसी के ही चलते मुमकिन हुई हैं।

एलिजिबिलिटी एंड स्किल्स : इस फील्ड में आने के लिए स्टूडेंट्स के पास 12वीं बाद बीफार्मा और डीफार्मा जैसे कोर्स करने होते हैं। पीसीबी, पीसीएम दोनों ही स्ट्रीम के स्टूडेंट्स यहां एंट्री ले सक ते हैं। काम की जानकारी के साथ सावधानी, मानवतापूर्ण रवैया और धैर्य जरूरी है।

फ्यूचर : इस क्षेत्र में जॉॅब्स की कमी कभी भी रहने वाली नहीं है, क्योंकि रोज नई नई बीमारियां और उन पर रिसर्च होती रहती है। योग्य प्रोफेशनल्स की डिमांड हमेशा रहेगी।

मॉलिक्यूलर बायोलॉजी

इसे भी आने वाले वक्त का बेहतरीन करियर विकल्प माना जा रहा है। मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट का मुख्य काम मॉलिक्यूलर लेवल पर कोशिकाओं की कार्यप्रणाली, डीएनए, आरएनए आदि की कार्यप्रणाली समझना होता है।

एलिजिबिलिटी एंड स्किल्स : मॉलिक्यूलर एनर्जी की पढाई मुख्यत: पीजी स्तर पर होती है। ग्रेजुएशन लेवल में बायो स्टूडेंट्स यहां एमएससी इन मॉलिक्यूलर एनर्जी कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। बीएससी इन जेनेटिक्स, माइक्रोबायोलॉजी व जूलोजी, बॉटनी के स्टूडेंट्स भी कोर्स के लिए एलिजिबल हैं। रिसर्च के इच्छुक कैंडिडेट्स को यूजीसी नेट एग्जाम, जेआरएफ एग्जाम, लाइफ साइंस के साथ क्वालीफाई करना होगा।

फ्यूचर : मेडिकल साइंस की दुनिया में यह अभी भी एक्सपर्टाइज फील्ड है। लिहाजा यहां काम व जॉब के विस्तृत मौके हैं। मॉलिक्यूलर में ज्यादातर शोध व विकास का काम होता है। क्लोनिंग, सबक्लोनिंग, सिंथेटिक आरएनए ट्रांसक्रिप्शन, जीन एक्सप्रेशन, सेलग्रोथ व डेवलेपमेंट, सेल स्ट्रक्चर में इन दिनों ढेरों संभावनाएं हैं।

संस्थान

-महाराज शियाजी राव यूनिवर्सिटी, बडौदा

-जेएनयू, नई दिल्ली

-जवाहर लाल नेहरु सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च, बंगलुरु

-राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी, त्रिवेन्द्रम

-नेशनल बॉटेनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, लखनऊ

मैनेजमेंट

मैनेजमेंट कोर्स पिछले डेढ-दो दशकों से स्टूडेंट्स की टॉप च्वाइस पर रहा है। आज भी देश भर में फैले आईआईएम से निकले स्टूडेंट्स अपने मार्केट ओरिएंटेड स्किल्स और क्वालिटी वर्क के लिए जाने जाते हैं। यहां हम ऐसे फील्ड दे रहे हैं, जो फिलहाल नए हैं, लेकिन फ्यूचर में इनकी डिमांड और बढेगी..

ई-कॉमर्स

ई-कॉमर्स आज तेजी से बढते सेक्टर में से एक है। लोगों की बढती समृद्धि, वक्त की कमी के चलते ये सेक्टर आज परवान चढ रहा है। बढती मांग की वजह से कई संस्थान इससे संबंधित कोर्स भी करा रहे हैं। जैसे-जैसे ऑनलाइन कस्टमर्स बढ रहे हैं, ई-कॉमर्स कंपनियों की ग्रोथ बढ रही है।

स्किल्स : आज इस क्षेत्र में ऐसे यूथ की दरकार है, जो कॉमर्स और कंप्यूटर स्किल्स से कंपनियों को फायदा पहुंचा सकें। यहां काम करने के लिए बढिया मैनेजमेंट स्किल्स का होना भी जरूरी है।

फ्यूचर : आज भारत में ई कॉमर्स का बिजनेस 14 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। देश में करीब 10 मिलियन ऑनलाइन शॉपर्स हैं, जिनके आने वाले सालों में 30 फीसदी की दर से बढने की गुंजाइश है। लिहाजा इस फील्ड में करियर बेहतर है।

एचआर मैनेजमेंट

एचआर मैनेजमेंट में इन दिनों ऐसे प्रबंधकों की जरूरत है, जो संस्थान के कर्मचारियों की योग्यता के मुताबिक बेहतर काम ले सकें। ह्यूमन रिसोर्सेज का बेहतरीन उपयोग इनकी खासियत है।

स्किल्स : एक एचआर प्रोफेशनल के लिए ह्यूमन बिहेवियर के साथ लेबर लॉ की भी गहरी जानकारी होनी चाहिए। इन क्वॉलिटीज के अलावा अगर लोगों की काबिलियत पहचानने की क्षमता, डिसिजन मेकिंग जरूरी है।

फ्यूचर : देश की आधी से ज्यादा आबादी युवा है। देश की ग्रोइंग इकोनॉमी इन्हीं के कंधों पर है लेकिन इनसे बेस्ट तभी लिया जा सकता है, जब कंपनी में इनकी क्षमताओं का समुचित प्रबंधन हो। इस माहौल में आज एचआर मैनेजमेंट एक उभरता हुआ करियर है। ज्यादातर ऑर्गेनाइजेशन एक्सपीरियंस्ड एचआर मैनेजर्स को तरजीह दे रहे हैं।

इन दिनों विकल्प तो बहुत हैं लेकिन यदि अपनी रियलिस्टिक एस्पीरेशन को ध्यान में रखकर स्टूडेंट्स ने कोर्स का चयन नहीं किया तो मौजूदा विकल्पों का मतलब नहीं है। स्टूडेंट्स को चाहिए कि वो किसी भी करियर का चयन करते वक्त एक बैकअप प्लान भी तैयार रखें। इस दौरान मेन फोकस तो पहली च्वाइस पर हो, लेकिन ऐसी लूप लाइन भी रेडी रखें, जो पहली च्वॉइस न मिलने पर आपको करियर की सम्मानजनक राह तक जरूर ले जाए।

कॉर्पोरेट बैंकिंग

इस तरह की बैंकिंग फैसेलिटी अमूमन बडे कॉर्पोरेट घरानों को ध्यान में रखकर दी जाती है। इसके अंतर्गत कई बैंकें मिलकर कंसोर्टियम एडवांस के जरिए भी लोन देती हैं। इसकी लोकप्रियता के चलते आज देश के कई बडे सरकारी व प्राइवेट बैंक एक अलग कॉर्पोरेट बैंकिंग सेक्शन चलाते हैं। जहां बडी संख्या में योग्य लोगों के लिए अच्छी गुंजाइशें हैं। कई संस्थान एमबीए इन कॉर्पोरेट बैंकिंग जैसे ऑफर कर रही हैं। जानकारों के मुताबिक कॉमर्स बैकग्राउंड वाले स्टूडेंट्स के लिए ये कोर्स खासे फायदेमंद हैं।

टॉप मैनेजमेंट कॉलेज

-आईआईएम

-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल वेलफेयर एंड मैनेजमेंट, कोलकाता

-फैकल्टी ऑफ मैनजमेंट स्टडी, दिल्ली

-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड, दिल्ली

-इंस्टीट्यूट ऑफ रुरल मैनेजमेंट, आणंद

-सिंबोसिस सेंटर फॉर मैनेजमेंट एंड एचआरडी, पुणे

रुरल मैनेजमेंट

देश की आधी आबादी गांवों में रहती है। जिनके विकास के लिए अहम है कि वहां एग्रीकल्चर एक्टिविटी को आधुनिक ढंग से अंजाम दिया जाए। रुरल मैनेजमेंट इस काम में अहम कडी है।

स्किल्स : इस फील्ड में वही युवा सफल हो सकते हैं, जिसे वोलंटियेरी एजेंसी, रिसर्च, माइक्रोफाइनेंस आदि की समझ है। एकेडमिक योग्यता के साथ ही ग्राम्य जीवन में रुचि महत्वपूर्ण है।

फ्यूचर : आज देश में रूरल कंजम्शन वैल्यू ट‌र्म्स में कुल उपभोग का करीब 17 फीसदी है। ऐसे में देशी व एफएमजीसी कंपनियां इस सेक्टर को मुट्ठी में करने में लगी हैं। लिहाजा इस करियर में युवाओं के लिए बहुत से विकल्प खुले हैं और फ्यूचर में अवसर भी खूब हैं।

आ‌र्ट्स

आ‌र्ट्स सब्जेक्ट्स को अभी तक तिरछी नजरों से ही देखा जाता था। लेकिन अब वक्त बदल रहा है। सिविल सर्विसेज से लेकर हॉस्पिटेलिटी, फाइन आ‌र्ट्स में आप अपना फ्यूचर तलाश सकते हैं..

टॉप आ‌र्ट्स कॉलेज

-सेंट स्टीफेन कॉलेज, दिल्ली

-लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वूमन, दिल्ली

-सेंट जोसेफ कॉलेज, बंगलुरु

-सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता

-हिंदू कॉलेज, दिल्ली

हॉस्पिटैलिटी

आज ग्लोबलाइजेशन के दौर में जिस तरह संस्कृतियों का जुडाव हो रहा है, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में काम के अवसर बेहतर हुए हैं। यहां आपके पास होटल मैनेजमेंट, कलनरी, ट्रैवल व टूरिज्म, एयरहोस्टेस, क्रू-केबिन सर्विसेज जैसे कई ऑप्शन उपलब्ध हैं।

स्किल्स : एकेडमिक क्षमताओं के अलावा इसमें पर्सनल स्किल्स बहुत काम आती हैं। कम्यूनिकेशन, पर्सनैलिटी, बात करने का ढंग और बिहेवियर महत्वपूर्ण हैं।

फ्यूचर : बीते सालों में होटल इंडस्ट्री 14.3 प्रतिशत से बढ रही है। माना जा रहा है 2016 तक देश की जीडीपी में इसका योगदान 8.8 फीसदी होगा। सीआईआई की एक रिपोर्ट बताती है कि आने वाले 5-7 सालों में देश के 6 मेट्रो सिटीज में पचास हजार नए होटल रूम बनाए जाएंगे। ऐसे में यहां आने वाले सालों में जॉब्स की कमी नहीं रहने वाली। आज इसमें पेस्ट्री शेफ, सोमेलियर्स जैसे नए कोर्स भी उपलब्ध हैं।

संस्थान

- बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, बनारस

-इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट

-पूसा इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, दिल्ली

-नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट, नोएडा

-देव संस्कृति विवि, हरिद्वार

-ओबरॉय सेंटर फॉर लर्निग एंड डेवलेपमेंट, दिल्ली

-वेलकम ग्रुप ग्रेजुएट स्कूल ऑफ होटल एडमिनिस्ट्रेशन, मनीपाल

फाइन आ‌र्ट्स

अलग और बेहतर करियर चाहते हैं, तो फाइन आ‌र्ट्स बेस्ट है। इस लाइन में डिप्लोमा लेवल कोर्स के अलावा बीएफए, एमएफए जैसे कोर्स लोकप्रिय हैं।

स्किल्स : क्रिएटिव माइंड, इनोवेटिव आइडिया, गुड कम्युनिकेशन स्किल्स जरूरी।

फ्यूचर : जिस तरह से भारत में एड एजेंसी, टेक्सटाइल, मीडिया, फोटोग्राफी, पेटिंग, म्यूजिक, डांस, सिंगिंग जैसे रंग-बिरंगे मंच उभर रहे हैं, आनेवाले समय में इस तरह के प्रोफेशनल्स की मांग बढनेवाली है। अगर रुचि है तो इसमें करियर बनाकर फ्यूचर सिक्योर कर सकते हैं।

संस्थान

-इलाहाबाद यूनिवर्सिटी

-जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, दिल्ली

-दिल्ली यूनिवर्सिटी

-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी

मास कम्युनिकेशन

मास कम्यूनिकेशन में समाचारों के अलावा फिल्म, धारावाहिक, डॉक्यूमेंट्री, रेडियो में भी काम की बेशुमार पॉसिबिलिटीज हैं।

स्किल्स : भाषा पर पकड, सटीक कम्यूनिकेशन, एक से ज्यादा लैंग्वेज पर पकड। इसमें एंट्री के लिए डिप्लोमा से लेकर बैचलर, पीजी कोर्स तक मौजूद हैं। प्रोडेक्शन वर्क के लिए शॉर्ट टर्म टेक्निकल कोर्स भी चलाए जाते हैं।

फ्यूचर : आज 11 फीसदी की रफ्तार से ग्रोथ कर रही करीब 14.4 बिलियन की यह इंडस्ट्री बेहतर करियर का दूसरा नाम बन रही है। नए-नए मीडिया पब्लिशिंग हाउसेज, प्रोडेक्शन हाउसेज फ्रेशर्स के लिए इमर्जिग डोर साबित हो रहे हैं। इसके अलावा पीआर बनने का भी अवसर मिलता है।

संस्थान

-आईआईएमसी, दिल्ली

-माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल

-राजर्षि टंडन ओपन यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद

-जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेट एंड मास कम्यूनिकेशन, दिल्ली

-मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्यूनिकेशन, अहमदाबाद

-ऐजे किदवई मास कम्यूनिकेशन रिसर्च, जामिया मिलिया, दिल्ली

लॉ

ज्यादातर आ‌र्ट्स स्टूडेंट्स लॉ कोर्सेज में भागीदारी करते हैं। इसमें करियर का स्कोप ब्राइट है।

स्किल्स : कानून की जानकारी, सीखने की ललक, लोगों को न्याय दिलाने की चाहत, संघर्ष की क्षमता और भाषा पर पकड इस फील्ड में सफलता की गुंजाइश बढा देती है।

फ्यूचर : एक आंकडे के मुताबिक देश के सुप्रीम कोर्ट में करीब 58 हजार केस व हाईको‌र्ट्स में लगभग 44 लाख के ज्यादा केस पेंडिंग पडे हैं, जिन्हें सुलझाने के लिए अदालतों को अतिरिक्त काम करना पड रहा है। ऐसे में को‌र्ट्स और लॉ फ‌र्म्स को स्किल्ड एडवोकेट और लॉ एक्सप‌र्ट्स की काफी संख्या में जरूरत है।

संस्थान

-डॉ. राम मनोहर लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी, लखनऊ

-नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली

-लखनऊ नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ

-नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जयपुर

-नेशनल एकेडमी ऑफ लीगल स्टडी एंड रिसर्च, हैदराबाद

-हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रायपुर

 

Jagran Josh
Jagran Josh

Education Desk

    Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

    ... Read More

    आप जागरण जोश पर सरकारी नौकरी, रिजल्ट, स्कूल, सीबीएसई और अन्य राज्य परीक्षा बोर्ड के सभी लेटेस्ट जानकारियों के लिए ऐप डाउनलोड करें।

    Trending

    Latest Education News