डिस्टेंस-एजुकेशन दूर करें दूरी

Jan 14, 2009, 03:48 IST

क्या आप महंगी होती शिक्षा को अफॉर्ड नहीं कर सकते, प्रोफेशनल कोर्स करना चाहते हैं, पर समय नहीं है, हाउसवाइफ हैं, पर वर्किग होना चाहती हैं- यदि हां, तो डिस्टेंस-एजुकेशन के माध्यम से आप यह डिस्टेंस दूर कर सकते हैं। कैसे? गाइड कर रही हैं सीमा झा..

इन दिनों तेजी से बदलते समय का प्रभाव हर चीज पर पड रहा है। और इससे शिक्षा का क्षेत्र भी अछूता नहीं है। यही वजह है कि शिक्षा के स्वरूप, उद्देश्य और यहां तक कि शिक्षा के माध्यमों में भी काफी बदलाव देखा जा सकता है। परिणामस्वरूप इन दिनों सरकार न केवल शिक्षण-संस्थानों की संख्या में बढोत्तरी करने जा रही है, बल्कि शिक्षा रोजगारपरक भी हो, वह इस दिशा में भी पुरजोर कोशिश कर रही है। और सरकार की इस कोशिश में रेगुलर स्टडी सिस्टम ही नहीं, बल्कि ओपेन यूनिवर्सिटीज व डिस्टेंस लर्निग सेंटर्स भी अपना-अपना अहम रोल अदा कर रहे हैं। डिस्टेंस एजुकेशन सेंटर्स की पहुंच और लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स के प्रति पांच स्टूडेंट्स में से एक स्टूडेंट डिस्टेंस लर्निग सेंटर्स से जुडे होते हैं। डिस्टेंस एजुकेशन काउंसिल के मुताबिक, आगामी पांच सालों में देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले के प्रतिशत को 10 से 15 प्रतिशतकरने के राष्ट्रीय लक्ष्य को पूरा करने में डिस्टेंस लर्निग मोड का योगदान उल्लेखनीय होगा।

लोकप्रिय क्यों?

यदि यह कहें कि शिक्षा सबके लिए और सबको मिले समयानुकूल शिक्षा-सरीखे उद्देश्य को आज डिस्टेंस लर्निग सेंटर्स भली-भांति पूरा कर रहे हैं, तो शायद गलत नहीं होगा। दरअसल, न केवल इन एजुकेशन सेंटर्स की फीस सस्ती होती है, बल्कि इनके छोटे-छोटे शहरों में मौजूद होने के कारण इनकी पहुंच का दायरा भी काफी बृहत होता है। और सबसे बडी बात, जिसकी वजह से डिस्टेंस एजुकेशन की लोकप्रियता में दिन-ब-दिन इजाफा होता जा रहा है, वह है इसमें तकनीकी साधनों का इस्तेमाल किया जाना। दरअसल, आज डिस्टेंस एजुकेशन कॉरेस्पॉन्डेंस मैटीरियल्स तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि स्टूडेंट्स अब टेलिकॉन्फ्रेंसिंग और मोबाइल के माध्यम से ंडिस्टेंस एजुकेशन का लाभ भी काफी करीब से उठा रहे हैं।

प्रमुख कोर्सेज

आज देश भर में लगभग 14 ओपेन यूनिवर्सिटी मौजूद हैं। इसके अलावा, 54 से अधिक डिस्टेंस लर्निग  सेंटर्स भी हैं। इन संस्थानों से आप न केवल डिग्री कोर्स (ग्रेजुएट, पीजी, एमफिल, पीएचडी), बल्कि विभिन्न विषयों में प्रोफेशनल कोर्सेज (सर्टिफिकेट या डिप्लोमा) भी कर सकते हैं। कुछ महत्वपूर्ण कोर्सेज, जो आज छात्रों के बीच काफी पॉपुलर हैं, वे हैं..

पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज

मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन

  मास्टर ऑफ एजुकेशन 

मास्टर ऑफ लाइब्रेरी ऐंड इन्फॉर्मेशन साइंस 4मास्टर ऑफ टूरिज्म मैनेजमेंट आदि।

बैचलर कोर्सेज

बैचलर ऑफ लॉ

बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन

बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन 

बैचलर ऑफ साइंस इन नर्सिग

बैचलर ऑफ सोशल वर्क आदि।

सर्टिफिकेट कोर्सेज

सर्टिफिकेट इन कम्प्यूटर ऐप्लिकेशन 

सर्टिफिकेट इन कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग

सर्टिफिकेट इन फूड न्यूट्रिशन

सर्टिफिकेट इन डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स

सर्टिफिकेट इन कम्युनिकेटिव इंग्लिश आदि।

पीजी डिप्लोमा कोर्सेज

पीजी डिप्लोमा इन एग्रिकल्चरल मार्केटिंग

पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग ऐंड फाइनैंस 

पीजी डिप्लोमा इन मार्केटिंग मैनेजमेंट

पीजी डिप्लोमा इन एन्टरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग

पीजी डिप्लोमा इन एक्सपोर्ट मैनेजमेंट

पीजी डिप्लोमा इन कॉर्पोरेट लॉ आदि।

डिप्लोमा कोर्सेज

डिप्लोमा इन अप्लॉयड इलेक्ट्रॉनिक्स

डिप्लोमा इन फैशन डिजाइन ऐंड बूटिक मैनेजमेंट

डिप्लोमा इन डेयरी मार्केटिंग

डिप्लोमा इन इन्फॉर्मेशन साइंस

डिप्लोमा इन टूरिज्म इंडस्ट्री आदि।

कोर्स की अवधि

पीजी डिप्लोमा कोर्स की अवधि दो साल या एक साल की भी हो सकती है। वहीं, सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि एक साल या छह माह भी हो सकती है। पोस्ट ग्रेजुएट या बैचलर कोर्स परंपरागत अवधि वाले यानी क्रमश: दो वर्ष और तीन वर्ष के होते हैं।

योग्यता

यदि आप डिग्री कोर्स में प्रवेश लेना चाहते हैं, तो यह जरूरी है कि आप बारहवीं पास हों। वहीं, पीजी कोर्स में दाखिले के लिए आपका ग्रेजुएट होना जरूरी है। इसके अलावा, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स में दाखिले के लिए कोई तय योग्यता नहीं है। हालांकि यह संबंधित संस्थान पर भी निर्भर करती है कि वहां इनके लिए क्या योग्यता तय की गई हैं!

प्रमुख ओपेन यूनिवर्सिटीज 

इंदिरा गांधी नेशनल ओपेन यूनिवर्सिटी

www.ignou.ac.in

नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी, बिहार

www.nalandaopenunive rsity.com

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन ओपेन यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद

sanyal@nde.vsnl.net.in

नेताजी सुभाष ओपेन यूनिवर्सिटी, कोलकाता

nsou@cal2vsnl.net.in

कोटा ओपेन यूनिवर्सिटी, राजस्थान

रावतभाटा रोड, अकेलागढ, कोटा-324010

मध्यप्रदेश भोज ओपेन यूनिवर्सिटी

rr@rbubhop.mp.nic.in

यशवंत राव चवन ओपेन यूनिवर्सिटी, नासिक महाराष्ट्र

www.ycmou.com

डिस्टेंस एजुकेशन काउंसिल

ओपेन यूनिवर्सिटीज और डिस्टेंस लर्निग सेंटर्स के नियमन, फंड अरेंजमेंट, असेसमेंट आदि कार्य डिस्टेंस एजुकेशन काउंसिल द्वारा किए जाते हैं। वर्तमान में इसके चेयरमैन हैं इग्नू के वाइस चांसलर प्रोफेसर वीएन राजशेखरन पिल्लई। गौरतलब है कि विदेशों में ऑनलाइन एजुकेशन बेहद पॉपुलर हो रहा है। यदि यूएस की बात करें, तो यहां डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से पढने की दर लगभग बीस प्रतिशत सालाना है। हालांकि हमारे यहां अभी यह ट्रेंड थोडा धीमा है, लेकिन धीरे-धीरे ही इग्नू और कुछ प्राइवेट ओपेन लर्निग संस्थानों के माध्यम से दूरस्थ-शिक्षा अब दूर की बात नहीं रही है।

सूटेबॅल माध्यम है डिस्टेंस एजुकेशन

मौजूदा समय में डिस्टेंस लर्निग मोड की लोकप्रियता पर हमने बात की इंदिरा गांधी नेशनल ओपेन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और डिस्टेंस एजुकेशन काउंसिल के चेयरमैन वीएन राजशेखरन पिल्लई से। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश..

इन दिनों डिस्टेंस एजुकेशन मोड पॉपुलर क्यों हो रहा है?

ऐसे कई कारण हैं, जिनकी वजह से आज डिस्टेंस एजुकेशन पॉपुलर हो रहा है। सूचना तकनीकी क्रांति ने आज डिस्टेंस एजुकेशन के पारंपरिक धारणा को बदलकर रख दिया है। वास्तव में, डिस्टेंस एजुकेशन समाज के लगभग सभी तबकों को लाभ पहुंचा रहा है। यानी उन तबकों को, जो बडे शहरों में आकर महंगे एजुकेशन अफॉर्ड नहीं कर सकते और उन तबकों को भी, जो पहले से ही किसी प्रोफेशन में हैं, लेकिन अपने स्किल्स में और ज्यादा इजाफा करना चाहते हैं। इसी तरह, जो हाउसवाइफ हैं, वे भी घर बैठे प्रोफेशनल कोर्स डिस्टेंस  एजुकेशन मोड का पूरा लाभ उठा रही हैं।

क्या डिस्टेंस एजुकेशन से कोर्स करने के बाद कैंडिडेट के एम्प्लॉयबिलिटी पर कोई असर पडता है?

कुछ समय पहले तक यह धारणा थी, लेकिन अब इस धारणा में तेजी से बदलाव आ रहा है। क्योंकि आज डिस्टेंस एजुकेशन का स्वरूप और रेपो पूरी तरह बदल गया है।

डिग्री कोर्सेज में कौन-कौन से कोर्स अधिक लोकप्रिय हैं?

बारहवीं करने के बाद लगभग हर विषय से जुडे डिग्री कोर्सेज में स्टूडेंट्स दाखिला ले रहे हैं। जैसे, बीबीए, बीकॉम, बीए इन साइकोलॉजी, इकोनॉमिक्स आदि। इसके बाद उनका रुझान प्रोफेशनल या हायर लेवॅल के एकेडमिक कोर्सेज की ओर भी होता है। जैसे, पीजी डिप्लोमा, डिप्लोमा या एमफिल या पीएएचडी आदि। इन कोर्सेज को डिस्टेंस एजुकेशन माध्यम से करने वाले छात्रों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।

इंदिरा गांधी नेशनल ओपेन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और डिस्टेंस एजुकेशन काउंसिल के चेयरमैन वीएन राजशेखरन पिल्लई से सीमा झा की बातचीत पर आधारित

Jagran Josh
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Education Desk

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