आरक्षण की नई व्यवस्था पर बैकफुट पर आ चुके उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की मुश्किलें आने वाले दिनों में अभी और बढ़ेंगी. प्रतियोगी छात्र पिछले दो माह के दौरान आयोग द्वारा की गई सीधी भर्तियों को चुनौती देने को याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं. छात्रों ने सूचना के अधिकार के तहत आयोग से सीधी भर्तियों के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी है.
दरअसल प्रतियोगी छात्र अब इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद आयोग के प्रदेश के महाविद्यालयों में विभिन्न विषयों के लिए प्रवक्ताओं की सीधी भर्ती, संस्कृति निदेशालय में क्षेत्र सहायक की सीधी भर्ती समेत कई अन्य सीधी भर्ती परीक्षाओं को चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं. आयोग पर किसी जाति विशेष को फायदा पहुंचाने के आरोप इन भर्तियों के रिजल्ट आने के बाद से लगते आ रहे हैं. छात्र इसके लिए विधि विशेषज्ञों से मशविरा ले रहे हैं.
छात्रों के मुताबिक आयोग की मनमानी अब नहीं चलने दी जाएगी. छात्रों ने आयोग के चेयरमैन व परीक्षा नियंत्रक से सूचना के अधिकार के तहत पूछा है कि आयोग द्वारा की गई सीधी भर्ती परीक्षाओं का मापदंड क्या है.
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