साइंस में बिग ऑप्शंस

Apr 15, 2014, 15:00 IST

12वीं के बाद साइंस स्टूडेंट्स के सामने अब इंजीनियरिंग व मेडिकल जैसी फील्ड के अलावा पढ़ाई एवं करियर के और भी कई ब्राइट ऑप्शंस हैं.

12वीं के बाद साइंस स्टूडेंट्स के सामने अब इंजीनियरिंग व मेडिकल जैसी फील्ड के अलावा पढ़ाई एवं करियर के और भी कई ब्राइट ऑप्शंस हैं..

मैथ्स में ऑप्शंस

12वीं के बाद स्टूडेंट्स ऐसे चौराहे पर खड़े होते हैं, जहां उन्हें एक खास फील्ड का सेलेक्शन करना होता है, जो उनके करियर को एक नए मुकाम तक ले जा सके। दरअसल, आज हायर सेकंडरी के बाद ऑप्शंस की भरमार है, जिनके जरिए करियर को अट्रैक्टिव शेप दिया जा सकता है। इस सीरीज में सबसे पहले बात करेंगे साइंस स्ट्रीम (पीसीएम व पीसीबी) में ऑप्शंस पर। मैथ्स के साथ बढ़ें आगे

मैथ्स के साथ हायर सेकंडरी करने वाले स्टूडेंट्स आमतौर पर इंजीनियरिंग, कंप्यूटर, बीटेक और डिफेंस सर्विसेज जैसे ट्रेडिशनल फील्ड में ही जाना पसंद करते हैं, लेकिन कई बार मनमुताबिक मौके नहीं मिलने से निराश होकर वे अपनी च्वाइस से समझौता कर लेते हैं। हालांकि अब उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक, फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स कॉम्बिनेशन के साथ पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स आज नैनोटेक्नोलॉजी, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम जैसी फील्ड में हाथ आजमा सकते हैं।

नैनो टेक्नोलॉजी

ग्लोबल इंफॉर्मेशन इंक के रिसर्च के मुताबिक, 2018 तक नैनो टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के 3.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। 2015 तक इस फील्ड में दस लाख प्रोफेशनल्स की जरूरत होगी। नैनो टेक्नोलॉजी का मतलब है साइंस ऑफ मिनिएचर। जब कोई चीज नैनो डाइमेंशन में बदल जाती है, तो उसके भौतिक, रासायनिक, चुम्बकीय, प्रकाशीय, यांत्रिक और इलेक्ट्रिक गुणों में भी चेंज आ जाता है।

यह टेक्नोलॉजी मेडिकल साइंस, एनवॉयर्नमेंट साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, कॉस्मेटिक्स, सिक्योरिटी, फैब्रिक्स और कई दूसरी फील्ड में यूज होती है। शारदा यूनिवर्सिटी के प्रो. ईशान शर्मा के मुताबिक, नैनो टेक्नोलॉजी में करियर ग्रोथ बहुत है। आगे चलकर इस फील्ड से जुड़े प्रोफेशनल्स की काफी डिमांड होगी।

एस्ट्रो-फिजिक्स

स्टार्स और गैलेक्सीज में दिलचस्पी रखते हैं, तो 12वीं के बाद एस्ट्रो-फिजिक्स में एक्साइटिंग करियर बना सकते हैं। इसके लिए आप चाहें, तो पांच साल के रिसर्च ओरिएंटेड प्रोग्राम (एमएस इन फिजिकल साइंस), चार या तीन साल के बैचलर्स प्रोग्राम (बीएससी इन फिजिक्स) में एडमिशन ले सकते हैं। एस्ट्रोफिजिक्स में डॉक्टरेट करने के बाद स्टूडेंट्स इसरो जैसे रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन में साइंटिस्ट बन सकते हैं। नेट क्लियर करके टीचिंग फील्ड में भी करियर बना सकते हैं।

बायोमेडिकल इंजीनियरिंग


यह इंजीनियरिंग की ऐसी फील्ड है, जिसमें इंजीनियरिंग और मेडिकल साइंस के सिद्धांतों को एक साथ अप्लाई कर हेल्थकेयर डायग्नोसिस में काफी बदलाव लाया जा सकता है। इसमें ग्रेजुएशन करने के बाद स्टूडेंट्स के पास प्राइवेट और पब्लिक, दोनों सेक्टर्स में जॉब के ऑप्शंस मिलेंगे। विदेशों में तो इनकी काफी डिमांड है। फूड टेक्नोलॉजी

बारहवीं के बाद साइंस स्टूडेंट्स फूड टेक्नोलॉजी में भी हायर स्टडी के बाद करियर बना सकते हैं। ग्रेजुएशन में एडमिशन के लिए 12वीं में कम से कम 50 परसेंट मा‌र्क्स होना जरूरी है।

मरीन इंजीनियरिंग

मरीन इंजीनियर्स शिप की मेंटिनेंस, रिपेयरिंग और मैकेनिकल फंक्शंस के लिए रिस्पॉन्सिबल होते हैं। पब्लिक और प्राइवेट शिपिंग कंपनीज में मरीन इंजीनियर्स की डिमांड बहुत है। बैचलर डिग्री के साथ इस फील्ड में आसानी से एंट्री कर सकते हैं।

करियर इन जीआईएस

ज्योग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) तेजी से उभरता हुआ फील्ड है। अर्बन-रूरल प्लानिंग, लैंड यूज मैनेजमेंट, एग्रीकल्चर, फॉरेस्ट्री, पब्लिक हेल्थ, नेचुरल रिसोर्स एक्सप्लोरेशन मैनेजमेंट और डिफेंस जैसे सेक्टर्स में जीआईएस का रोल बहुत ही अहम है। जीआईएस में टूल्स और टेक्नोलॉजी की मदद से धरती की सीमा का ज्योग्राफिक लोकेशन, मैन-मेड स्ट्रक्चर, नेचुरल फीचर्स का पता लगाया जा सकता है। इस फील्ड में रिमोट सेंसिंग, मैपिंग, च्योस्पेशियल डेटाबेस इंफॉर्मेशन सिस्टम का यूज होता है। इससे रिलेटेड कोर्स करने के बाद स्टूडेंट्स जीआइएस टेक्नोलॉजिस्ट, टेक्नीशियन एनालिस्ट और स्पेशलिस्ट के तौर पर करियर बना सकते हैं।

बायोलॉजी में ऑप्शंस

अगर आपने बायोलॉजी से बारहवीं किया है, तो मेडिकल फील्ड से रिलेटेड कई ऑप्शंस आपके लिए खुले हैं। इसमें फिजियोथेरेपिस्ट, मेडिकल असिस्टेंट, फार्मासिस्ट, रजिस्टर्ड नर्स, ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट, क्लीनिकल लेबोरेट्री, टेक्निशियन और पैरामेडिकल स्टाफ जैसे कोर्सेज शामिल हैं। अगर आप इनसे रिलेटेड कोर्स कर लेते हैं, तो आपके करियर को एक बेहतरीन ट्रैक मिल जाएगा। इसके अलावा भी कई और ऑप्शंस हैं, जिन्हें करने के बाद आप शानदार करियर बना सकते हैं।

पैरामेडिकल

भारत हेल्थकेयर सेक्टर में हॉट डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है। इस कारण पैरामेडिकल प्रोफेशनल्स की डिमांड में भी बढ़ रही है। पैरामेडिकल की डिफरेंट फील्ड में इंट्री के लिए सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री कोर्स, मास्टर डिग्री कोर्स, पीजी सर्टिफिकेट कोर्स के जरिये इंट्री पा सकते हैं। सर्टिफिकेट और डिग्री कोर्स की ड्यूरेशन एक से पांच साल की होती है।

मेडिकल टूरिज्म

भारत मेडिकल टूरिच्म का ग्लोबल हब बनता जा रहा है। यहां पड़ोसी देशों के अलावा, अमेरिका और यूरोपीय देशों के लोग भी सस्ते इलाज के लिए आते हैं।

इस फील्ड में इंट्री सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री कोर्स के जरिये कर सकते हैं। कुछ यूनिवर्सिटीज एमएससी इन हॉस्पिटल एडमिनिसट्रेशन ऐंड मैनेजमेंट, एमबीए इन हॉस्पिटल एडमिनिसट्रेशन जैसे मैनेजमेंट कोर्स भी कराती हैं।

मरीन बायोलॉजिस्ट

पीसीबी स्टूडेंट्स के लिए मरीन बायोलॉजिस्ट एक नई तरह की फील्ड है। इसमें इंट्री के लिए बीएससी में बायोलॉजी मेन सब्जेक्ट होना चाहिए। अगर साथ में मास्टर डिग्री भी है, तो अच्छा है। साइंटिफिक स्किल, रिसर्च स्किल और प्रेजेंटेशन स्किल भी इस फील्ड के लिए जरूरी है।

माइक्रोबायोलॉजिस्ट

माइक्रोबायोलॉजी की फील्ड में इंट्री के लिए बीएससी इन लाइफ साइंस या बीएससी इन माइक्रोबायोलजी कोर्स कर सकते हैं। इसके बाद मास्टर डिग्री और पीएचडी भी कर सकते हैं। ग्रेजुएशन करने के बाद साइंस लैबोरेट्रीज और पाइथोलॉजी लैब्स में काम कर सकते हैं। वहीं पीजी करने के बाद फार्मास्यूटिकल, डेरी और डिस्टीलरीज इंडस्ट्रीज में काम कर सकते हैं। माइक्रोबायोलॉजी में माइनूट लिविंग आर्गेनिज्म की स्टडी की जाती है।

न्यूट्रिशनिस्ट

लाइफस्टाइल में तेजी से बदलाव आने से न्यूट्रिशन साइंस में करियर के अवसर पहले से काफी बढ़े हैं। न्यूट्रिशनिस्ट बनने के लिए बीएससी इन होमसाइंस और एक साल का न्यूट्रिशयनिस्ट का डिप्लोमा कर सकते हैं। इसके अलावा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशयन हैदराबाद एक साल पोस्टग्रेजुएट सर्टिफिकेट कोर्स भी कराता है।

नई अप्रोच के साथ करें शुरुआत

साइंस में सक्सेस के बहुत स्कोप हैं। मैथ्स और बायोलॉजी, दोनों ही फील्ड तेजी से ग्रो कर रही हैं। 12वींमैथ्स से करने वाले स्टूडेंट्स ज्यादातर ट्रेडिशनल कोर्स की तरफ फोकस करते हैं, लेकिन अब वे बहुत से नए फील्ड्स, जैसे-साइबर फॉरेंसिक, साइबर सिक्योरिटी में भी करियर शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा, आजकल इंस्टीट्यूट्स में इंक्यूबेटर्स के जरिए खुद का स्टार्टअप भी शुरू किया जा सकता है। साइंस की फील्ड में स्टूडेंट्स नई सोच के साथ अप्रोच करें, सक्सेस जरूर मिलेगी।

Jagran Josh
Jagran Josh

Education Desk

    Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

    ... Read More

    आप जागरण जोश पर सरकारी नौकरी, रिजल्ट, स्कूल, सीबीएसई और अन्य राज्य परीक्षा बोर्ड के सभी लेटेस्ट जानकारियों के लिए ऐप डाउनलोड करें।

    Trending

    Latest Education News