स्वागत भी, कॅरियर भी

Sep 15, 2011, 15:26 IST

वैश्वीकरण के इस दौर में दुनिया ने एक गांव का रूप ले लिया है

वैश्वीकरण के इस दौर में दुनिया ने एक गांव का रूप ले लिया है। अब लोगों को सात समंदर पार जाने में भी ज्यादा समय की आवश्यकता नहीं पडती है। यही कारण है कि जनसंख्या का एक बडा तबका देश-विदेश के पर्यटन स्थल घूमने का प्लॉन करने में संकोच नहीं करता। सिमटती दूरियों के बीच लोग बाहरी दुनिया के बारे में भी जानने के उत्सुक रहते हैं। यही कारण है कि आज दुनिया में टूरिज्म एक फलता फूलता उद्योग बन चुका है। टूरिज्म उद्योग के विस्तार से टूरिस्ट गाइड का स्कोप बढा है। पर्यटन आज सांस्कृतिक पहचान पुख्ता करने के साथ रेवेन्यू का भी जरिया बन रहा है। ऐसे में स्थानीय सरकारें अपने देश में पर्यटन को बढावा देने की पुरजोर कोशिश कर रही हैं।

क्या करते हैं टूरिस्ट गाइड

पर्यटन के क्षेत्र में सफल व्यवसायी बनने के लिए जरूरत है मैनेजमेंट की। होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंट, टैक्सी एसोसिएशन आदि तक आपकी आसानी से पहुंच होनी चाहिए। टूरिस्ट गाइड का काम यात्रा के दौरान पर्यटकों के साथ रहकर उसे नई जगह के बारे में अवगत कराना होता है और जाने-अनजाने और अनछुए पहलुओं से वाकिफ कराना इनके कार्य में शामिल है। ऐसे में यदि आपको घूमने फिरने का शौक है, नई नई जगहों को अन्वेषित करने में रुचि हैं, तो पर्यटन के क्षेत्र में बतौर गाइड आप अपने शौक को परवान चढा सकते हैं। इस क्षेत्र में प्रवेश लेने वालों के लिए जरूरी है कि वे अपनी कुछ खास स्किल्स विकसित करें, जिनमें एडवेंचरस नेचर, बढिया इंटरपर्सनल स्किल्स, क्राइसिस मैनेजमेंट का ज्ञान, इतिहास की जानकारी, क्षेत्रीय संस्कृति व रीति रिवाजों से जुडाव प्रमुख हैं। इनकी मदद से आप इस सेक्टर में तरक्की की सीढियां चढ सकते हैं।

महत्वपूर्ण कोर्स और योग्यता

देश के अलग-अलग संस्थान टूरिज्म ट्रेवल एडमिनस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट में शॉर्ट टर्म डिप्लोमा कोर्स संचालित करते हैं, जिसमें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रैवल एंड टूरिज्म (आईआईटीएम) सबसे खास है, तो वहीं संबंधित राज्य व केंद्र सरकारों के पर्यटन विभाग भी टूर गाइड ट्रेनिंग कोर्स आयोजित करते हैं। जिन्हें पास करने पर आपको सर्टीफाइड गाइड का लाइसेंस मिलता है। टूरिज्म के क्षेत्र में कॅरियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए जरूरी है कि वे इस क्षेत्र में औपचारिक शिक्षा भी ग्रहण करें। देश में विभिन्न संस्थान एवं विश्वविद्यालय टूरिज्म में डिप्लोमा, बैचलर डिग्री एवं मास्टर्स डिग्री प्रदान करते हैं। डिप्लोमा कोर्स की अवधि अमूमन एक वर्ष होती है, जिसे ग्रेजुएशन के बाद किया जा सकता है। आईसीसीआर इस क्षेत्र में जूनियर फेलोशिप भी प्रदान करता है। इसमें आप बारहवीं के बाद इंट्री कर सकते हैं।

भारत में भविष्य

अल्हड खेल, लाजवाब स्वाद, बेमिसाल सुर, ऐतिहासिक दुर्ग, आस्था के महाकुंभ, कलकल नदियां, लरजते झरने और तपस्वियों सी अटल पर्वतों की चोटियां... क्या नहीं है भारत में। जरूरत है तो सिर्फ पर्यटकों को अतुल्य भारत की सच्ची तस्वीर दिखाने की। मेहनती, कुशल और ईमानदार युवा चाहें तो भारत की संपन्न विरासत से अपने लिए समृद्ध भविष्य की राह खोज सकते हैं। पर्वतों के पीछे से होने वाला सूर्योदय हो या विशाल समुद्र में सूर्यास्त, प्रकृति ने दोनों हाथों से भारत पर सौंदर्य की छटा बिखेरी है। कश्मीर से कन्या कुमारी और द्वारिका से डिब्रूगढ तक पसरे प्रकृति के अविस्मरणीय नजारे, धरोहरों की ऐतिहासिक कथाएं पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। स्किल्ड युवाओं के लिए यहां संभावनाओं के असीमित द्वार हैं। स्थानीय पर्यटन उद्योग, राष्ट्रीय पर्यटन उद्योग, पर्यटन संबंधी वेबसाइट, होटल इंडस्ट्री, ट्रेवल एजेंसी, एविएशन, कार्गो ऑपरेशन, हॉस्पिटेलिटी आदि में उनके लिए अवसर बाट जोह रहे हैं। भारतीय गांवों की सैर विदेशी पर्यटकों के लिए किसी रोमांच से कम नहीं है। यहां के घर, बच्चों के खेल, महिलाओं का ओढना-पहनना, खेत-खलिहान, दैनिक गतिविधियां, अर्थव्यवस्था आदि उन्हें इतने आकर्षित करते हैं कि पर्यटक महीनों यहां डेरा डाले रहें। भारत सरकार भी अब ग्रामीण पर्यटन को बढावा देने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। जो लोग बहुत ज्यादा दौडभाग नहीं कर सकते, उनके लिए भी यहां संभावनाएं हैं। स्थानीय स्वाद में स्पेशलाइज्ड करते हुए आप छोटे रेस्टोरेंट, फास्ट फूड कॉर्नर आदि भी पर्यटकों के लिए खोल सकते हैं। बाहर से आने वाला पर्यटक उस स्थानीय स्वाद का अनुभव करना चाहता है, जो कहीं और न मिलता हो।

बढे हैं काम के मौके

देश भर में फैले तमाम टूरिस्ट स्पॉट्स के आस पास बसे स्थानीय लोगों को इन दर्शनीय स्थलों के चलते ही रोजगार के अच्छे मौके मिलते हैं। इन स्थानीय लोगों को यहां आने वाले टूरिस्ट के जरिए अपनी रोजी रोटी मिलती है, तो इन क्षेत्रों के आस - पास विकसित हो रही इंडस्ट्री भी रोजगार के बढिया अवसर पैदा करती है। शायद यही कारण है कि रोजगार की दृष्टि से इस फायदेमंद सेक्टर पर केन्द्र एवं राज्य सरकारें काफी फोकस कर रही हैं। आंकडों की बात करें तो 2007-08 के बीच भारत में विदेशी पर्यटकों के साथ देशी पर्यटकों की संख्या में 6.4 फीसदी की बढोत्तरी दर्ज की गई, तो वहीं हर साल करीब औसतन 12 लाख विदेशी पर्यटक देश आ रहे हैं, जो इस सेक्टर में आने वाले सालों में जॉब की बेहतर होती संभावनाओं को दर्शाता है।

महत्वपूर्ण संस्थान

इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली

जम्मू विश्वविद्यालय,जम्मू

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र

हिमाचल विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश

पांडिचेरी विश्वविद्यालय, पुडुचेरी

इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म डिपार्टमेंट, सीएसजेएमयू, कानपुर

जोश डेस्क

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