दिल्ली में आनंद कारज मैरिज एक्ट लागू किया गया

आनंद कारज एक्ट लागू होने के बाद सिख मैरिज एक्ट का सर्टिफिकेट मिलेगा जिससे सिखों की अपने लिए पहचान सुनिश्चित करना आसान होगा.

Feb 3, 2018, 10:36 IST
Anand Karaj marriage act implemented in Delhi
Anand Karaj marriage act implemented in Delhi

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा 02 फरवरी 2018 को सिखों के विवाह के रजिस्ट्रेशन के लिए आनंद कारज मैरिज एक्ट को लागू करने के लिए मंजूरी प्रदान की गयी. इसके बाद 110 वर्षों के संघर्ष के बाद आखिरकार आनंद कारज मैरिज एक्ट राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लागू हो गया. यह एक्ट लागू करने की मांग 1909 में पहली बार उठी थी.

दिल्ली के लिए 110 सालों के संघर्ष के बाद आनंद कारज एक्ट लागू होना विशेष मायने रखता है. दिल्ली के लिए यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां बड़ी संख्या में सिख परिवार रहते हैं. सिख परिवारों में जिन लोगों की शादी हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर्ड है वे अब आनंद कारज मैरिज एक्ट के तहत इसके पंजीकृत करवा सकते हैं.

आनंद कारज मैरिज एक्ट के लाभ

•    इससे पहले जो भी सिख युगल आनंद कारज का सर्टिफिकेट लेने जाते थे उन्हें हिंदू होने का सर्टिफिकेट मिलता था.

•    एक्ट लागू होने के बाद सिख मैरिज एक्ट का सर्टिफिकेट मिलेगा जिससे सिखों की अपने लिए पहचान सुनिश्चित करना आसान होगा.

•    अभी तक पंजीकरण फॉर्म में धर्म के कॉलम में सिख और मैरिज सर्टिफिकेट पर हिंदू लिखे होने से कई लोगों को सुविधाएं नहीं मिलती थीं.

•    विदेशों में रहने वाले सिख परिवारों को इससे सबसे अधिक लाभ मिलेगा क्योंकि हिन्दू लिखे होने के कारण उन्हें सिखों को मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिलती थीं.

आनंद कारज मैरिज एक्ट वाले राज्य


पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़, मिजोरम, चंडीगढ़, मेघालय आदि.

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पृष्ठभूमि

सिखों के विवाह के लिए अधिनियम तो वर्ष 1909 में ही बना था, लेकिन उसमें विवाह के पंजीकरण का कोई प्रावधान नहीं था. स्वतंत्रता से पहले सिखों में शादियां गुरु ग्रंथ साहिब की मौजूदगी में आनंद विवाह अधिनियम के तहत होती थीं और 1955 तक ऐसा होता रहा. लेकिन 1955 में उसे निरस्त कर दिया गया और चार समुदायों (हिंदू, सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म) को जोड़ते हुए सिखों को भी हिंदू विवाह अधिनियम में शामिल कर लिया गया.

सिख संप्रदाय के लोगों की शादी के लिए बने आनंद कारज विवाह अधिनियम, 1909 में संशोधन पारित किया गया था, जिसे राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने भी मंजूरी दे दी थी. इसलिए अब सिख संप्रदाय के लोगों की शादी का पंजीकरण हिंदू विवाह अधिनियम के तहत न होकर आनंद कारज विवाह अधिनियम, 2012 के तहत होगा.

 

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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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