केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना हेतु हिमाचल प्रदेश सरकार तथा एनटीपीसी और एनएचपीसी के साथ जुलाई के अंतिम सप्ताह में विशेष समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के बारे में-
- हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज की परिकल्पना वर्ष 2009 में की गई थी.
- यह हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज देश में पहला कॉलेज होगा.
- हाइड्रो इंजीनियरिंग को समर्पित विशेषज्ञ इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित करने की यह पहल न सिर्फ अपने देश में, बल्कि संभवत: विश्व भर में अनोखी है.
- बिलासपुर में पहले हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना से क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा.
- स्थानीय शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार के और अधिक अवसर उपलब्ध होंगे.
- एनटीपीसी और एनएचपीसी को विशेषज्ञ कार्यबल उपलब्ध कराए जाएंगे.
- भारत सरकार के केंद्रीय विद्युत, कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा तथा खान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीयूष गोयल, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री प्रेम कुमार धूमल तथा हिमाचल प्रदेश के मंत्री जी. एस. बाली की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.
- इस संस्थान की स्थापना से विशेषज्ञ तकनीकी मानव संसाधन के सृजन में मदद मिलेगी.
- भविष्य की अन्य हाइड्रो परियोजनाओं की विशिष्ट आवश्यकता के अनुकूल यहाँ से देश सेवा करने वाल कार्यबल तैयार किया जाएगा.
- हिमालय क्षेत्र में हाइड्रो पॉवर के निर्माण में सिविल, हाइड्रोलॉजी, मैकेनिकल, इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग आदि जैसे इंजीनियरिंग के विविध क्षेत्रों के तकनीकी कौशल के संयोजन की आवश्यकता होती है.
- इससे हिमाचल प्रदेश के स्थानीय शिक्षित युवाओं हेतु रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध होंगे.
- देश की कुल हाइड्रो पॉवर क्षमता का 35% लगभग 20,000 मेगावाट से अधिक भाग हिमाचल प्रदेश राज्य में ही उत्पादित किया जाता है.

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