National Pollution Control Day 2024: राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस 2 दिसंबर 1984 को भोपाल गैस त्रासदी में अपनी जान गंवाने वालों की याद में मनाया जाता है। यह दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदियों में दर्ज है, जिसमें खतरनाक गैस लीकेज की वजह से कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी।
इस दिवस का उद्देश्य प्रदूषित जल, भूमि और वायु के कारण होने वाली मौतों के बारे में जागरूकता लाना है। इसके अलावा, भोपाल गैस त्रासदी जैसी औद्योगिक आपदाओं को कैसे रोका जाए, इस पर भी यह प्रकाश डालता है।
पर्यावरण प्रदूषण जीवन और स्वास्थ्य की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। प्रदूषण विश्व के समक्ष एक बड़ी समस्या है। भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल के अनुसार, दुनिया भर में हर साल लगभग 7 मिलियन लोग वायु प्रदूषण के कारण मरते हैं। इसे पर्यावरण प्रदूषण के नाम से भी जाना जाता है। हम प्रदूषण को किसी भी पदार्थ, चाहे वह ठोस, तरल, गैस हो या ऊर्जा का कोई भी रूप जैसे ऊष्मा, ध्वनि आदि, का पर्यावरण में शामिल होना कह सकते हैं।
प्रदूषण पैदा करने के लिए विभिन्न कारक जिम्मेदार हैं जैसे पटाखे फोड़ना, कार्बन उत्सर्जन, बम विस्फोट, उद्योगों के माध्यम से गैसों का रिसाव आदि। आजकल प्रदूषण की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और प्रदूषण के स्तर को कम करना संबंधित सरकार और लोगों का कर्तव्य है। हमें प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विचार और योजनाएं बनानी चाहिए।
राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस क्यों मनाया जाता है?
जैसा कि ऊपर चर्चा की गई है, इसका मुख्य कारण औद्योगिक आपदा को नियंत्रित करना और प्रदूषण के स्तर को कम करना है। प्रदूषण को नियंत्रित करने और रोकने के लिए दुनिया भर में सरकारों द्वारा विभिन्न कानून बनाए गए हैं।
भारत सरकार द्वारा जारी अधिनियम और नियम
भारत सरकार ने भारत में प्रदूषण को नियंत्रित करने और रोकने के लिए विभिन्न अधिनियम और नियम लागू किए हैं।
- जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम 1974
- जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) उपकर अधिनियम 1977
- वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम 1981
- पर्यावरण (संरक्षण) नियम 1986
- पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986
- खतरनाक रसायनों के निर्माण, भंडारण और आयात नियम 1989
- खतरनाक अपशिष्ट (प्रबंधन और हैंडलिंग) नियम 1989
- खतरनाक सूक्ष्म जीवों आनुवंशिक रूप से इंजीनियर जीवों या कोशिकाओं के निर्माण, भंडारण, आयात, निर्यात और भंडारण नियम 1989
- राष्ट्रीय पर्यावरण न्यायाधिकरण अधिनियम 1995
- रासायनिक दुर्घटनाएं (आपातकाल, योजना, तैयारी और प्रतिक्रिया) नियम 1996
- जैव-चिकित्सा अपशिष्ट (प्रबंधन और हैंडलिंग) नियम 1998
- पुनर्चक्रित प्लास्टिक निर्माण और उपयोग नियम 1999
- ओजोन क्षयकारी पदार्थ (विनियमन) नियम 2000
- ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000
- नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन और हैंडलिंग) नियम 2000
- बैटरी (प्रबंधन और हैंडलिंग) नियम 2001.
- महाराष्ट्र जैव-निम्नीकरणीय कचरा (नियंत्रण) अध्यादेश 2006
- पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना 2006
हाल ही में क्या हुआ है बदलाव
हाल ही में 12 नवंबर 2024 को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वायु प्रदूषण की जांच करने के लिए एक स्पष्ट और निष्पक्ष दृष्टिकोण स्थापित करने हेतु वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) (जांच करने और जुर्माना लगाने का तरीका) नियम, 2024 को अधिसूचित किया है। ये प्रावधान 12 नवंबर से लागू हैं। आपको बता दें कि यह नियम वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के दायरे में आता है।
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