भारत के किस शहर को कहा जाता है ‘Aluminium City’, जानें

भारत के हर शहर की अपनी खासियत है, जो कि शहरों को खास बनाने का काम करती है। भारत के अलग-अलग राज्यों में खनिजों का भंडार है। इन खनिजों की वजह से कुछ शहरों की पहचान देश और दुनिया में होती है। भारत के अलग-अलग शहरों को जानने की अपनी इस सीरिज में हम भारत के एक और शहर के बारे में जानेंगे, जिसे ‘Aluminium City’ के नाम से भी जाना जाता है। क्या आपको इस शहर के बारे में जानकारी है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

Aug 18, 2023, 18:52 IST
भारत की Aluminium City
भारत की Aluminium City

भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है, जहां की संस्कृति और पंरपराएं इसे अन्य देशों से अलग बनाती हैं। इसके साथ ही देश के अलग-अलग शहर हैं, जिनकी अपनी विशेषताएं हैं।

भारत में खनिजों का भी भंडार है और देश के अलग-अलग शहरों में खनिज पाए जाते हैं और और उनसे नए उत्पाद तैयार किए जाते हैं। क्या आपको पता है कि भारत के किस शहर को ‘Aluminium City’ भी कहा जाता है। भारत के अलग-अलग शहरों को जानने की अपनी इस सीरिज में हम भारत के एक ऐसे ही शहर के बारे में जानेंगे। 

 

अलग-अलग शहरों की है अपनी पहचान

भारत में अलग-अलग शहरों की अपनी पहचान है। इसमें शहरों के खान-पान, वेशभूषा, परंपराएं और रहन-सहन को शामिल किया जाता है। इससे जहां एक तरफ शहर की विशेषता बनती है, वहीं दूसरी तरफ शहर को देश के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने में मदद मिलती है।

 

किस शहर को कहा जाता है ‘Aluminium City’

भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक ऐसा शहर भी है, जिसे ‘Aluminium City’ कहा जाता है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य के सोनभद्र जिले में रेणुकूट शहर को ‘Aluminium City’ के नाम से भी जाना जाता है। 

 

क्यों कहा जाता है ‘Aluminium City’

रेणुकूट शहर एक औद्योगिक नगर है, जो कि रॉबर्टगंज से 68 किलोमीटर दूर है। यह शहर अपने यहां के हिंडाल्को प्लांट और रिहंद बांध के लिए जाना जाता है। यहां पर बिरला ग्रुप का अल्म्यूनियम का प्लांट सबसे अधिक Aluminium का उत्पादन करता है, जिस वजह से यह पूरे देश में ‘Aluminium City’ के नाम से जाना जाता है। 

 

क्या है यहां प्लांट लगने की कहानी

साल 1960 में यहां पर रिहंद बांध का उद्घाटन होना था, जिसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू यहां पहुंचे थे। उनके साथ उस समय जीडी बिरला और जेआरडी टाटा भी यहां आए थे।

ऐसे में नेहरू ने इन दो बड़े उद्योगपतियों से यहां पर उद्योग स्थापित करने के लिए कहा, जिसके बाद बिरला राजी हो गए और उन्होंने यहां 1963 में हिंडाल्को की स्थापना की। 

 

रिहंद बांध से पूर्वांचल को मिलती है बिजली

आपको बता दें कि यहां पर रिहंद नदी पर बना गोविंद वल्लभ पंत बांध से बड़ी मात्रा में ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है, जिससे उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल शहरों को बिजली की आपूर्ति की जाती है। यही वजह है कि इसे पूर्वांचल का पावर हब भी कहा जाता है। 

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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