हरियाणा में किस जिले को कहा जाता है ‘City of Monkeys’, यहां जानें

Jul 7, 2025, 13:58 IST

हरियाणा उत्तर भारत के प्रमुख राज्यों में शामिल है। यहां की विविध संस्कृति और अनूठी परंपराएं इसे अन्य राज्यों से अलग बनाती है। आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि हरियाणा के किस जिले को ‘City of Monkeys’ भी कहा जाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

हरियाणा में बंदरों का स्थान
हरियाणा में बंदरों का स्थान

भारत के उत्तर में जब भी प्रमुख राज्यों की बात होती है, तो इसमें हरियाणा का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता है। भारत का यह राज्य अपने देशी खान-पान, देशी जीवनशैली, विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। यहां के प्रत्येक जिले की अपनी विशेषता है, जिससे पूरे राज्य को विशेष पहचान मिलती है। आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा।

हालांकि, क्या आप जानते हैं कि हरियाणा में एक जिला ऐसा भी है, जिसे ‘City of Monkeys’ भी कहा जाता है। कौन-सा है यह जिला, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

हरियाणा में कुल जिले और मंडल 

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि हरियाणा में कुल कितने जिले हैं, तो आपको बता दें कि प्रदेश में कुल 22 जिले हैं। ये जिले कुल 6 मंडलों में आते हैं, जो कि 73 उपमंडल का हिस्सा हैं। इन उपमंडलों में कुल 93 तहसील और 10 नगर निगम मौजूद हैं।

हरियाणा का सबसे बड़ा और सबसे छोटा जिला 

हरियाणा के सबसे बड़े जिले की बात करें, तो यह सिरसा है, जो कि 4277 वर्ग किलोमीटर में है। वहीं, सबसे छोटा जिला फरीदाबाद है, जो कि 204 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। 

किस जिले को कहा जाता है ‘City of Monkeys’

अब सवाल है कि हरियाणा में किस जिले को ‘City of Monkeys’ भी कहा जाता है। आपको बता दें कि प्रदेश के कैथल जिले को ‘City of Monkeys’ भी कहा जाता है।

क्यों कहा जाता है ‘City of Monkeys’

मान्यताओं पर गौर करें, तो प्राचीन समय में कैथल को कपिस्थल के नाम से जाना जाता था। यहां कपि संस्कृत का एक शब्द है, जिसका अर्थ बंदर होता है। वहीं, स्थल का मतलब स्थान से है। हिंदू मान्यताओं पर गौर करें, तो कैथल यानि कि कपिस्थल हनुमान जी का जन्मस्थान रहा है। ऐसे में इस जगह को कपिस्थल कहा जाता था, जो कि बाद में बदलकर कैथल हो गया। 

शहर में मौजूद है अंजनी टीला

कैथल जिले में एक अंजनी टीला भी मौजूद है। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, इस टीले का संबंध भगवान हनुमान जी की माता अंजनी से है। इस जिले में वृद्धकेदार टैंक भी है, जिसका उल्लेख वैदिक ग्रंथों में मिलता है। 

Disclaimer: यहां बंदरों का स्थान नाम जिले के ऐतिहासिक और धार्मिक उपनाम से है, जो कि हिंदू मान्यताओं द्वारा दिया गया है। लेख में दिया गया बंदरों का स्थान का यह मतलब नहीं है कि यहां बड़ी संख्या में बंदर पाए जाते हैं। 

पढ़ेंःहरियाणा का सबसे छोटा नाम वाला जिला कौन-सा है, यहां जानें

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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