दिल्ली की सियासी गलियारे में हाल ही में बड़ी हलचल हुई है। अरविंद केजरीवाल द्वारा मुख्यमंत्री द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने के बाद आतिशी को दिल्ली की कमान सौंपी गई है। अब वह कुछ दिनों में दिल्ली विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेंगी।
महिला को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपने के साथ आप पार्टी ने उन कयासों पर विराम लगा दिया है, जिसमें आप के कई वरिष्ठ नेताओं के नाम इस सूची में लिए जा रहे थे। हालांकि, आप की ओर से आतिशी को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि दिल्ली की पहली मुख्यमंत्री कौन थी, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री कौन थे
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि दिल्ली को अपना पहला मुख्यमंत्री कब मिला था ? आपको बता दें कि दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौ. ब्रह्म प्रकाश यादव थे। वह एक स्वतंंत्रता सेनानी थी, जिन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन के समय महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। साथ ही, वह कई बार जेल भी गए। साल 1952 से 1955 तक वह दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने शेर-ए-दिल्ली के नाम से भी जाना जाता था।
दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री
अब सवाल है कि दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री कौन थीं। आपको बता दें कि दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज थी। साल 1998 में वह पहली बार दिल्ली की प्रथम महिला मुख्यमंत्री बनी थी।
कैसे मिला मुख्यमंत्री बनने का मौका
सुषमा स्वराज दिल्ली की प्रथम महिला मुख्यमंत्री विशेष परिस्थितियों में बनी थीं। दरअसल, उस समय प्याज की कीमत में बढ़ोतरी की वजह से तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा को इस्तीफा देना पड़ था। उस दौरान विधानसभा चुनाव भी आने वाले थे। ऐसे में सुषमा स्वराज को दिल्ली की कमान सौंपी गई थी।
कितने दिन रहीं मुख्यमंत्री
सुषमा स्वराज को सिर्फ कुछ समय तक ही मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला था। वह सिर्फ 52 दिनों तक ही मुख्यमंत्री रही थीं। हालांकि, चुनावी नतीजों में बीजेपी को बुरी तरह हाल मिली थी।
दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री
दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री कांग्रेस पार्टी की शीला दीक्षित थीं। साल 1998 में वह पहली बार मुख्यमंत्री बनी और 2003 में पूर्ण बहुमत के साथ फिर से सरकार बनाई। साल 2008 में कांग्रेस ने 43 सीटों के साथ जीत हासिल की।
वह दिल्ली में पूरे 15 सालों तक मुख्यमंत्री रहीं। साल 2013 में आप पार्टी की ओर अरविंद केजरीवाल ने चुनाव लड़ा था। इसमें आप को 28 और कांग्रेस को 8 सीटें मिली थीं। ऐसे में कांग्रेस की ओर से आप को बाहर से समर्थन दिया गया और अरविंद केजरीवाल पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। साल 2015 में आप ने क्लीन स्वीप किया और 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, 2020 में आप ने 62 सीटें जीती थीं।
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