नवरात्रि नौ दिनों का हिंदू त्योहार है, जो दिव्य स्त्री या शक्ति का उत्सव मनाता है। "नवरात्रि" शब्द संस्कृत के शब्द "नव" अर्थात नौ और "रात्रि" अर्थात रात से मिलकर बना है।
नवरात्रि के दौरान हिंदू समुदाय के लोग देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। त्यौहार का प्रत्येक दिन देवी के एक अलग रूप को समर्पित होता है और भक्त उपवास रखते हैं तथा मां से आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं।
नवरात्रि का गहरा धार्मिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान देवी दुर्गा एक विशेष रूप में पृथ्वी पर मौजूद रहती हैं। ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि के दौरान उनकी पूजा करने वाले भक्तों को उनकी दिव्य कृपा प्राप्त होती है।
नवरात्रि वर्ष में पांच बार मनाई जाती है, जिसमें प्रत्येक बार अलग-अलग महत्व के साथ इस पर्व को मनाया जाता है।
पांच नवरात्रि हैं: शरद नवरात्रि, चैत्र नवरात्रि, आषाढ़ नवरात्रि, पौष नवरात्रि और माघ नवरात्रि। इनमें से प्रत्येक नवरात्रि का अपना विशिष्ट महत्त्व है।
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हालांकि, प्रमुख नवरात्रि चैत्र नवरात्रि और शरद नवरात्रि हैं। दोनों के बीच अंतर इस प्रकार हैं।
चैत्र नवरात्रि क्या है ?
चैत्र नवरात्रि एक हिंदू त्योहार है, जो हिंदू चंद्र माह चैत्र के दौरान नौ दिनों तक मनाया जाता है, जो आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार मार्च या अप्रैल में पड़ता है। यह भारत के कई क्षेत्रों, विशेषकर उत्तर भारत में हिंदू नववर्ष के आरंभ का प्रतीक है।
क्षेत्रीय विविधताओं की एक झलक यहां दी गई है:
-महाराष्ट्र: मराठी नववर्ष के उपलक्ष्य में गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है।
-कश्मीर: नवरेह के नाम से जाना जाता है, जो कश्मीरी हिंदू नव वर्ष का प्रतीक है।
-आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक: उगादी, तेलुगु नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है।
शरद नवरात्रि क्या है?
शरद नवरात्रि, जिसे महा नवरात्रि भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय नवरात्रि उत्सव है। यह आश्विन माह (आमतौर पर सितम्बर-अक्टूबर) में पड़ता है, जब मानसून का मौसम खत्म हो जाता है और भारत फसल कटाई के मौसम की तैयारी करता है।
यह भव्य त्यौहार शक्तिशाली देवी दुर्गा की कहानी के माध्यम से दिव्य स्त्रीत्व का उत्सव मनाता है, जिन्होंने राक्षस महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। यह बुराई पर अच्छाई की विजय और आंतरिक राक्षसों पर काबू पाने के महत्त्व को दर्शाता है।
चैत्र और शरद नवरात्रि में क्या अंतर है?
चैत्र और शरद नवरात्रि के बीच अंतर इस प्रकार हैं:
समय और महत्व:
-चैत्र नवरात्रि: चैत्र माह (मार्च-अप्रैल) में आती है, जो कुछ क्षेत्रों में हिंदू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। यह वसंत ऋतु के साथ मेल खाता है, जो नई शुरुआत और आध्यात्मिक नवीनीकरण का प्रतीक है।
-शरद नवरात्रि: मानसून के मौसम के समाप्त होते ही आश्विन माह (सितंबर-अक्टूबर) में मनाई जाती है। यह शरद ऋतु में प्रवेश और आगामी फसल के मौसम का प्रतीक है।
उत्सव:
-चैत्र नवरात्रि: व्यापक रूप से मनाया जाने वाला यह त्योहार विशेष रूप से उत्तरी और पश्चिमी भारत में लोकप्रिय है। कई लोग इसे गुड़ी पड़वा (महाराष्ट्र), नवरेह (कश्मीर) या उगादी (आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक) कहते हैं। अंतिम दिन राम नवमी मनाई जाती है।
-शरद नवरात्रि: इसे सबसे महत्वपूर्ण नवरात्रि माना जाता है। यह पूरे भारत में व्यापक रूप से मनाया जाता है। इसे महा नवरात्रि (महान नौ रातें) के नाम से भी जाना जाता है। दसवां दिन, दशहरा, भगवान राम की विजय का प्रतीक है, जो बुराई के विनाश का प्रतीक है।
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