स्टील और स्टेनलेस स्टील में क्या होता है अंतर, जानें

देश में स्टील और स्टेनलेस स्टील आम तौर पर प्रयुक्त होने वाली सामग्रियां हैं। दोनों के बीच गुण, संरचना, वजन, मूल्य आदि के संबंध में अंतर हैं। यह लेख स्टील और स्टेनलेस स्टील के बीच ऐसे ही अंतरों से संबंधित है।

May 10, 2024, 16:06 IST
स्टील और स्टेनलेस स्टील में अंतर
स्टील और स्टेनलेस स्टील में अंतर

स्टील और स्टेनलेस स्टील दोनों ही धातुएं हैं और विश्व में प्रयुक्त होने वाली सामान्य सामग्रियां हैं। इनका व्यापक रूप से वाणिज्यिक और उपभोक्ता अनुप्रयोगों में उपयोग किया जाता है। स्टील और स्टेनलेस स्टील के बीच ताकत, लचीलापन, कठोरता व लागत आदि के मामले में गुण अलग-अलग होते हैं। इसके अलावा मुख्य अंतर उन घटकों में है, जो स्टील को उपयोगी बनाने के लिए इसमें जोड़े जाते हैं। इस लेख में स्टील और स्टेनलेस स्टील के बीच अंतर को लेकर जानकारी दी गई है।

पढ़ेंः भारत के किस चुनाव में EVM Machine का पहली बार हुआ था इस्तेमाल, जानें

स्टील और स्टेनलेस स्टील के बीच अंतर

-स्टील का निर्माण कार्बन में लोहा मिलाकर किया जाता है, जिससे लोहा कठोर हो जाता है। इसे सादा कार्बन स्टील या माइल्ड स्टील के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें कम गलनांक के साथ कार्बन की मात्रा अधिक होती है। दूसरी ओर स्टेनलेस स्टील में क्रोमियम की मात्रा अधिक होती है, जो स्टील की सतह पर एक अदृश्य परत बना देती है, जो उसे दाग लगने से बचाती है।

-जब स्टील से स्टेनलेस स्टील तैयार किया जाता है, तो उसमें क्रोमियम, निकल, नाइट्रोजन और मोलिब्डेनम मिलाया जाता है। स्टेनलेस स्टील संक्षारण प्रतिरोधी होता है तथा स्टील पर दाग और जंग लगने का खतरा रहता है। स्टेनलेस स्टील पर आसानी से जंग नहीं लगता और यह खराब नहीं होता है।

-स्टील और स्टेनलेस स्टील की मजबूती: स्टील, स्टेनलेस स्टील की तुलना में थोड़ा अधिक मजबूत होता है, क्योंकि इसमें कार्बन की मात्रा कम होती है। इसके अलावा, कठोरता के मामले में यह स्टील से भी कमजोर है।

 

-चुंबकीय गुण: आमतौर पर स्टेनलेस स्टील गैर-चुंबकीय होता है यानी स्टेनलेस स्टील की 300 श्रृंखला में क्रोमियम और निकल होता है, जो इसे गैर-चुंबकीय बनाता है लेकिन स्टेनलेस स्टील की 400 श्रृंखला में केवल क्रोमियम होता है, जो इसे चुंबकीय बनाता है, जबकि स्टील चुंबकीय होता है।

-दिखावट: कार्बन स्टील साधारण होता है, तथा उस पर मैट फिनिश होती है, जबकि स्टेनलेस स्टील चमकदार होता है। स्टेनलेस स्टील पर क्रोमियम की कोटिंग उसे प्राकृतिक अवस्था में ही आकर्षक बना देती है, तथा उसे पेंट करने की आवश्यकता भी नहीं होती।

-स्टेनलेस स्टील की तुलना में कार्बन स्टील अधिक लचीला, टिकाऊ होता है और इसमें ऊष्मा वितरण भी उचित होता है।

-स्टील की तुलना में स्टेनलेस स्टील की तापीय चालकता कम होती है।

-कार्बन स्टील कठोर एवं मजबूत होता है। इसके चुंबकीय गुणों के कारण इनका उपयोग मोटरों और विद्युत उपकरणों में बड़े पैमाने पर किया जाता है और स्टेनलेस स्टील की तुलना में कार्बन स्टील में वेल्डिंग आसानी से की जा सकती है। स्टेनलेस स्टील का उपयोग कटलरी और घड़ी के रैप में किया जाता है।

-वजन: हल्के स्टील का वजन स्टेनलेस स्टील से कम होता है। कठोर बनाने के गुणों के कारण स्टेनलेस स्टील का वजन अधिक होता है तथा इसकी अधिभोग क्षमता कम होती है, क्योंकि विनिर्माण प्रक्रिया में इसे संभालना कठिन होता है।

-आमतौर पर हल्के स्टील का उपयोग किया जाता है और इसकी कीमत स्टेनलेस स्टील की तुलना में कम होती है।

उपरोक्त लेख से हमने स्टील और स्टेनलेस स्टील, उनके गुण, बनावट, संरचना आदि के बारे में सीखा।

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News