नदी भूतल पर प्रवाहित एक जलधारा है जिसका स्रोत प्रायः कोई झील, हिमनद, झरना या बारिश का पानी होता है तथा किसी सागर अथवा झील में गिरती है। जहाँ पर नदी सागर से मिलती है, उस जगह खारे और मीठे पानी के मिलने से, नदी द्वारा बहा कर लाई गई मिट्टी आदि जमा होने लगती है। इस कारण धीरे धीरे नदी की धारा कई छोटे छोटे भागों में बँट जाती है। नदिया द्वारा लाये गए अवसाद या तो डेल्टा का निर्माण करते हैं या फिर एस्टूरी का।
एस्टूरी और डेल्टा में अंतर
आधार | कारण |
अर्थ | एस्टूरी ,एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां समुद्र का खारा पानी नदियों के ताजे पानी के साथ मिलाता है। डेल्टा, नदी के मुहाने पर उसके द्वारा बहाकर लाय गए अवसादों के निक्षेपण से बनी त्रिभुजाकार आक्रति होती हैं। |
प्रकार | एस्टूरी: तटीय मैदान एस्टूरी; टेक्टोनिक एस्टूरी; बार निर्मित एस्टूरी; और फ्जोर्ड एस्टूरी । डेल्टा: चापाकार डेल्टा (Arcuate Delta), पंजाकर डेल्टा (Bird foot Delta), ज्वारनदमुखी डेल्टा, परित्यक्त डेल्टा (Abandaned Delta), प्रगतिशील डेल्टा (Growing delta), और अवरोधित डेल्टा (Blocked delta) |
निर्माण | एस्टूरी: जब नदियाँ समुद्र में मिलती हैं। उस मिलने के स्थान पर खारे और मीठे पानी मिलते हैं और नदी द्वारा बहा कर लाई गई मिट्टी आदि जमा होने लगती है। इस कारण धीरे धीरे नदी की धारा कई छोटे छोटे भागों में बँट जाती है। इस प्रकार एस्टूरी का निर्माण होता है। डेल्टा: ऐसे भूभाग को कहा जाता है, जो नदी द्वारा लाए गए अवसादों के संचयन से निर्मित हाता है। विशेषत: नदी के मुहाने पर, जहाँ वह किसी समुद्र अथवा झील में गिरती है। इस भूभाग का आकार साधारणत: त्रिभुज जैसा होता है। |
कहा निर्माण होता है | एस्टूरी: इसका निर्माण उच्च ज्वार वाले क्षेत्र में होता है तथा ऐसे नदिया इनका निर्माण करती हैं जो रिफ्ट घाटी से होते हुए बहती हैं। डेल्टा: इसका निर्माण निम्न ज्वार वाला क्षेत्र में होता है तथा यहाँ तटीय पौधे पाए जाते हैं। |
उर्वरता | एस्टूरी: कभी उपजाऊ भूमि नहीं बनाते हैं। डेल्टा: नदियों द्वारा लाये गए अवसाद उपजाऊ भूमि बनाते हैं। |
कृषि और आवास के लिए अनुकूल स्थितियां | एस्टूरी: यह वन्यजीव निवास के लिए उपयुक्त होता है और कृषि के लिए उपयुक्त नहीं होता है। डेल्टा: कृषि के लिए उपयुक्त होता है। |
नदी और डेल्टा की विशेषताएं एक क्षेत्र की भूविज्ञान द्वारा निर्धारित की जाती हैं और आंतरिक संरचना, रासायनिक और जलवायु स्थितियों से प्रभावित होती हैं। जिन नदियों का बड़ा बहाव क्षेत्र बड़ी होती है, लंबी दुरी तक बहती है और अवसादो के संचयन करते हुए जब समुन्द्र में मिलती हैं तब डेल्टा का निर्माण करती हैं क्युकी इन अवसादो को समुंद्री लहरें बहा नहीं पाती। वही एस्टूरी का निर्माण करने वाली नदियो का बहाव क्षेत्र छोटा होता है और रिफ्ट घाटी से गुजरते हुए सीधे समुन्द्र में मिल जाती है।
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