Economic Survey 2025: आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी, भारतीय अर्थव्यवस्था के बढ़ने की उम्मीद

Jan 31, 2025, 17:44 IST

Economic Survey 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के दोनों सदनों में साल 2024-25 की आर्थिक सर्वेक्षण की समीक्षा रिपोर्ट पेश कर दी है। इसमें महंगाई दर से लेकर ग्रोथ रेट के बारे में बताया गया है। क्या कहती है रिपोर्ट, हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे।

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2025
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2025

Economic Survey 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को अपने कार्यकाल का 8वां बजट पेश कर रही हैं। इससे पहले उन्होंने संसद के दोनों सदनों में साल 2024-25 की आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट पेश कर दी है। इस रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष की समीक्षा के साथ-साथ अगले वित्त वर्ष में आर्थिक चुनौतियों का आकलन किया गया है। क्या कहती है समीक्षा रिपोर्ट, हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे।

Economic Survey 2025: क्या कहती है समीक्षा रिपोर्ट 

-आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक, मजबूत बाहरी खाते और स्थिर निजी खपत के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है।

-उच्च सार्वजनिक पूंजीगत व्यय और व्यावसायिक अपेक्षाओं में सुधार होने की वजह से निवेश गतिविधियों में सुधार होने की उम्मीद है।

-सर्वेक्षण रिपोर्ट में कह गया है कि खाद्य पदार्थों में बफर स्टॉक बढ़ाने के साथ-साथ बाजार में खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति में कमी की स्थिति में आयात में ढील से सरकार के प्रशासनिक उपाय मुद्रास्फिति को स्थिर रखने में मदद कर रहे हैं।

-रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2026 वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.3-6.8 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। वहीं, मुद्रास्फिति वित्त वर्ष 2024 के 5.4 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2025(अप्रैल-दिसंबर) में 4.9 प्रतिशत पर आई है।

-समीक्षा में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत की आर्थिक संभावनाएं संतुलित हैं। साथ ही, विकास की प्रतिकूल परिस्थितियों में बढ़ी हुई भू-राजनीतिक व्यापार अनिश्चितताएं शामिल हैं। वहीं, वैश्विक विपरित परिस्थितियों से निपटने के लिए रणनीतिक, विवेकपूर्ण नीति प्रबंधन और घरेलू बुनियादी सिद्धांतों को मजबूत की आवश्यकता बताई गई है।

-आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट की मुताबिक, भारत को जमीनी स्तर के सरंचनात्मक सुधारों व विनियमनों के द्वारा वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार की जरूरत को बताया गया है। 

- रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई देशों में मौद्रिक नीति सख्त करने के बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिति अनुकूलता मुख्य मुद्रास्फिति दरों में परिलक्षित हुई है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि ब्राजील, भारत और चीन जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों में खाद्यान उपज में बदलाव लाने से वैश्विक खाद्य मुद्रास्फिति में रोक लगी है। 

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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