उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जो कि देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों का केंद्र माना जाता है। भारत के उत्तरी भाग में स्थित उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ है, जबकि इलाहाबाद (प्रयागराज) इसकी न्यायिक राजधानी है।
राज्य के कुल क्षेत्रफल की बात करें, तो यह 2,40,928 वर्ग किलोमीटर है, जो इसे भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य बनाता है। राज्य की सीमाएं उत्तर में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश और पूर्व में बिहार और झारखंड से मिलती हैं।
राज्य में गंगा, यमुना, घाघरा और सरयू जैसी महत्त्वपूर्ण नदियां बहती हैं, जो इसे कृषि के लिए उपयुक्त बनाती हैं। राज्य के प्रत्येक जिले की अपनी विशेषता है। इस कड़ी में क्या आप यूपी के ऐसे शहर के बारे में जानते हैं, जो कि विधवाओं के शहर के रूप में भी जाना जाता है। कौन-सा है यह शहर, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
उत्तर प्रदेश में कुल जिले और मंडल
उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। राज्य में कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं, जो कि चार संभागों का हिस्सा हैं। इनमें पूर्वांचल, मध्य उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड हैं। कुछ किताबों में बघेलखंड और रोहिलखंड का भी जिक्र है। इसके अतिरिक्त यहां 351 तहसील, 75 नगर पंचायत, 200 नगर पालिक पारिषद्, 28 विकास प्राधिकरण और 5 विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण हैं। प्रदेश का सबसे पूर्वी जिला बलिया, सबसे उत्तरी जिला सहारनपुर, सबसे दक्षिणी जिला सोनभद्र और सबसे पश्चिमी जिला शामली है।
किस जिले को कहा जाता है विधवाओं का शहर
अब सवाल है कि आखिर किस जिले को विधवाओं का शहर भी कहा जाता है, तो आपको बता दें कि मथुरा जिले के वृंदावन शहर को विधवाओं का शहर भी कहा जाता है। भारत का यह शहर धर्म व कर्म के लिए जाना जाता है। यहां मौजूद मंदिर देश-दुनिया के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
क्यों कहा जाता है विधवाओं का शहर
वृंदावन में देशभर से विधवाएं पहुंचती हैं। बीबीसी एक रिपोर्ट के मुताबिक, यहां कुछ विधवाएं अपनी मर्जी से पहुंची हैं, तो कुछ घर वालों के खराब बर्ताव की वजह से यहां आई हैं। राधा-कृष्ण की इस नगरी में कई आश्रम बने हुए हैं, जहां विधवाएं रहती हैं।
यहां रहने वाली विधवाएं सुबह-शाम मंदिरों में भजन-कीर्तन के लिए पहुंचती हैं, जहां से इनके खाने की व्यवस्था हो जाती है। ऐसे में यहां मंदिरों के पास आपको कई विधवा महिलाएं यहां आने वाले श्रद्धालुओं के माथे पर तिलक लगाते हुए मिल जाएंगी।
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