भारत के पहले रक्षा मंत्री कौन थे, जानें

वर्तमान में यदि भारत के रक्षा मंत्री की बात करें, तो यह बात सभी को पता है कि राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री हैं। हालांकि, यदि बात की जाए कि भारत के पहले रक्षा मंत्री कौन थे, तो शायद ही कुछ लोग इस सवाल का उत्तर दे सके। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम भारत की आजादी के साथ बने भारत के पहले रक्षा मंत्री के बारे में जानेंगे। 

Aug 9, 2023, 18:48 IST
रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री

भारत में वर्तमान में रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी राजनाथ सिंह की है। राजनीतिक और देश की सुरक्षा के लिहाज से यह पद सबसे महत्वपूर्ण पदों में से एक है। बीते वर्षों में भारत-पाक और भारत-चीन युद्ध को देखते हुए भी रणनीतिक रूप से भी कैबिनेट मंत्री का यह पद महत्वपूर्ण है।

वर्तमान के रक्षा मंत्री के नाम के बारे में सभी लोगों को पता है। हालांकि, यदि पूछा जाए कि भारत के पहले रक्षा मंत्री कौन थे, तो शायद बहुत कम लोगों को इस सवाल का उत्तर पता होगा। भारत की आजादी के साथ उस समय विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर नई मंत्रियों ने भी अपनी पद की शपथ ली थी। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम भारत के पहले रक्षा मंत्री के बारे में जानेंगे। 

 

यह थे भारत के पहले रक्षा मंत्री

भारत के पहले रक्षा मंत्री का बात करें, तो पहले रक्षा मंत्री के तौर पर बलदेव सिंह का नाम आता है। बलदेव सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े नेता थे, जिन्हें देश के आजाद होने पर पहले रक्षा मंत्री के रूप में चुना गया था। 

 

दुनिया के पहले सिख रक्षा मंत्री थे बलदेव

बलदेव सिहं के नाम पर इतिहास में एक और उपलब्धि दर्ज है। भारत में जब उन्हें पहला रक्षा मंत्री बनाया गया था, तो वह पूरी दुनिया में रक्षी मंत्री बनने वाले पहले सिख नेता थे। 

 

बलदेव सिंह का जीवन

बलदेव सिंह का जन्म 11 जुलाई 1902 में पंजाब के डुमना गांव में हुआ था। उनके पिता एक उद्यमी थे। ऐसे में बलदेव सिंह को अपने पिता की स्टील की फैक्ट्री में काम संभालने का मौका मिला। उन्होंने 1937 में पंजाब प्रांतीय सभा से चुनाव में जीत हासिल की और अपना करियर शुरू किया। 

साल 1942 में जब भारत में क्रिस्प मिशन आया, तो बलदेव सिंह को सिख समुदाय की तरफ से बात रखने के लिए पेश किया गया। हालांकि, यह मिशन फेल हो गया। इसके बाद वह कई प्रमुख घटनाओं में शामिल रहे। 

1952 में बने सांसद

साल 1951-52 में जब पहली बार चुनाव हुए, तो वह सांसद के रूप में चुने गए। हालांकि, इस दौरान उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू को ज्वाइन नहीं किया। साल 1957 में वह फिर से सांसद चुने गए। 

 

1961 में हो गई थी मृत्यु

बलदेव सिंह की साल 1961 में एक लंबी बीमारी के बाद दिल्ली में ही मृत्यु हो गई थी। वह अपने पीछे अपने दो बेटों सरजीत सिंह और गुरदीप सिंह को छोड़ गए थे। 

 

हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। हालांकि, क्या आपको भारत में पहली राज्यपाल महिला के बारे में पता है। यदि नहीं, तो आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर जान सकते हैं। 

 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

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