एक पुरानी कहावत है कि यदि असली भारत को देखना है, तो इसके गांवों में भ्रमण कर असली भारत को देखा जा सकता है। वहीं, यह कहा भी जाता है कि असली भारत गांवों में बसता है। भारत के विभिन्न राज्यों में आपको गांव देखने को मिल जाएंगे, जो संबंधित राज्य की संस्कृति के साथ-साथ वहां के खान-पान व अन्य चीजों को दर्शाते हैं। हालांकि, अभी हाल में ही सीमा सड़क संगठन(BRO) की ओर से एक गांव को भारत का पहला गांव घोषित किया गया है। साथ ही इसके लिए एक बोर्ड भी लगाया गया है। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि कहां है यह गांव और क्या है गांव की कहानी। जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
इस राज्य में है भारत का पहला गांव
भारत का पहला गांव उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गांव को घोषित किया गया है। दरअसल, इस गांव को पहले भारत का अंतिम गांव बोला जाता था। लेकिन, हाल ही में उत्तरखंड के मुख्यमंत्री द्वारा सोशल मीडिया पर इसे लेकर एक तस्वीर साझा की गई है, जिसमें भारत का पहला गांव माणा का बोर्ड लगा हुआ है। यह बोर्ड सीमा सड़क संगठन(BRO) द्वारा लगाया गया है।
भारत-चीन सीमा पर स्थित है यह गांव
भारत का माणा गांव भारत-चीन सीमा पर स्थित है। यह सरस्वती नदी के किनारे बना हुआ है। वहीं, चार धामों में शामिल बद्रीनाथ शहर भी यहां से तीन किलोमीटर की दूरी पर है।
इसलिए घोषित किया गया पहला गांव
दरअसल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने बीते दिनों कहा था कि माणा गांव देश का पहला गांव था और यहां देश के बॉर्डर पर स्थित हर गांव को देश का पहला गांव होना चाहिए। इसे लेकर केंद्र सरकार ने Vibrant Village स्किम शुरू की है।
क्या है Vibrant Village स्किम
यह स्किम केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई है। इसके तहत चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 19 जिलों के 46 बॉर्डर ब्लॉक के गांवों को शामिल किया गया है, जहां उन गांव का समग्र विकास किया जाएगा। इस स्किम की मदद से गांव में स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ने के साथ उन क्षेत्रों में टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा। इन राज्यों में अरूणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख शामिल है।
क्यों खास है माणा गांव
माणा गांव वुलन गार्मेंट्स और मटिरियल के लिए जाना जाता है, जिन्हें विशेष रूप से भेड़ की ऊन से तैयार किया जाता है। ऐसे में यहां से मिलने वाले कपड़े अधिक गर्म होते हैं। इसके अलावा यह गांव आलू की खेती के साथ राजमा के लिए भी मशहूर है।
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