भारत देश विश्व में सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है और विभिन्न सांस्कृतिक विरासत का संगम है। यहां पर हर तीज त्यौहार काफी आस्था के साथ मनाए जाते हैं। कुंभ मेला भी इन्हीं आयोजनों में से एक है। हिंदू धर्म में कुंभ मेले का बड़ा ही महत्व है। सम्पूर्ण दुनिया से बहुत से लोग आते हैं। कुंभ मेला 2019 में प्रयागराज में आयोजित किया गया है। क्या आप जानते हैं कि कुंभ मेला क्यों मनाया जाता है, भारत के सिर्फ चार स्थानों में ही इसका आयोजन क्यों किया जाता है, कब से इसको मनाने की शुरुआत हुई, इत्यादि। आइये इस प्रश्नोत्तरी के माध्यम से कुंभ मेले के बारे में अध्ययन करते हैं।
1. महाकुंभ मेला एक ही जगह कब आयोजित किया जा सकता है?
A. 3 साल
B. 6 साल
C. 12 साल
D. 144 साल
Ans: D
व्याख्या: 144 वर्ष में एक बार जब सौरमंडल में कुछ विशिष्ट घटनाएं होती हैं, जो आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होती हैं और इन्हीं मौकों पर महाकुंभ मेले का आयोजन होता है।
2. कुंभ का क्या अर्थ होता है?
A. कलश
B. अमृत
C. देव
D. मेला
Ans: A
व्याख्या: कलश को कुंभ कहा जाता है। कुंभ का अर्थ होता है घड़ा। इस पर्व का संबंध समुद्र मंथन के दौरान अंत में निकले अमृत कलश से जुड़ा है।
3. किस आधार पर तय किया जाता है कि कुंभ मेले का आयोजन कहां किया जाएगा?
A. राशि
B. सूर्य
C. चंद्रमा
D. पृथ्वी
Ans: A
व्याख्या: कुंभ मेला किस स्थान पर लगेगा यह राशि तय करती है। यह राशियों की विशेष स्थिति पर निर्भर करता है। कुंभ के आयोजन में नवग्रहों में से सूर्य, चंद्र, गुरु और शनि की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसलिए इन्हीं ग्रहों की विशेष स्थिति में कुंभ का आयोजन होता है।
4. कुंभ मेला किस शहर में आयोजित नहीं किया जा सकता है?
A. हरिद्वार
B. प्रयागराज
C. वाराणसी
D. नासिक
Ans: C
व्याख्या: कुंभ मेले का आयोजन प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में किया जाता है।
5. जब गुरु कुंभ राशि में होता है और सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है तब कुंभ कहां लगता है?
A. हरिद्वार
B. प्रयागराज
C. नासिक
D. उज्जैन
Ans: A
व्याख्या: विष्णु पुराण के अनुसार, जब गुरु कुंभ राशि में होता है और सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है तब हरिद्वार में कुंभ लगता है।
6. कुंभ के आयोजन में नवग्रहों में से किन ग्रहों की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है?
A. सूर्य
B. चन्द्र
C. शनि
D. इनमें से सब
Ans: D
व्याख्या: कुंभ के आयोजन में नवग्रहों में से सूर्य, चंद्र, गुरु और शनि की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसलिए इन्हीं ग्रहों की विशेष स्थिति मंु कुंभ का आयोजन होता है।
7. सिंहस्थ का क्या अर्थ होता है?
A. कुंभ मेले से
B. सिंह राशि से
C. उज्जैन से
D. इनमें से सब
Ans: D
व्याख्या: सिंहस्थ का संबंध सिंह राशि से है। सिंह राशि में बृहस्पति एवं मेष राशि में सूर्य का प्रवेश होने पर उज्जैन में कुंभ का आयोजन होता है। इसके अलावा सिंह राशि में बृहस्पति के प्रवेश होने पर कुंभ पर्व का आयोजन गोदावरी के तट पर नासिक में होता है। इसे महाकुंभ भी कहते हैं, क्योंकि यह योग 12 वर्ष बाद ही आता है।
8। 2019 में कुंभ मेले का आयोजन कहां किया जा रहा है?
A. हरिद्वार
B. उज्जैन
C. प्रयागराज
D. नासिक
Ans: C
व्याख्या: 15 जनवरी, 2019 से प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन किया गया है और यह 4 मार्च, 2019 तक चलेगा।
9. उज्जैन में किस नदी पर कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है?
A. सरस्वती
B. गोदावरी
C. क्षिप्रा
D. गंगा
Ans: C
व्याख्या: अमृत की बूंदें चार जगहों पर गिरी थी:- गंगा नदी (प्रयाग, हरिद्वार), गोदावरी नदी (नासिक), क्षिप्रा नदी (उज्जैन)। इसलिए इन नदियों पे कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।
10. प्रत्येक कितने वर्षों में कुंभ आता है?
A. 3 वर्ष
B. 6 वर्ष
C. 12 वर्ष
D. 144 वर्ष
Ans: A
व्याख्या: इन चार स्थानों पर प्रत्येक तीन वर्ष के अंतराम में कुंभ का आयोजन किया जाता है।
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