नई दिल्ली भारत की राजधानी कैसे बनी?

Dec 7, 2020, 17:42 IST

जैसा की हम जानते हैं कि भारत की राजधानी नई दिल्ली है परन्तु क्या आप जानते हैं कि कैसे और कब दिल्ली भारत की राजधानी बनी. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

New Delhi Capital of India
New Delhi Capital of India

भारत की राजधानी नई दिल्ली है और यह एक एतिहासिक राजधानी है परन्तु यह कब भारत की राजधानी बनी. नई दिल्ली से पहले भारत की राजधानी क्या थी. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

नई दिल्ली भारत की राजधानी कब और कैसे बनी?

12 दिसंबर को दिल्ली को भारत की राजधानी बनाने का एलान किया गया था और 13 फरवरी 1931 को दिल्ली को आधिकारिक तौर पर राजधानी घोषित किया गया. इसका विवरण निचे दिया गया है.

भारत की राजधानी नई दिल्ली की आधारशिला तत्कालीन सम्राट जॉर्ज पंचम द्वारा रखी गई थी. यह आयोजन 1911 के दिल्ली दरबार में हुआ था. शहर की वास्तुकला और योजना दो ब्रिटिश आर्किटेक्ट, सर हर्बर्ट बेकर (Sir Herbert Baker) और सर एडविन लुटियन (Sir Edwin Lutyens) द्वारा बनाई गई थी. 13 फरवरी 1931 को भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन ने दिल्ली का उद्घाटन देश की नई राजधानी के रूप में किया था. तब से, नई दिल्ली देश को चलाने के लिए आवश्यक सभी शाखाओं (विधायी, न्यायपालिका और कार्यकारी) के साथ सरकार का केंद्र बन गई.

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नई दिल्ली से पहले भारत की राजधानी क्या थी?

भारत की राजधानी नई दिल्ली बनने से पहले, कोलकाता 1911 तक देश की राजधानी थी. हालाँकि, दिल्ली कई साम्राज्यों का वित्तीय और राजनीतिक केंद्र थी, जिन्होंने पहले भारत पर शासन किया था. इसके कुछ बेहतरीन उदाहरण दिल्ली सल्तनत के शासनकाल के साथ-साथ मुगलों के शासनकाल 1649-1857 से हैं. भारत में अंग्रेजों के आने के बाद कई चीजें बदल गईं. 1900 के शुरुआती दौर में  ब्रिटिश प्रशासन ने ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने के बारे में सोचा था.

कलकत्ता से दिल्ली भारत की राजधानी स्थानांतरित करने के पीछे क्या कारण था?

राजधानी स्थानांतरित करने के लिए जिन मुख्य कारणों को बताया गया था, उनमें से एक दिल्ली का स्थान यानी लोकेशन था. कलकत्ता देश के पूर्वी तटीय भाग में स्थित था, जबकि दिल्ली उत्तरी भाग में स्थित था. भारत की ब्रिटिश सरकार के अनुसार  दिल्ली से भारत पर शासन करना आसान और अधिक सुविधाजनक था. इस प्रस्ताव को ब्रिटिश राज ने स्वीकार कर लिया था और फिर 12 दिसंबर 1911 को दिल्ली दरबार के दौरान, भारत के तत्कालीन शासक जॉर्ज पंचम (George V) ने क्वीन मैरी (Queen Mary) के साथ घोषणा की कि भारत की राजधानी कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित कर दी जाएगी. घोषणा के साथ ही, कोरोनेशन पार्क (Coronation Park), किंग्सवे कैंप (Kingsway Camp) की आधारशिला भी रखी गई थी. यह वायसराय का निवास स्थान था.

पृष्ठभूमि (Background)

जैसे की उपर बताया गया है कि दिल्ली के लिए प्रारंभिक योजना और वास्तुकला दो ब्रिटिश आर्किटेक्ट, हर्बर्ट बेकर (Herbert Baker) और एडविन लुटियन ( Edwin Lutyens) द्वारा बनाई गई थी. वे तब ब्रिटेन में अग्रणी आर्किटेक्ट थे. योजना के स्वीकृत होने के बाद, शहर के निर्माण का अनुबंध सोभा सिंह (Sobha Singh) को दिया गया. प्रथम विश्व युद्ध के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ और 1931 तक पूरा निर्माण समाप्त हो गया.
 

शहर का उद्घाटन भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन (Lord Irwin) ने 13 फरवरी 1931 को किया था. जब शहर का उद्घाटन किया गया था, तो शहर को विस्तारित करने की भी योजना बनाई गई. विभिन्न वास्तुकारों ने अपने विचारों और प्रेरणाओं को वाइसराय के सामने प्रस्तुत किया लेकिन उनमें से अधिकांश को वायसराय द्वारा खारिज कर दिया गया. अस्वीकृति के पीछे मुख्य कारण भारी लागत शामिल थी.

यहीं आपको बता दें कि एक बार जब ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली में स्थानांतरित हो गई, तो 1912 में उत्तरी दिल्ली में एक अस्थायी सचिवालय भवन का निर्माण किया गया. कई महत्वपूर्ण कार्यालय उस स्थान पर स्थानांतरित कर दिए गए ताकि सामान्य कामकाज प्रभावित न हो. तत्कालीन ब्रिटिश भारत सरकार के विभिन्न कार्यालयों के समुचित संचालन के लिए, कर्मचारियों को मद्रास प्रेसीडेंसी, कलकत्ता प्रेसीडेंसी इत्यादि से लाया गया था. 
नई दिल्ली, भारत के ब्रिटिश शासकों की राजधानी, शहर की श्रृंखला में आठवी थी जो शासकों द्वारा एक के बाद एक बनाई गयी थी. अगस्त 1947 में स्वतंत्रता की प्राप्ति का कार्य संभालने वाली राष्ट्रीय सरकार ने दूसरा शहर नहीं बनाया. नई दिल्ली, हालांकि, कई गुना विस्तारित है और तेजी से परिवर्तन के दौर से गुजर रही थी. 

स्वतंत्रता के बाद, दिल्ली नए राष्ट्र की राजधानी बनी. स्वतंत्रता के आगमन के साथ, इसका महत्व कई गुना बढ़ गया और दिल्ली अब देश की राजनीतिक, आर्थिक और संस्कृति राजधानी बन गई है. दिल्ली की निर्मित धरोहरों को क्रमिक शहरों में समूहों में पाया जाता है और इन्हें भुलाया नहीं जा सकता; वे हैं कुतुब मीनार और इसके आस-पास के क्षेत्र; तुगलगाबाद, हुमायूँ का मकबरा और निज़ाम-उद-दीन औलिया; शेरशाह का किला, लाल किला और जामा मस्जिद. इनमें फ़िरोज़ शाह कोटला, सफदरजंग मकबरा, हौज़-ख़ास और लोदी मकबरे भी शामिल हैं.
तो अब आप जान गए होंगे कि नई दिल्ली को भारत की राजधानी कब बनाया गया था और किसने इसकी घोषणा की थी. इससे पहले भारत की राजधानी क्या थी, इत्यादि.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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