भारतीय रेलवे ने अपनी यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक नया कदम उठाया है। अब चोरों की खैर नहीं, क्योंकि इंडियन रेलवे अपनी सिक्योरिटी को लेकर काफी टाइट हो गई है। मुंबई के सीएसटी और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन सहित सात प्रमुख भारतीय रेलवे स्टेशनों पर एआई फेशियल रिकॉग्निशन लगाई जाएगी, ताकि लोगों के चेहरे से सभी को पहचान सकें और उन पर निगरानी रखी जाए।
इस तकनीकी का उद्देश्य व्यस्त सुरक्षा उपायों का आधुनिकीकरण और यात्री सुरक्षा को बढ़ाना है। एआई अपराधियों की पहचान करने, लापता व्यक्तियों का पता लगाने और भीड़ को अधिक प्रभावी ढंग से मैनेज करने में मदद करेगा, खासकर व्यस्त मौसम के दौरान।
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हाल ही में हुए एक अपडेट में, सात प्रमुख भारतीय रेलवे स्टेशनों को एआई-संचालित चेहरे की पहचान निगरानी प्रणाली (FIU) मिलेगी जो यात्रा और यात्री सुरक्षा की दुनिया को बदल देगी। ये रेलवे स्टेशन एआई-संचालित चेहरे की पहचान निगरानी प्रणाली (एफआईयू) लगाएंगे। यह तकनीकी कदम तकनीक की मदद से सार्वजनिक सुरक्षा को आधुनिक बनाने और बढ़ाने की एक योजना का हिस्सा है। हर स्टेशन पर हर साल लाखों यात्री आते-जाते हैं। आइए जानते हैं ये सात रेलवे स्टेशन कौन से है-
मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसटी)
यह स्टेशन अपनी दिलचस्प विक्टोरियन गोथिक स्ट्रक्चर के लिए जाना जाता है। अब एआई और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की मदद से, स्टेशन के पास अज्ञात अपराधियों की पहचान करने के लिए एक शक्तिशाली टेक्निक होगा।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (एनडीएलएस)
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन प्रतिदिन 5 लाख से अधिक यात्रियों को सेवाएं प्रदान करता है। स्टेशन पर भीड़ भाड़ रहती है और चेहरे की पहचान के साथ एआई निगरानी संभावित अपराधियों को पकड़ने में मदद करेगी। यह गुमशुदा लोगों को खोजने में भी मदद कर सकता है, खासकर त्योहारों के मौसम में जब भीड़ बहुत अधिक हो जाती है।
हावड़ा जंक्शन (कोलकाता)
हावड़ा जंक्शन भारत के सबसे बीजि और सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में से एक है। यह रेलवे स्टेशन प्रतिदिन हजारों यात्रियों को सेवा प्रदान करता है और पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एआई-आधारित फेशियल रिकॉगनाइजेशन की पहचान स्टेशन को किसी भी संदिग्ध और गुमशुदा व्यक्ति की पहचान करने में मदद करेगी। यह हावड़ा रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सियालदह रेलवे स्टेशन (कोलकाता)
अपग्रेड के लिए चुना गया यह कोलकाता का दूसरा मुख्य रेलवे स्टेशन है। स्टेशन स्थानीय और क्षेत्रीय गंतव्यों को जोड़ता है। यहां एआई फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम सुरक्षा प्रणाली में मदद करेगी। साथ ही सीसीटीवी वीडियो के जरिए लोगों और अपराधियों को पहचानने में मदद मिलेगी।
चेन्नई सेंट्रल (डॉ एमजीआर चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन)
चेन्नई सेंट्रल रोजाना लगभग 5 लाख यात्रियों को सेवाएं प्रदान करता है। स्टेशन लंबी दूरी की ट्रेनों की सेवा देता है और AI निगरानी की शुरुआत से चेहरे की स्कैनिंग और बेहतर भीड़ को संभालने में मदद मिलेगी।
सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन (हैदराबाद)
हैदराबाद का सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन भी इस योजना का एक हिस्सा है। स्टेशन रोजाना दक्षिण और मध्य भारत दोनों से लाखों यात्रियों को संभालता है। AI फेशियल रिकग्निशन टूल और निगरानी अलर्ट स्टेशन पर सुरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करेंगे।
दानापुर रेलवे स्टेशन (बिहार)
बिहार के प्रमुख स्टेशनों में से एक, दानापुर रेलवे स्टेशन को भी एआई तकनीक के लिए चुना गया है। यह स्टेशन पूर्वी और उत्तरी भारत के गंतव्यों को जोड़ता है और पटना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एआई निगरानी से स्टेशन की सुरक्षा में एक नया स्तर जुड़ जाएगा। अब हर छेड़-छाड़ और चोरी करने वालों पर निगरानी रखी जाएगी। इसके साथ ही आम जनता और खोए हुए लोगों पर भी नजर रखी जाएगी।
रेलवे स्टेशनों पर कैसे फायदेमंद है एआई फेशियल रिकग्निशन टूल
इस तकनीक की मदद से फेशियल रिकॉग्निशन कैमरा, स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग, ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR), ड्रोन के जरिए निगरानी और सीसीटीवी सर्विलांस शामिल हैं।
वहीं, इंटीग्रेटेड इमरजेंसी रिस्पांस मैनेजमेंट सिस्टम (IERMS) को भारत के 983 प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से 499 पर चालू कर दिया गया है। इसकी मदद से रेलवे स्टेशनों पर महिला यात्रियों के लिए 24X7 सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। इसके बाद एआई आधारित फेस रिकॉग्निशन सिस्टम भी लगाई जाएगी।
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