Indian Railways: क्यों नहीं होती सभी ट्रेनों में पैंट्री कार की सुविधा, जानें

Indian Railways: आपने भारतीय रेलवे का सफर किया होगा। लंबी दूरी की यात्रा के दौरान आपने भूख लगने पर पैंट्री कार में मिलने वाले खाने का भी आनंद लिया होगा। पैंट्री कार की मदद से ही ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए सुबह के नाश्ते से लेकर दोपहर और रात के खाने का प्रबंध किया जाता है। वहीं, इस बीच कई बार स्नैक्स भी मिल जाते हैं। हालांकि, कई बार लंबी दूरी की ट्रेनों में भी रेलवे पैंट्री कार की सुविधा नहीं देता है। लंबी यात्रा होने के बावजूद भी रेलवे द्वारा ऐसा क्यों किया जाता है। यह जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
20 से 22 कोच वाली ट्रेन में रेलवे की ओर से एक पैंट्री कार की सुविधा दी जाती है, जिसके माध्यम से ट्रेन में सफर के दौरान यात्रियों को खाने-पीने की सुविधा मिल जाती है। इसके लिए रेलवे की ओर से किसी निजी कंपनी को टेंडर जारी किया जाता है। टेंडर मिलने पर कंपनी रेलवे की ट्रेन में अपने कर्मचारियों के माध्यम से यात्रियों के खाने-पीने का प्रबंध करती है।
इस ट्रेन में नहीं होती पैंट्री कार की सुविधा
भारतीय रेलवे के देहरादून से हावड़ा के बीच चलने वाली दून एक्सप्रेस में पैंट्री कार की सुविधा नहीं होती है। यह ट्रेन 35 घंटे में अपना सफर पूरा करती है। वहीं, इस यात्रा के दौरान रास्ते में कुल 75 स्टेशन आते हैं। दोनों स्टेशन के बीच कुल दूरी 1562 किमी है। इस ट्रेन की औसत स्पीड 44 किलोमीटर प्रतिघंटा है, जबकि अधिकतम रफ्तार 110 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इस ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्री पैंट्री कार नहीं, बल्कि स्टेशनों पर मौजूद दुकानों से खाने-पीने का सामान लेते हैं।
इस वजह से नहीं लगाई जाती पैंट्री कार
भारतीय रेलवे लंबी दूरी होने के बावजूद भी कुछ ट्रेनों में पैंट्री कार नहीं लगाती है। इसके लिए रेलवे की ओर से कुछ मानक तय किए गए हैं, जिसके तहत पैंट्री कोच को ट्रेन से हटा दिया जाता है। नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से हम इनके न लगने का कारण जानेंगे।
1.जो ट्रेनें बेशक लंबी दूरी तक यात्रा करती है, लेकिन उनमें सफर करने वाले यात्री कम दूरी तक ही सफर करते हैं। ऐसी ट्रेनों में भी पैंट्री कार नहीं लगाई जाती है।
2.जिन ट्रेनों के अधिक स्टॉप होते हैं, उन ट्रेनों में भी पैंट्री कार नहीं होती है। क्योंकि, यात्रियों के पास स्टेशन से खरीदकर खाने-पीने का विकल्प उपलब्ध होता है।
3.जो ट्रेनें सप्ताह में एक या दो बार चलती हैं, उसमें भी पैंट्री कार नहीं होती है, क्योंकि पैंट्री कार के लिए रेलवे को टेंडर का अधिक भुगतान करना पड़ता है। ऐसे में यदि ट्रेन सप्ताह में एक या दो बार चलेगी, तो रेलवे को इससे नुकसान होगा।
इन ट्रेनों में लग सकता है पैंट्री कार
भारतीय रेलवे की ट्रेनों में पैंट्री कार लगाने के लिए ट्रेन में कम से कम 8 से 10 स्लीपर कोच होने चाहिए, जिससे उसमें सफर कर रहे यात्रियों को रास्ते में खाने-पीने की सुविधा मिल सके। वहीं, इन सबके बावजूद ऊपर दिए गए मानक भी पूरे होने चाहिए।
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