भारत में महिलाएं सामाज के हर क्षेत्र में आगे बढ़कर अपनी भागीदारी दर्ज करा रही हैं और सफलता की नई कहानियां लिख रही हैं। यही वजह है कि खेल से लेकर विज्ञान तक के क्षेत्र में महिलाओं का नाम सुनहरे अक्षरों से दर्ज हो रहा है।
देश में शिक्षा का उजियारा फैलाने में भी महिलाओं की बराबर भागीदारी रही है। देश में आयोजित होने वाली मुश्किल परीक्षाओं में भी महिलाओं का नाम टॉप रैंकिंग में शामिल रहता है।
हालांकि, एक समय ऐसा भी था जब महिलाओं के लिए शिक्षा ग्रहण करना तो दूर, घरों से निकलना भी मुश्किल था। लेकिन, फिर भी विपरित परिस्थितियों को पीछे छोड़ते हुए भारत की कुछ ऐसी महिलाएं ऐसी भी थीं, जिन्होंने शिक्षा ग्रहण कर सामाज की मुख्यधारा में जुड़कर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कराया।
ऐसे में क्या आपको भारत की पहली ग्रेजुएट महिला के बारे में पता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
यह थीं भारत की पहली ग्रेजुएट महिलाएं
भारत की पहली ग्रेजुएट महिला कांदिंबनी गांगुली थी, जिन्होंने मेडिसिन में डिग्री के साथ भारत में प्रैक्टिस की थी। इसके साथ ही वह भारत की पहली महिला थी, जिन्होंने 1884 में कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया था और स्कॉटलैंड में प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
वहीं, चंद्रमुखी बोस भी पहली ग्रेजुएट महिला के तौर पर जानी जाती हैं, जिन्होंने कांदिंबनी के साथ अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी।
कांदिंबनी गांगुली की जीवन
कांदिंबनी का जन्म 18 जुलाई 1861 को बिहार के भागलपुर में एक बंगाली कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके पिता भागलपुर के एक स्कूल में हेडमास्टर थे। उन्होंने बालीगंज स्थित महिला विद्यालय में दाखिला लिया और अपनी स्कूली पढ़ाई शुरू की। ऊपर दिया गया चित्र कांदिंबनी गांगुली का है।
इसके बाद वह कलकत्ता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा पास करने वाली पहली महिला बन गई। उन्होंने 1880 में फर्स्ट आर्ट पास किया और इसके बाद बिथुन कॉलेज से स्नातक की परीक्षा पास की। इस दौरान उनके साथ चंद्रमुखी बसु भी थी। ऐसे में कांदिबनी और चंद्रमुखी बसु स्नातक की परीक्षा पास करने के साथ देश की पहली स्नातक महिला बन गई थी।
इस तरह हुई थी मौत
कांदिंबनी ने 1883 में द्वारकानाथ गांगुली से शादी की थी, जिसके बाद उनके आठ बच्चे थे। इनमें से उनकी एक बेटी ज्योतिर्मायी एक स्वतंत्रता सेनानी थी और प्रभात चंद्रा एक पत्रकार बने थे।
उनकी एक सौतेली बेटी ने उपेंद्रकिशोर रे से शादी की थी, जो कि प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सत्यजीत रे के दादा हैं। कांदिंबनी का 3 अक्टूबर, 1923 को एक ऑपरेशन के बाद निधन हो गया था। ऊपर दिया गया चित्र चंद्रमुखी बोस का है।
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