भारत की सबसे अनोखी नदी, समुद्र में मिलने से पहले हो जाती है विलुप्त

May 23, 2023, 17:15 IST

भारत में 200 से अधिक छोटी-बड़ी नदिया हैं। इनमें कुछ नदियां विशेष रूप से जानी जाती हैं। वहीं, नदियां लोगों की आस्था का भी केंद्र रही हैं। इसी में शामिल है, भारत की एक ऐसी अनोखी नदी, जो पहाड़ों से निकलती है, लेकिन समुद्र में नहीं मिलती है, बल्कि इससे पहले ही जमीन में विलुप्त हो जाती है। कौन-सी है यह नदी और कहां से निकलती है, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

भारत की अनोखी नदी
भारत की अनोखी नदी

भारत में आपको 200 से अधिक छोटी और बड़ी नदियां देखने को मिल जाएंगी, जो कि उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत में पानी के प्रमुख स्त्रोत से लेकर लोगों की आस्था का केंद्र भी हैं। यही वजह है कि अलग-अलग नदियों के संरक्षण को लेकर केंद्र और राज्य सरकार योजना बनाकर काम करती रहती हैं। आपने विभिन्न प्रकार की नदियों की बारे में पढ़ा होगा, जिनमें अधिकांश का उद्गम स्थल पहाड़ों से होता है और अंत बंगाल की खाड़ी या फिर अरब सागर में मिलकर हो जाता है। हालांकि, क्या आपको भारत की एक ऐसी अनोखी नदी के बारे में पता है, जिसका उद्गम स्थल तो पहाड़ों से होता है, लेकिन वह समुद्र तक नहीं पहुंचती है, बल्कि इससे पहले ही वह जमीन में विलुप्त हो जाती है। कौन-सी है यह नदी और कहां से होता है इस नदी का उद्गम व कहां विलुप्त होती है यह नदी, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।  

 

यह है भारत की अनोखी नदी

भारत में सबसे अनोखी नदी लूनी नदी है, जिसका उद्गम स्थल राजस्थान के अजमेर जिले में 772 मीटर की ऊंचाई पर नाग की पहाड़ियों पर होता है। इसके बाद यह नदी राजस्थान के दक्षिण-पश्चिम भाग में होकर गुजरती है, जिसमें  बाड़मेर, जालौर, नागौर, जोधपुर और पाली जिले हैं। 

 

कितनी है नदी की लंबाई

इस नदी की कुल लंबाई 495 किलोमीटर है, जिसमें राजस्थान में इस नदी की लंबाई 330 किलोमीटर है।

 

100 किलोमीटर तक मीठा रहता है पानी

आपको बता दें कि इस नदी का पानी 100 किलोमीटर तक मीठा रहता है। हालांकि, इसके बाद यह पानी खारा हो जाता है, क्योंकि जब यह नदी राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके से गुजरती है, तब इसके पानी का स्वाद बदल जाता है। राजस्थान के कई जिलों में लोग इस नदी के पानी से सिचांई भी करते हैं। वहीं, कुछ जगहों पर इस नदी की पूजा भी होती है। 

 

कहां विलुप्त हो जाती है नदी 

पहाड़ों से निकलकर मैदानी इलाकों में यात्रा करने के बाद यह नदी कच्छ के मैदान में पहुंचती है, जहां यह नदी विलुप्त हो जाती है। ऐसे में यह नदी अनोखी नदी है, जो कि समुद्र में जाकर नहीं मिलती है। इस नदी को देखने के लिए भी लोग पहुंचते हैं, जिसके लिए मानसून का समय सबसे अच्छा बताया जाता है। वहीं, राजस्थान की संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मार्च के महीने में यहां पर थार महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है। इस महोत्सव में देश-विदेश से बड़ी संख्या में सैलानी अपनी मौजूदगी दर्ज करवाते हैं। 

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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