आईआरसीटीसी (भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम-IRCTC) ने ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों को एक झटका दिया है. निगम ने प्राइवेट ट्रेनों के लेट होने पर यात्रियों को मुआवजा देने की योजना को बंद करने का निर्णय लिया है. यह जानकारी हाल ही में एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) आवेदन के माध्यम से सामने आई है.
आईआरसीटीसी ने मुआवजा योजना को समाप्त कर दिया है. आईआरसीटीसी ने एक RTI के जवाब में बताया कि 15 फरवरी 2024 से प्राइवेट ट्रेनों के विलंब पर मुआवजा देने की योजना को समाप्त कर दिया है.
इस बदलाव से अब प्राइवेट ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को ट्रेन लेट होने पर किसी भी प्रकार का मुआवजा नहीं मिलेगा.
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कितनी मिलती थी मुआवजे की राशि:
इस योजना के तहत, 60 से 120 मिनट की देरी पर 100 रुपये और 120 से 240 मिनट की देरी पर 250 रुपये का मुआवजा दिया जाता था.
क्यों बंद हुई योजना:
आईआरसीटीसी ने गोपनीयता नीति का हवाला देते हुए इस निर्णय का कारण बताने से इनकार किया है. हालांकि, यह योजना यात्रियों को प्राइवेट ट्रेनों की ओर आकर्षित करने के लिए शुरू की गई थी, जो कि एक मार्केटिंग रणनीति का हिस्सा थी.
मुआवजे का भुगतान:
पिछले पांच वर्षों में, आईआरसीटीसी ने इस योजना के तहत कुल 26 लाख रुपये का मुआवजा यात्रियों को दिया, जिसमें अकेले 2023-24 में 15.65 लाख रुपये शामिल हैं.
क्या कोई अन्य योजना होगी शुरू:
वर्तमान में प्राइवेट ट्रेनों के लिए मुआवजा योजना समाप्त होने के बाद, यात्रियों को हर्जाना देने के लिए कोई नई योजना शुरू करने की जानकारी नहीं है. IRCTC ने स्पष्ट किया है कि प्राइवेट ट्रेनों में विलंब के मामले में अब कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा.
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