One Nation One Election: केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 17 दिसंबर 2024 को संसद में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक राष्ट्र-एक चुनाव) से जुड़े महत्वपूर्ण विधेयक को पेश किया. इससे पहले 12 दिसंबर को केंद्रीय कैबिनेट ने इस विधेयक को मंजूरी दी थी. यह विधेयक लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. वहीं इस बिल का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया, लेकिन बिल लोकसभा से पास हो गया. बिल अब JPC के पास भेजा जा रहा है.
हालांकि, विधेयक के कानून बनने से पहले लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि अगर किसी राज्य की सरकार गिरती है, तो ऐसी स्थिति में चुनाव कैसे और कब होंगे? आइए जानते हैं इस विधेयक में इसके लिए क्या प्रावधान है. आपको बताते चले कि 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' को लेकर बनाई गयी समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की थी.
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किन अनुच्छेदों में होगा संशोधन:
विधेयक के तहत संवैधानिक अनुच्छेदों में संशोधन या जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है, उसकी डिटेल्स आप यहां देख सकते है-
- अनुच्छेद 82 (A): लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का प्रावधान.
- अनुच्छेद 83: संसद के सदनों के कार्यकाल को नियमित करने का प्रावधान.
- अनुच्छेद 172 और 327: विधानसभा और चुनाव प्रक्रिया से संबंधित.
किसी राज्य-सरकार के गिरने पर क्या होगा?
वन नेशन-वन इलेक्शन विधेयक में स्पष्ट रूप से प्रावधान किया गया है कि अगर किसी राज्य की सरकार अविश्वास प्रस्ताव या अन्य कारणों से गिरती है, तो उस स्थिति में मध्यावधि चुनाव कराए जाएंगे.
- मध्यावधि चुनाव का कार्यकाल
- नई विधानसभा का कार्यकाल उस समय तक सीमित होगा, जब तक अगले आम चुनाव न हो जाएं.
- इसका अर्थ यह है कि मध्यावधि चुनाव से चुनी गई नई सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं करेगी, बल्कि शेष अवधि के लिए ही सत्ता में रहेगी.
- चुनाव आयोग की भूमिका
- विधेयक में चुनाव आयोग को निर्देशित किया गया है कि वह चुनाव की तैयारियां पहले से सुनिश्चित करे.
- इसमें ईवीएम (EVM) और वीवीपैट (VVPAT) जैसी तकनीकी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना भी शामिल है.
चुनाव की तारीख का निर्णय कैसे होगा?
विधेयक में यह भी प्रावधान है कि आम चुनाव के बाद राष्ट्रपति चुनावों की तारीखों की घोषणा करेंगे. इससे पूरे देश में चुनाव एक साथ कराने की प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सकेगा.
कब से होगा लागू:
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, 2029 के लोकसभा चुनाव के बाद यह प्रणाली पूरी तरह लागू की जा सकती है. 2024 और 2029 के चुनाव पुराने ढांचे के तहत ही कराए जाएंगे.
वन नेशन-वन इलेक्शन क्यों जरुरी:
One Nation One Election: वन नेशन-वन इलेक्शन विधेयक का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और समन्वित बनाना है. इसके तहत, किसी राज्य में सरकार गिरने की स्थिति में मध्यावधि चुनाव होंगे, लेकिन उनका कार्यकाल सीमित होगा. इस विधेयक के लागू होने से भारत में चुनावी ढांचे में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा.
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