राजकीय शोक की घोषणा केंद्र या राज्य सरकार द्वारा की जाती है. यह आमतौर पर तब होता है जब किसी प्रमुख व्यक्ति का निधन होता है, जैसे कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मामले में, जिनका निधन हाल ही में हुआ. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर यूपी सरकार ने भी सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है.
बता दें कि पूर्व PM मनमोहन सिंह के निधन के बाद राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया है, वहीं सरकार ने आज के पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है.
यह भी देखें:
नहीं रहे पूर्व PM डॉ. मनमोहन सिंह, इन 5 ऐतिहासिक कामों के लिए हमेशा याद किए जाएंगे
Jewar Airport Noida: इस दिन शुरू होगी हवाई सेवा, पहले दिन उड़ेंगी कितनी फ्लाइट्स? जानें सब कुछ
राजकीय शोक क्या होता है?
राजकीय शोक तब घोषित किया जाता है जब देश में किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति, जैसे बड़े नेता, कलाकार, या अन्य सम्मानित शख्सियत का निधन होता है, जिनका राष्ट्र के लिए बड़ा योगदान रहा हो. इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया जाता है, और औपचारिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए जाते हैं.
कौन करता है राजकीय शोक का ऐलान?
पहले: पहले राजकीय शोक की घोषणा का अधिकार केवल राष्ट्रपति के पास था. राष्ट्रपति यह निर्णय केंद्र सरकार की सलाह पर लेते थे.
अब: अब केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को यह अधिकार है. राज्य सरकारें स्वतंत्र रूप से राजकीय शोक और सम्मान की घोषणा कर सकती हैं.
राजकीय शोक की समय सीमा:
राजकीय शोक की अवधि सरकार तय करती है. उदाहरण:
- पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर 7 दिन का राजकीय शोक.
- पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर 3 दिन का शोक.
- हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर 7 दिन का शोक घोषित किया गया.
राजकीय शोक के दौरान सरकारी छुट्टी:
- केंद्र सरकार का नियम (1997): राजकीय शोक के दौरान सार्वजनिक छुट्टी अनिवार्य नहीं होती.
- विशेष परिस्थिति: जब राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री का निधन पद पर रहते हुए होता है, तब सार्वजनिक छुट्टी का प्रावधान है.
- राज्य सरकार का निर्णय: राज्य सरकारें चाहें तो अपने स्तर पर छुट्टी घोषित कर सकती हैं. जैसे, हिमाचल प्रदेश ने मनमोहन सिंह के निधन पर 2 दिन की छुट्टी का ऐलान किया.
राजकीय शोक के दौरान क्या होता है?
- राष्ट्रीय ध्वज: राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है (फ्लैग कोड ऑफ इंडिया रूल्स के तहत).
- कार्यक्रम: सभी औपचारिक और मनोरंजन कार्यक्रम रद्द कर दिए जाते हैं.
- अन्य गतिविधियाँ: केवल आवश्यक कार्य किए जाते हैं; आधिकारिक मनोरंजन पर प्रतिबंध होता है.
राजकीय शोक की प्रक्रिया में बदलाव:
पहले यह प्रक्रिया केवल केंद्र सरकार के अंतर्गत थी, लेकिन अब राज्य सरकारें भी यह निर्णय ले सकती हैं. कई बार केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग शोक की घोषणा करती हैं.
राजकीय शोक का उद्देश्य राष्ट्रीय योगदान देने वाले व्यक्तित्व के प्रति सम्मान व्यक्त करना है. इसकी अवधि और प्रक्रिया सरकार के विवेक पर निर्भर करती है. यह न केवल श्रद्धांजलि है बल्कि एक राष्ट्रीय संवेदना भी है, जो एकजुटता को दर्शाती है.
यह भी देखें:
यूपी के इन 42 जिलों की बिजली होगी प्राइवेट, सरकारी कर्मियों के लिए सेट किये गए ये नियम
Comments
All Comments (0)
Join the conversation