क्या मुद्रा स्फीति हमेशा ही अर्थव्यवस्था के लिए ख़राब होती है?

Jan 25, 2018, 00:11 IST

मुद्रा स्फीति का मतलब बाजार में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में लगातार वृद्धि से होता हैं. मुद्रा स्फीति की स्थिति में मुद्रा की कीमत कम हो जाती है क्योंकि उपभोक्ताओं को बाजार में वस्तुएं खरीदने के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ती है. ऐसी स्थिति में यह सवाल उठता है कि क्या मुद्रा स्फीति सभी लोगों और अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी है या नही?

Inflation Meaning
Inflation Meaning

मुद्रा स्फीति की परिभाषा(Definition of Inflation):
मुद्रा स्फीति का मतलब बाजार में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में लगातार वृद्धि से होता हैं. मुद्रा स्फीति की स्थिति में मुद्रा की कीमत कम हो जाती है क्योंकि उपभोक्ताओं को बाजार में वस्तुएं खरीदने के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ती है.
अर्थात
‘मुद्रा स्फीति; बाजार की एक ऐसी दशा होती है जिसमे उपभोक्ता “झोला भरकर” रुपया बाजार ले जाता है और हाथ में सब्जियां लेकर आता है’.
मुद्रा स्फीति का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
विभिन्न वर्षों के आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद यह बात सामने आई है कि कम और नियंत्रित मुद्रा स्फीति; उद्यमियों को अधिक निवेश के लिए प्रेरित करती है क्योंकि वस्तुएं और सेवाएँ महँगी होने के कारण उन्हें लागत की तुलना में अधिक कीमत मिलती है.
लेकिन यदि उद्यमियों ने इस लाभ को दुबारा निवेश नही किया और विलासिता की वस्तुओं पर खर्च कर दिया तो इकॉनमी को फायदा नही होगा; क्योंकि नए निवेश के आभाव में नए रोजगारों का सृजन नही होगा; इस कारण संसाधनों का सदुपयोग नही होगा.
मुद्रा स्फीति के नकारात्मक प्रभाव:
चूंकि मुद्रा स्फीति के कारण लोगों की वास्तविक आय कम हो जाती है जिसके कारण उनकी बचत में कमी आती है, निवेश कम होता है जिसके कारण उत्पादन कम हो जाता है जो कि आगे निर्यात को कम करता है और भुगतान संतुलन विपरीत हो जाता है. इस प्रकार अधिक मुद्रा स्फीति के कारण पूरी अर्थव्यवस्था नकारात्मक रूप से प्रभावित होती है.
समाज के कमजोर वर्ग क्या प्रभाव पड़ता है?
समाज का ऐसा वर्ग जो कि स्थिर आय प्राप्त करता है जैसे दिहाड़ी मजदूर,पेंशनभोगी, वेतनभोगी इत्यादि के लिए मुद्रा स्फीति नुकसान दायक होती है क्योंकि मुद्रा की वास्तविक कीमत में कमी होने के कारण उनकी क्रय शक्ति में कमी आती है. जैसे जिस 100 रुपये की मदद से ये लोग पहले 3 किलो प्याज खरीद लेते थे अब मुद्रा स्फीति के बाद 1 या 2 किलो ही खरीद पाएंगे.
मुद्रास्फीति का विभिन्न लोगों का प्रभाव:

 क्रम संख्या

      प्रभावित वर्ग या क्षेत्र

  प्रभाव

 1.

  उपभोक्ता

  हानि

 2.

  ऋणी

  लाभ

 3.

  ऋणदाता

  हानि

 4.

  सार्वजानिक बचत

  कमी

 5.

  सार्वजानिक व्यय

  वृद्धि

 6.

  निर्यात

  कमी

 7.

  करारोपण

  वृद्धि

 8.

  उत्पादक

  लाभ

 9.

 कृषक

  लाभ

 10.

 उद्यमी

  लाभ

 11.

  स्थिर आय समूह

  हानि

 12.

  पेंशनभोगी

  हानि

ऊपर दी गयी जानकारी के आधार पर आपको यह पता चल ही गया होगा कि मुद्रा स्फीति किसे कहते हैं और अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है.
लेकिन आप यह नही तय नही कर पा रहे होंगे की आखिर मुद्रा स्फीति अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक?

यदि भारतीय अर्थव्यवस्था के सन्दर्भ में बात की जाये तो अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यदि मुद्रा स्फीति की दर 3% से 5% के बीच में है तो यह अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद है क्योंकि इससे देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलता है जिसके कारण रोजगारों का सृजन होता है और एक सकारात्मक चक्र पूरी अर्थव्यवस्था का विकास करता है.

इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि मुद्रा स्फीति अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद है या नही यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसकी दर क्या है; यदि यह दर बहुत अधिक है तो अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक है.

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Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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