किसी भी देश में नदियों का अपना महत्त्व है, जो कि आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक रूप से जुड़ा होता है। एक तरफ नदियां कृषि के लिए जल की आवश्यकता को पूरा करती हैं, तो दूसरी तरफ जलविद्युत परियोजनाओं और मत्स्य पालन के लिए इनकी अहम भागीदारी है।
साथ ही, भारतीय संस्कृति में नदियों को मां का दर्जा दिया गया है। गंगा, यमुना, गोदावरी और कृष्णा जैसी नदियां धार्मिक तीर्थ स्थलों के रूप में जानी जाती हैं। इन नदियों के किनारे बसे नगर जैसे वाराणसी, हरिद्वार और प्रयाग धार्मिक अनुष्ठानों का केंद्र हैं।
यही वजह है कि हर साल यहां लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं। आपने भारत की अलग-अलग नदियों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि प्रायद्विपीय भारत की सबसे बड़ी नदी कौन-सी है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
क्या होता है प्रायद्विपीय भारत
प्रायद्विपीय भारत को प्रायद्वीपीय पठार भी कहा जाता है, जो कि एक अनियमित त्रिभुजाकार भूभाग है। यह मुख्यतः भारतीय उपमहाद्वीप के दक्षिणी हिस्से में मौजूद है। इसकी संरचना की बात करें, तो यह पुरानी क्रिस्टलीय, आग्नेय और रूपांतरित शैलों से बना है।
इसकी औसत ऊंचाई 600 से 900 मीटर के बीच है, जो कि उत्तर-पश्चिम में अरावली पर्वतमाला से लेकर दक्षिण में नीलगिरी पहाड़ियों तक फैला हुआ है। आपको बता दें कि इसमें दक्कन का पठार, छोटानागपुर का पठार और अन्य प्रमुख पर्वत श्रृंखलाएं शामिल हैं।
प्रायद्विपीय भारत की प्रमुख नदियां
उत्तर भारत में जिस प्रकार गंगा और यमुना जैसी प्रमुख नदियां हैं। ठीक इसी प्रकार दक्षिण भारत में भी कुछ प्रमुख नदियां शामिल हैं। प्रायद्विपीय भारत की प्रमुख नदियों की बात करें, तो यह कृष्णा, गोदावरी, ताप्ती और महानदी है।
प्रायद्विपीय भारत की सबसे बड़ी नदी
प्रायद्विपीय भारत की सबसे बड़ी नदी की बात करें, तो यह गोदावरी नदी है। इसे दक्षिण भारत की गंगा भी कहा जाता है। इसकी उत्पत्ति पश्चिमी घाट में स्थित नासिक शहर से त्रयंबकेश्वर पहाड़ियों से होती है।
गोदावरी की कुल लंबाई
यह नदी कुल 1465 किलोमीटर लंबी है। यही वजह है कि यह भारत की सबसे बड़ी नदियों में शामिल है। दक्षिण भारत में इस नदियों से कई लोगों की आस्थाएं भी जुड़ी हुई हैं।
कौन-सी हैं सहायक नदियां
गोदावरी की सहायक नदियों की बात करें, तो इसकी प्रमुख सहायक नदियों में प्राणहिता, इंद्रावती, प्रवर, सबरी, पूर्णा और मंजीरा इसकी प्रमुख सहायक नदियां हैं।
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