उत्तर प्रदेश भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे वाला राज्य है। राज्य दूसरे सबसे लंबे और इंजीनियरिंग चमत्कारों में से एक-यमुना एक्सप्रेस-वे का भी घर है। राज्य कई ऐसी सड़कों और राजमार्गों का घर बन गया है, जिसने इसे भारत के सभी राज्यों के बीच सबसे अच्छी तरह से जुड़ा हुआ राज्य होने की प्रसिद्धि दी है।
इसके साथ ही राज्य सबसे अधिक एक्सप्रेस-वे वाला राज्य भी है। यहां 6 एक्सप्रेस-वे क्रियाशील और 7 एक्सप्रेस-वे निर्माणाधीन हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे लंबे से लेकर सबसे छोटे तक, सभी एक्सप्रेस-वे की सूची इस लेख में दी गई है।
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यूपी में सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे की सूची
-गंगा एक्सप्रेस वे-594 किलोमीटर
-पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे-343 किमी
-आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे-302.22 किमी
-यमुना एक्सप्रेस-वे-165 किमी
-ऊपरी गंगा नहर एक्सप्रेस-वे-150
-दिल्ली ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे-135.6 किमी
-दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे-96 किमी
-इलाहबाद बाईपास एक्सप्रेस-वे-86 किमी
-नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे-24.5 किमी
-गंगा एक्सप्रेसवे: यह ग्रेटर नोएडा को बलिया से जोड़ने वाला एक्सप्रेस-वे है। एक्सप्रेस-वे को चार सेक्टरों में बांटा गया है। इसकी लंबाई 594 किलोमीटर है। यह प्रदेश का छठा और सबसे लंबा हाईवे है। गंगा एक्सप्रेस-वे का प्रारंभिक बिंदु एन.एच. 334, जिला मेरठ से है और यह जिला प्रयागराज में (एन.एच.-2) के बाईपास पर समाप्त होगा।
इससे मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर,अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर,हरदोई,उन्नाव,रायबरेली,प्रतापगढ़ व प्रयागराज जिले जुड़ेंगे। नई अपडेट के मुताबिक, इस एक्सप्रेस-वे का विस्तार किया गया है, जिसके बाद यह हरिद्वार से शुरू होकर वाराणसी तक जुड़ सकता है।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: यह प्रस्तावित 8 लेन एक्सप्रेस हाईवे है। यह बलिया, आज़मगढ़ शहरों को लखनऊ से जोड़ने वाला एक्सप्रेस-वे है। 343 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे भारत के उत्तर प्रदेश के सात जिलों को कवर करता है। एक्सप्रेसवे लखनऊ के चांद सराय से शुरू होता है और गाजीपुर जिले के हैदरिया गांव में समाप्त होता है।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे: यह 302.22 किमी लंबा, 6 लेन, यूपीईआईडीए द्वारा विकसित 8 लेन चौड़ी संरचनाओं वाला एक्सेस कंट्रोल्ड (ग्रीनफील्ड) एक्सप्रेस-वे है। एक्सप्रेस-वे का निर्माण विभिन्न कनेक्टिंग शहरों में सड़कों पर यातायात और प्रदूषण को कम करने और कार्बन पदचिह्न को कम करने के लिए किया गया था। फरवरी 2017 के बाद से यह सबसे लंबा परिचालन एक्सप्रेस-वे रहा है। इसका उद्घाटन 21 नवंबर 2016 को तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने किया था।
यमुना एक्सप्रेस-वे: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के बाद, 165 किलोमीटर लंबा यमुना एक्सप्रेस-वे भारत में दूसरा सबसे लंबा पहुंच-नियंत्रित एक्सप्रेस-वे है। यह 6 लेन एक्सप्रेसवे 8 लेन में परिवर्तनीय है और आगरा को जोड़ने के लिए ग्रेटर नोएडा से शुरू होता है। एक्सप्रेस-वे जेवर हवाई अड्डे की मेजबानी भी करेगा, जो भारत के अन्य शहरों के साथ भी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
ऊपरी गंगा नहर एक्सप्रेस-वे: यह 150 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे है, जिसे हिंडन एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है। इसके तहत बुलन्दशहर को हरिद्वार से जोड़ने की योजना है। यह भी एक 8 लेन एक्सप्रेस-वे परियोजना है।
दिल्ली ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे: यह 135.6 किमी लंबा राजमार्ग है। यह ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे या नेशनल एक्सप्रेस-वे-2 दिल्ली को बायपास करते हुए फरीदाबाद से सोनीपत तक कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे: 96 किमी लंबा यह एक्सप्रेस-वे डासना से शुरू होता है और मेरठ से जुड़ता है। परियोजना अभी भी निर्माणाधीन है।
-इलाहाबाद बाईपास एक्सप्रेस-वे: यह 86 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे है और स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना और राष्ट्रीय राजमार्ग-2 का एक हिस्सा है। एक्सप्रेस-वे एक लंबा पहुंच-नियंत्रित राजमार्ग है।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे: यह 24.5 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे है, जो दिल्ली को ग्रेटर नोएडा से जोड़ता है और ताज आर्थिक क्षेत्र के अंतर्गत आता है। एक्सप्रेस-वे 24.53 किमी लंबा छह लेन वाला एक्सप्रेस-वे है और उत्तर प्रदेश के सबसे व्यस्त एक्सप्रेस-वे में से एक है।
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