महत्वपूर्ण हार्मोन और उनके कार्यों की सूची

Jan 18, 2018, 14:07 IST

हमारे शरीर में विभिन्न ग्रंथियां मौजूद हैं जो अलग-अलग प्रकार के हार्मोन को स्रावित करती हैं. ये हार्मोन विकास, प्रजनन, मेटाबोलिज्म आदि के लिए आवश्यक होते हैं. विभिन्न हार्मोन्स का शरीर के आकार पर अलग-अलग प्रभाव होता हैं. यह लेख महत्वपूर्ण हार्मोन्स और उनके कार्यों की सूची से संबंधित है.

Various Hormones and their functions
Various Hormones and their functions

हार्मोन रासायनिक पदार्थ होते हैं जो जीवों की गतिविधियों का समन्वय करते हैं और विकास भी कराते है. वे अंतःस्रावी ग्रंथियों के माध्यम से हमारे शरीर में विशेष ऊतकों द्वारा स्रावित होते हैं. विभिन्न हार्मोन्स का शरीर के आकार पर अलग-अलग प्रभाव होता हैं. कुछ हार्मोन एक प्रक्रिया को शुरू या बंद करने के लिए तेज़ी से काम करते हैं और कुछ अपने कार्यों को पूरा करने के लिए काफी  समय तक लगातार कार्य करते रहते हैं. वे शरीर के विकास, यौन क्रिया, प्रजनन, मेटाबोलिज्म आदि में सहायता करते हैं. जब ये हार्मोन अधिक या कम मात्रा में स्रावित होते है तो शरीर में क्या प्रभाव पड़ता है. आइये इस लेख के माध्यम से महत्वपूर्ण हार्मोन्स और उनके कार्यों की सूची के बारे में अध्ययन करते हैं.
महत्वपूर्ण हार्मोन और उनके कार्य

Functions of various hormones
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1. थायराइड हार्मोन (Thyroid Hormone)
थायराइड ग्रंथि मूल रूप से दो हार्मोन Triiodothyronine (T3) और Thyroxine (T4), को रिलीज़ करती हैं, जो हमारे शरीर के मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करने में मदद करती है. साथ ही ये हार्मोन्स वजन को नियंत्रित करते है, ऊर्जा स्तर, आंतरिक शरीर का तापमान, त्वचा, बाल आदि के विनियमन करने में भी मदद करते हैं.
2. इंसुलिन (Insulin)

Function of insulin hormone
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यह हार्मोन अग्न्याशय ग्रंथि द्वारा रिलीज़ होता है.  अग्नामशय ग्रंथि आमाशय के पीछे पेट में पायी जाती है. यह खाने को आसानी से पचाने के लिए हार्मोन और एंजाइम का स्राव करती है. हमारे शरीर से ऊर्जा के लिए भोजन में पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट से ग्लूकोज या शुगर का इस्तेमाल करती है या भविष्य के उपयोग के लिए ग्लूकोज को स्टोर करने में मदद करती है. यह ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करती है. अगर ब्लड शुगर लेवल ज्यादा हो तो hyperglycemia और अगर कम हो तो hypoglycaemia होता है. मधुमेह (Diabetes) इंसुलिन नामक रसायन की कमी से ही तो होता है, जिसका स्राव शरीर में अग्नाशय द्वारा होता है.
3. एस्ट्रोजेन (Estrogen)
यह एक महिला सेक्स हार्मोन है जो कि अंडाशय द्वारा उत्पन्न होता है. यह भी वसा कोशिकाओं और अधिवृक्क ग्रंथि द्वारा निर्मित है. यह प्रजनन, मासिक धर्म चक्र और रजोनिवृत्ति (menopause) के लिए ज़िम्मेदार है. महिला शरीर में जब एस्ट्रोजन ज्यादा स्रावित होता है तो ब्रैस्ट कैंसर, गर्भाशय कैंसर, अवसाद, मनोदशा आदि का खतरा बढ़ जाता है. यदि एस्ट्रोजेन महिला शरीर में कम स्रावित होता है तो मुँहासे, त्वचा के घावों, हल्की त्वचा, बालों का झड़ना आदि की संभावना बढ़ जाती है.
4. प्रोजेस्टेरोन (Progesterone)
प्रोजेस्टेरोन हार्मोन अंडाशय, नाल (जब एक औरत गर्भवती हो जाती है) और अधिवृक्क ग्रंथियों द्वारा स्रावित होता है. यह शरीर में विभिन्न कार्यों को उत्तेजित और नियंत्रित करता है. यह गर्भावस्था बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह शरीर को गर्भाधान, गर्भधारण के लिए तैयार करने और मासिक चक्र को नियंत्रित करने में मदद करता है. जब गर्भावस्था नहीं होती है, प्रोजेस्टेरोन का स्तर ड्रॉप हो जाता है और मासिक धर्म चक्र होता है. यह यौन इच्छा में भी एक भूमिका निभाता है.

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5. प्रोलैक्टिन (Prolactin)
एक बच्चे के जन्म के बाद, स्तनपान कराने के लिए यह हार्मोन महिला में पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा रिलीज़ होता है, जिससे महिला स्तनपान कराने में सक्षम बनती है. गर्भावस्था के दौरान प्रोलैक्टिन हार्मोन के स्तर में वृद्धि हो जाती है. अर्थात, यह फॉलिकल स्टीम्युलेटिंग हार्मोन (inhibiting follicle stimulating hormone, FSH) और गोनैडोट्रोपिन-रिलिज़िंग होर्मोन (gonadotropin-releasing hormone, GnRH) द्वारा प्रजनन क्षमता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
6. टेस्टोस्टेरोन (Testosterone)
यह एक पुरुष सेक्स हार्मोन है. यह एक अनाबोलिक स्टेरॉइड (anabolic steroid) है जो शरीर की मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है. पुरुषों में यह पुरुष प्रजनन ऊतकों टेस्टिस (testes) और प्रोस्ट्रेट (prostrate) के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह माध्यमिक यौन विशेषताओं को बढ़ावा देता है जैसे कि मांसपेशियों और हड्डियों का शरीर में वृद्धि होना, शरीर में बालों की वृद्धि आदि. अगर टेस्टोस्टेरोन पुरुषों में अपर्याप्त मात्रा में उत्पन्न होता है तो हड्डियां कमज़ोर होने सहित कई प्रकार की असामान्यताएं हो सकती हैं.

Function of testosterone
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7. सेरोटोनिन (Serotonin)
यह एक मनोदशा बढ़ाने वाला प्रभावी हार्मोन है. इसे nature’s feel-good chemical के रूप में भी जाना जाता है. यह सीखने और स्मृति के साथ जुड़ा हुआ है, नींद को विनियमित करने, पाचन, मूड को नियंत्रित करता है. यू कहे तो सेरोटोनिन दिमाग और शरीर दोनों एक न्यूरोट्रांसमीटर और एक हार्मोन के रूप में कार्य करता है. सेरोटोनिन उत्पादन metabolization या एमिनो एसिड के टूटने की एक आंतरिक जैव रासायनिक प्रक्रिया का परिणाम है.
शरीर में सेरोटोनिन के असंतुलन के कारण, मनोदशा या तनाव स्तर को विनियमित करने के लिए मस्तिष्क पर्याप्त हार्मोन उत्पन्न नहीं कर पाता है. सेरोटोनिन का कम मात्रा में उत्पन्न होने से शरीर में अवसाद, माइग्रेन, वजन बढ़ना, अनिद्रा, कार्बोहाइड्रेट की भूक आदि हो सकता है. इसके विपरीत जब शरीर में सेरोटोनिन का स्तर अधिक होता है तो भ्रम की स्थिति, बेहोश होना आदि हो सकता है.
8. कोर्टिसोल (Cortisol)

Function of cortisol hormone
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इस हार्मोन को अधिवृक्क ग्रंथि द्वारा उत्पादित किया जाता है. यह आपको स्वस्थ और ऊर्जावान रहने में मदद करता है. इसकी मुख्य भूमिका शारीरिक और मानसिक तनाव को नियंत्रित करना है. खतरे की स्थिति में यह हृदय की दर, रक्तचाप, श्वसन आदि को बढ़ाता है. तनावपूर्ण समय में शरीर में कोर्टिसोल रिलीज़ होता है ताकि इस स्थिति का सामना सही से किया जा सके. जब शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है तो अल्सर, उच्च रक्तचाप, चिंता, कोलेस्ट्रॉल बढना आदि का कारण बनता है. इसी प्रकार शरीर में कोर्टिसोल का स्तर कम हो तो शराब पीने की आदत, क्रोनिक थकान सिंड्रोम का कारण आदि हो सकता है.
9. एड्रेनालाईन (Adrenaline)
एड्रेनालाईन हार्मोन अधिवृक्क ग्रंथि के मेडुला के साथ-साथ केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के न्यूरॉन्स में स्रावित होता है. यह आपातकालीन हार्मोन के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह त्वरित प्रतिक्रिया की शुरुआत करता है जिससे व्यक्ति को सोचने और तनाव से लड़ने में मदद मिलती है. यह मेटाबोलिज्म दर को बढ़ाता  है, हृदय और मस्तिष्क में जाने वाले रक्त वाहिकाओं का फैलाव करता है. तनावपूर्ण स्थिति के दौरान, एड्रेनालाईन रक्त में रिलीज हो जाता है और एक अच्छी प्रतिक्रिया को बनाने के लिए अंगों में आवेगों को भेजता है. यू कहे तो तनावपूर्ण स्थिति में निर्णय लेने में या रियेक्ट करने में मदद करता है.
10. वृद्धि हार्मोन (Growth Hormone)
इसे सोमैटोट्रोपिन (somatotropin) हार्मोन के रूप में भी जाना जाता है. यह मूल रूप से 190 एमिनो एसिड वाला एक प्रोटीन हार्मोन है जिसे अग्रिम पिट्यूटरी में somatotrophs नामक कोशिकाओं द्वारा संश्लेषित और स्रावित किया जाता है. यह विकास, कोशिका प्रजनन, सेल उत्थान और मेटाबोलिज्म को बढ़ावा देने में उत्तेजित करता है. यह मानव विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
उपरोक्त लेख से विभिन्न प्रकार के हार्मोन और उनके कार्यों के बारे में जानकारी मिलती हैं.

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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