भारत में मोबाइल क्रांति के 25 साल: जानें भारत में पहली मोबाइल कॉल कब और किसने की थी

Nov 6, 2020, 17:24 IST

भारत में 25 साल पहले मोबाइल कनेक्टिविटी की शुरुआत हुई थी यानी 25 साल पहले देश में पहली बार मोबाइल फोन से कॉल हुई थी. उस दौरान कॉल काफी महंगी हुआ करती थी. आइये जानते हैं कि भारत में पहली मोबाइल कॉल किसने की थी.

Mobile Revolution in India turns 25
Mobile Revolution in India turns 25

मोबाइल फोन का आज के जमाने में काफी महत्व है. इसके बिना जिंदगी की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. परन्तु 25 साल पहले मोबाइल फोन के बिना ही लोग रहा करते थे, अपना काम चलाते थे लेकिन अब इसके बिना लाइफ अधूरी है. आज के समय में मोबाइल फोन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टेलिकॉम मार्किट बन चुका  है. 

भारत में पहली मोबाइल कॉल कब और किसने की थी?

आपको बता दें कि 31 जुलाई, 1995 को भारत में मोबाइल कनेक्टिविटी का सबसे पहले पता चला था जब पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने नोकिया फोन का उपयोग करते हुए तत्कालीन केंद्रीय संचार मंत्री सुख राम को पहला मोबाइल कॉल किया था. ऐसा बताया जाता है कि ज्योति बसु ने यह कॉल कोलकाता की राइटर्स बिल्डिंग से नई दिल्ली स्थित संचार भवन में किया थी. 

भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने एक रिपोर्ट में कहा, "25 साल पहले, जब भारतीय दूरसंचार क्षेत्र उदारीकृत था और एयरटेल सहित प्लेयर्स सामने आए थे, किसी ने कल्पना नहीं की थी कि हम इतनी दूर तक आजाएंगे".

इसके बाद, भारतीय उपभोक्ताओं को लैंडलाइन कनेक्शन लेने के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था. आज, कुछ ही घंटों में, एक उपभोक्ता मोबाइल फोन खरीद सकता है और कनेक्शन को सक्रिय भी कर सकता और दुनिया भर के लोगों से तुरंत जुड़ सकता है, कॉल कर सकता है.

पिछले ढाई दशकों में, मोबाइल फोन की भी अब श्रेणियां हो गई हैं जैसे अमीरों के लिए यह एक लक्जरी गैजेट है और आम लोगों के लिए एक प्रकार का ‘मस्ट-हैव 'डिवाइस. वॉयस कॉलिंग दरों और हैंडसेट की लागत में धीरे-धीरे गिरावट ने समाज के सभी वर्गों में मोबाइल अपनाने को गति दी है.

इस अवधि के दौरान, मोबाइल टैरिफ में काफी गिरावट देखी गई है. आज, उपभोक्ताओं को मुफ्त फोन कॉल का आनंद मिलता है, लेकिन 25 साल पहले इसकी कीमत 18 रूपये प्रति मिनट थी. उस समय आउटगोइंग कॉल के साथ ही इनकमिंग कॉल के भी पैसे लगा करते थे.

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आइये अब लाइसेंस और मोबाइल प्रौद्योगिकी के बारे में अध्ययन करते हैं.

भारत ने 1994 में, निजी दूरसंचार प्लेयर्स को लाइसेंस दिया और उन्हें बाजार तक पहुंचने की अनुमति दी. इस कदम के कारण देश में मोबाइल क्रांति आई. लेकिन ऑपरेटरों को भारी नुकसान हुआ क्योंकि उन्होंने लाइसेंस के लिए लगभग 27,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया. 

बाद में सरकार ने ऑपरेटरों को समर्थन देने के लिए फिक्स्ड-लाइसेंस शुल्क को राजस्व-साझाकरण प्रणाली ( revenue-sharing system) में बदल दिया.

2002 में, टाटा टेलीसर्विसेज (Tata Teleservices), रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड ( Reliance Communications Limited) और हचिसन कोड डिवीजन मल्टीपल एक्सेस (Hutchison operated on Code Division Multiple Access, CDMA) आधारित नेटवर्क, एक दूसरी पीढ़ी के दूरसंचार मानक पर काम करते थे. कम बजट वाले वर्गों तक पहुंचने के लिए उन्होंने CDMA की शुरुआत की थी.

2004 में, इनकमिंग कॉल को मुफ्त किया गया था और पहली बार, भारत में मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं की संख्या ने लैंडलाइन उपयोगकर्ताओं की संख्या को पार कर लिया था. यानी अब लोग मोबाइल फोन की तरफ अग्रसर हो रहे थे या मोबाइल यूजर्स बढ़ रहे थे. वहीं सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) के आंकड़ों के मुताबिक, तीन साल बाद मोबाइल यूजर्स की संख्या 5 गुना बढ़कर 233 मिलियन हो गई थी.

FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) में 49% से 74% की वृद्धि होने के कारण, इस क्षेत्र ने अधिक वित्तीय प्राप्त किया जिससे मोबाइल प्रौद्योगिकी और कनेक्टिविटी में विकास को बढ़ावा मिला.

ताइवान की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी HTC ने 2009 में भारत में अपना पहला स्मार्टफोन लॉन्च किया था. उस समय उसकी कीमत लगभग 30,000 रुपये थी.

इसके बाद 2014 में चीनी ब्रांडों ने इसमें प्रवेश किया और भारतीय उपभोक्ताओं को सस्ते हैंडसेट बेचे. चीनी ब्रांड माइक्रोमैक्स, इंटेक्स और लावा जैसे देसी ब्रांडों की तुलना में अधिक लोकप्रिय हो गए थे.

और वहीं दूसरी तरफ एप्पल और सैमसंग उन लोगों को हैंडसेट बेच रहे थे जो प्रीमियम गैजेट्स की तलाश कर रहे थे.

जिओ (Jio) की एंट्री से काफी प्रभाव पड़ा?

जब 2016 में मुकेश अंबानी ने अपने रिलायंस जियो की पेशकश के साथ उद्योग में प्रवेश किया, तब तक लगातार वृद्धि देखी जा रही थी लेकिन जिओ (Jio) के आने से मौजूदा कर्म बाधित हुआ.

Jio ने अपने ग्राहकों को बेहद कम दरों पर मुफ्त वॉयस कॉल और डेटा दिया. जिसके कारण अन्य मोबाइल ऑपरेटरों ने बहुत खर्च किया और अपने मार्जिन से समझौता किया. लेकिन Aircel, Telenor जैसे मोबाइल ऑपरेटरों को दुकान बंद करनी पड़ी और फिर इस उद्योग में केवल 3 प्लेयर्स ही रह गए - Jio, Airtel और Vodafone.

Jio आज भारत का सबसे बड़ा मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर है और इसके बाद Airtel और Vodafone हैं.

तो अब आप जान गाए होंगे कि भारत में पहला कॉल किसने और कब किया था और देश में मोबाइल क्रान्ति के 25 साल हो गए हैं. आज देश में लगभग 72 करोड़ लोगों के मोबाइल फोन में इंटरनेट कनेक्शन है और पहले के मुकाबले अब भारत में कॉल रेट सस्ती भी है. 

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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