उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। यह राज्य अपनी विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। राज्य के इतिहास की बात करें, तो यह करीब 4000 साल पुराना बताया जाता है।
समय के पहिये के साथ आधुनिकता ने रफ्तार पकड़ी और धीर-धीर प्रदेश की तस्वीर बदलती गई। आज यूपी में अलग-अलग जिले हैं, जो कि अपनी खास पहचान रखते हैं। आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा।
हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यूपी का सबसे पुराना जिला कौन-सा है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
उत्तर प्रदेश का परिचय
उत्तर प्रदेश का इतिहास उठाकर देखें, तो यहां कभी कोसल और पांचाल साम्राज्य हुआ करता था। बाद में यहां शर्कियों का आक्रमण हुआ, तो उन्होंने यहां जौनपुर बसाया। कुछ समय बाद यहां मुगल पहुंचे, तो उन्होंने यहां अवध सूबा बसाया और इसकी कमान नवाबों के हाथों में दे दी।
भारत में ब्रिटिश राज हुआ, तो उन्होंने यहां उत्तर-पश्चिम प्रांत का गठन किया, जिसे बाद में अवध सूबे में मिलाकर संयुक्त प्रांत बना दिया गया। देश आजाद हुआ, तो प्रांत का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश में कुल कितने जिले हैं
उत्तर प्रदेश पूरे भारत में सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। यहां कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। ये मंडल कुल चार संभागों का हिस्सा हैं, जिनमें पूर्वांचल, पश्चिमांचल, मध्यांचल और बुंदेलखंड शामिल है। इसके अतिरिक्त, यहां बघेलखंड और रोहिलखंड का भी जिक्र मिलता है।
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा और सबसे छोटा जिला
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला लखीमपुर खीरी है, जो कि 7680 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। वहीं, सबसे छोटा जिला हापुड़ है, जो कि 660 वर्ग किलोमीटर में है। यह जिला पापड़ और स्टील उद्योग के लिए जाना जाता है।
यूपी का सबसे पुराना जिला
उत्तर प्रदेश का सबसे पुराना जिला वाराणसी को बताया जाता है। इस शहर में इंसानों के 3000 साल पुराने रहने के साक्ष्य मिले हैं। ऐसे में वाराणसी शहर भारत के सबसे पुराने शहरों में शामिल है। वाराणसी को हम बनारस और काशी के नाम से भी जानते हैं, जो कि वरूण और असी नाम की नदी के नाम से मिलकर बना है। यह शहर गंगा किनारे स्थित होने के साथ-साथ अपनी पुरातन संस्कृति और अनूठी परंपराओं के लिए देश-दुनिया में जाना जाता है।
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