भारत के उत्तर में जब भी प्रमुख राज्यों की बात होती है, तो इसमें प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश का नाम भी लिया जाता है। भारत का यह राज्य अपनी विविध संस्कति और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है। इसके साथ ही यह राज्य भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य भी है।
साल 2011 में यहां की जनसंख्या 19 करोड़ 98 लाख 12 हजार 341 दर्ज की गई थी। हालांकि, वर्तमान में यह आंकड़ा करीब 24 करोड़ पहुंच गया है। इन सब आंकड़ों के इतर प्रदेश कई प्रमुख विश्वविद्यालयों का केंद्र भी है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश का सबसे पुराना विश्वविद्यालय कौन-सा है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
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उत्तर प्रदेश में कुल केंद्रीय विश्वविद्यालय
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि उत्तर प्रदेश में कुल केंद्रीय विश्वविद्यालय कितने हैं, तो आपको बता दें कि प्रदेश में कुल 6 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं, जिसमें चार सामान्य, एक कृषि और एक विमानन विश्वविद्यालय है।
केंद्रीय विश्वविद्यालयों के नाम
अब हम प्रदेश में कुल 6 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के नाम जान लेते हैं। आपको बता दें कि ये केंद्रीय विश्वविद्यालय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय(वाराणसी), अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय(अलीगढ़), डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय(लखनऊ), इलाहबाद विश्वविद्यालय(प्रयागराज), राजीव गांधी राष्ट्रीय उड्डयन विश्वविद्यालय(अमेठी) और रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय(झांसी) है।
उत्तर प्रदेश का सबसे पुराना विश्वविद्यालय
यदि आप उत्तर प्रदेश का सबसे पुराना सबसे विश्वविद्यालय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय सोच रहे हैं, तो आप गलत हैं। क्योंकि, प्रदेश का सबसे पुराना विश्वविद्यालय इलाहबाद विश्वविद्यालय है।
कितना पुराना है विश्वविद्यालय
अब सवाल है कि इलाहबाद विश्वविद्यालय कितना पुराना है, तो आपको बता दें कि इलाहबाद विश्वविद्यालय की स्थापना 1887 में की गई थी। वहीं, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना 1916 में मदन मोहन मालवीय द्वारा वाराणसी में की गई थी।
उत्कृष्ट शिक्षा के लिए जाना जाता है विश्वविद्यालय
उत्तर प्रदेश का यह विश्वविद्यालय अपनी उत्कृष्ट शिक्षा के लिए जाना जाता है। यहां कला, विज्ञान, मानविकी, कानून और वाणिज्य संकाय के लिए जाना जाता है। इस विश्वविद्यालय ने देश को कई बड़े अधिकारी, विद्वान, शिक्षाविद् व नेता दिए हैं।
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